Uttarakhand News : प्रियंका की जुबान पकड़कर अनुपमा ने चली राजनीतिक चाल, मांग लिए 40 फीसदी टिकट

राष्ट्रीय महिला कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) की पुत्री अनुपमा रावत ने यह मांग गुरुवार को देहरादून में उठाई है।

Update: 2021-11-11 13:44 GMT

(प्रियंका गांधी के बयान का हवाला देते हुए उत्तराखंड में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की मांग उठ गई है) File pic.

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand News : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) द्वारा आसन्न यूपी चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट दिए जाने की घोषणा से उत्साहित महिला कांग्रेस (Uttarakhand Mahila Congress) ने उत्तराखण्ड के विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) में भी महिलाओं को 40 फीसदी टिकट दिए जाने की मांग उठा दी है। राष्ट्रीय महिला कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) की पुत्री अनुपमा रावत ने यह मांग गुरुवार को देहरादून में उठाई है।

इस मांग के पीछे उन्होंने (Anupama Rawat) उत्तर प्रदेश में एक जनसभा में प्रियंका गांधी के अपने संबोधन द्वारा महिलाओं को 40 फ़ीसदी टिकट देने के बयान को आधार बनाया है। कुल सत्तर सदस्यीय विधानसभा क्षेत्र से अनुपमा द्वारा 40 फीसदी (28 टिकट) महिलाओं को दिए जाने की इस मांग को उनके पिता हरीश रावत की 'दलित के बेटे को मुख्यमंत्री पद पर देखने की इच्छा' जैसे मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है।

अगले वर्ष के आरंभ में हो रहे कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में उत्तर-प्रदेश (Uttarpradesh Assembly Election 2022) के बाद उत्तराखण्ड राज्य दूसरा ऐसा महत्त्वपूर्ण राज्य है जिसके चुनावी नतीजे राष्ट्रीय फलक पर असर डालने वाले साबित होंगे। आगामी लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जाने वाले इन विधानसभा चुनावों के परिणामों को राष्ट्रीय राजनीति का भविष्य निर्धारित करने वाला भी माना जा रहा है।

ऐसे में भाजपा-कांग्रेस दोनो ही दल इस राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए की जाने वाली मशक्कत में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। सत्ता में अपनी वापसी को लेकर जहां भाजपा मामूली भी रिस्क लेना गवारा नहीं कर रही तो कांग्रेस भी सामाजिक मुददों के सहारे भाजपा की हर दिशा से घेराबंदी में जुटी है।

इसी कोशिश के चलते राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा अपने जीवन काल में एक बार दलित के बेटे को मुख्यमंत्री पद पर आसीन देखने की इच्छा व्यक्त कर राज्य के दलित वोटों को मनोवैज्ञानिक रूप से कांग्रेस से जोड़ने की पहल की है।

कांग्रेस के तरकश से निकले इस दलित कार्ड की भाजपा कोई काट निकाल पाती उससे पहले ही अब हरीश रावत की पुत्री व राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव अनुपमा रावत ने प्रियंका के शब्दों का सहारा लेकर प्रदेश की आधी आबादी को रिझाने के लिए महिला कार्ड खेल डाला है।

आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुुुए राजनीतिक दल मातृशक्ति को अपने पक्ष में करने की रणनीति के तहत श्रीमती रावत ने प्रियंका गांधी के बयान को आधार बनाकर आगामी विधानसभा चुनाव में 40 फ़ीसदी महिलाओं को टिकट दिए जाने की मांग की बाद भाजपा महिला मुददे पर रक्षात्मक मोड पर आ गयी है।

राष्ट्रीय कांग्रेस महिला की राष्ट्रीय महासचिव अनुपमा रावत ने कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखकर यह मांग की है। अनुपमा ने कहा की 2022 के विधानसभा चुनावों से ही महिलाओं को टिकट दिया जाए। उत्तराखंड में आबादी के हिसाब से भी महिलाओं की 50 प्रतिशत आबादी है। उत्तराखंड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हर क्षेत्र में बराबर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चुनावों के दौरान महिलाओं को 40 फ़ीसदी का आरक्षण मिल सके, इसके लिए केंद्र हाईकमान को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश स्तर के नेताओं को भी यह जानकारी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व महिलाओं की इस मांग को पूरा करेंगे।

हालांकि रणनीतिक तौर पर उत्तराखंड की 70 विधानसभा की सीटों में कांग्रेस 40 फ़ीसदी यानि 28 सीटों पर महिलाओं की दावेदारी की बात तो कह रही है। लेकिन इसे उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य में सामान्य रूप से असंभव समझा जा रहा है। अगर उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही अभी तक का इतिहास उठाकर देखें तो हर विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस करीब 8 सीटों (10 प्रतिशत) पर महिला उम्मीदवारों को उतारती आ रही है।

तो वहीं इस मामले में भाजपा का रिकॉर्ड कांग्रेस से भी गया गुजरा है। अमूमन भाजपा भी 5-6 सीटों पर हर विधानसभा चुनाव में महिलाओं पर दांव खेलती रही है। ऐसे में अब कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी की यूपी के संदर्भ में की गई घोषणा के अनुरूप उत्तराखण्ड में कितनी सीटों पर महिलाओं को टिकट देती है यह भविष्य ही बताएगा।

लेकिन फिलहाल छोटे से राज्य में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देना संभव नहीं लग रहा है। अलबत्ता इस घोषणा से कांग्रेस को महिला वोटों का कुछ माइलेज अपने खेमे में लाने में सहायता अवश्य मिल सकती है।

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