Varun Gandhi : क्या किसी विपक्षी दल ने संपर्क किया? इस सवाल का वरुण गांधी ने दिया ये जवाब

Varun Gandhi : वरुण गांधी ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख के सवाल के जवाब में कहा कि किस बात का कौन का क्या मतलब निकालता है, मुझे नहीं पता, लेकिन मैं राजनीति में अपना स्वार्थ साधने नहीं आया हूं....

Update: 2022-01-25 09:05 GMT

Varun Gandhi On Inflation : जनता को राहत देने के समय उन्हें किया जा रहा आहत, वरूण गांधी ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

Varun Gandhi : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल इन दिनों जोरों-शोरों से प्रचार में जुटे हैं। एक ओर जहां भाजपा फिर से सरकार में वापसी की उम्मीद लगा रही है वहीं दूसरी विपक्षी दलों ने भी योगी सरकार को हटाने के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। वहीं दूसरी सियासी गलियारों में भाजपा सांसद मेनका गांधी (Menaka Gandhi) और उनके बेटे वरुण गांधी (Varun Gandhi) को हाशिए पर रखने का मामला चर्चाओं में बना हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर चुकी है लेकिन इन दोनों कद्दावर नेताओं को उसमें शामिल नहीं किया गया है।

मेनका गांधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद हैं तो वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं। वरुण गांधी पिछले कुछ समय से अपनी ही सरकार पर हमलावर रहे हैं। उन्होंने हाथरस कांड से लेकर किसान आंदोलन को लेकर बेबाकी से अपनी राय रखी। वरुण गांधी ने सरकार पर खूब सवाल खड़े किए थे।

वरुण गांधी ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख के सवाल के जवाब में कहा कि किस बात का कौन का क्या मतलब निकालता है, मुझे नहीं पता, लेकिन मैं राजनीति में अपना स्वार्थ साधने नहीं आया हूं। मैं और मेरी मां पूरी ईमानदारी से लोगों के हितों की रक्षा के लिए तत्पर हैं और इसी के लिए राजनीति करते हैं। 

उन्होंने कहा कि बहुत कम लोग जानते हैं कि मैं सांसद के रूप में मिलने वाली तनख्वाह नहीं लेता और न ही बंगला, गाड़ी जैसी दूसरी सुविधाएं लेता हूं। वरुण गांधी ने बताया कि कोरोना काल के दौरान जब मेरे संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में दवाओं, ऑक्सीजन जैसी जरूरी चीजों का अभाव हो गयातो मैंने अपनी बेटी की एफडी तुडवा दी और उन पैसों से लोगों को दवाइयां और ऑक्सीजन सिलेंडर जैसी चीजें उपलब्ध कराई थीं। 

वरुण गांधी ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में सवाल पूछे जाने चाहिए और मेरा मानना है कि मेरी सलाह पर पार्टी और सरकार दोनोंको विचार करना चाहिए। इससे जनता का ही भला होगा। तमाम लोग अपने निजी स्वार्थ के चलते सत्ता के आगे घुटने टेक देते हैं लेकिन मेरे लिए ऐसा करना अपनी अंतरात्मा को धोखा देने जैसा है।

वरुण गांधी से जब एक इंटरव्यू में सवाल किया गया कि क्या किसी विपक्षी दल ने संपर्क किया? कौन सा विपक्षी दल अच्छा लगता है, क्या वह भाजपा में ही रहेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक दलों की नीतियों पर तो टिप्पणी कर सकता हूं लेकिन उन्हें सही या गलत करार देने का मुझे क्या अधिकार? जो दल लोगों की बात करते हैं, उनके लिए काम करते हैं, वही सही हैं। किसी विपक्षी दल के संपर्क के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस सवाल का कोई औचित्य नहीं है। मैं तो हमेशा अपने क्षेत्र की जनता के संपर्क में रहता हूं और जनता मेरे संपर्क में रहती है।

बता दें कि वरुण गांधी समय-समय पर सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं इसलिए उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी हटा दिया गया था। 

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