Varun Gandhi : वरुण गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी का वीडियो शेयर कर बीजेपी को दिया अल्टीमेटम
Varun Gandhi : वरुण गांधी द्वारा ट्वीट किया गया अटल बिहारी वाजपेयी का वीडियो 41 साल पुराना है जिसमें वह उस वक्त की सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में भाषण दे रहे हैं।
Varun Gandhi। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) का नया ट्वीट फिर मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्विटर पर कम सक्रिय दिखने वाले वरुण गांधी ने बीते 40 दिनों में 8 ट्वीट किए हैं। इनमें 8वां ट्वीट दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता अटल विहार वाजपेयी से जुड़ा है। इस ट्वीट में वाजपेयी किसानों के समर्थन में भाषण देते हुए नजर आ रहे हैं।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची से बेदखल होने के बाद कई राजनीतिक पंडित ये कयास लगा रहे हैं कि वरुण गांधी 17 साल बाद बीजेपी का दामन छोड़ सकते है। इस बीच वरुण गांधी ने वरिष्ठ भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी के 1980 के एक भाषण का उस हिस्से को ट्वीट किया है जिसमें वह किसान आंदोलन (Farmers Movement) का समर्थन कर रहे हैं।
वरुण गांधी बीते कुछ दिनों से किसान आंदोलन को लेकर मुखरता से अपनी बात रख रहे हैं। बीजेपी के वह इकलौते ऐसे सांसद हैं जिन्होंने लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के दौरान किसानों का समर्थन किया और कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें और उनकी मां मेनका गांधी (Menaka Gandhi) दोनों को पार्टी की कार्यकारी संसदीय समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जहां से बीजेपी और वरुण गांधी के बीच खटास शुरू हुई। वरुण गांधी ने यहीं से अपने तेवर तीखे करने शुरू कर दिए।
अभी हाल ही में वरुण गांधी ने एक ट्वीट किया था जो काफी ज्यादा चर्चा का विषय बना था। इस ट्वीट में उन्होंने चेतावनी दी थी कि कुछ लोग लखीमपुर की घटना को हिन्दू - सिख की लड़ाई बनाना चाहते हैं। उनका ये इशारा अपनी ही पार्टी के आलाकमान के लिए माना जा रहा था। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था। इस बार भी उन्होंने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिखा। कैप्शन में बस 'एक दरियादिल वाले नेता का शब्द' लिखा है।
वरुण गांधी द्वारा ट्वीट किया गया अटल बिहारी वाजपेयी का वीडियो 41 साल पुराना है जिसमें वह उस वक्त की सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में भाषण दे रहे हैं। अगर आज के संदर्भ में भी इस वीडियो को देंखे तो इसका मतलब यही है कि किसान सरकार से डरने वाले नहीं है।
वरुण गांधी के इस ट्वीट के कई सारे मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि वरुण गांधी ने बीजेपी को अल्टीमेटम दे दिया है, सब कुछ ठीक नहीं हुआ तो पार्टी छोड़ सकते हैं। दूसरा की भले ही मुझे कार्यकारी संसदीय समिति से बाहर कर दिया हो लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं किसानों के समर्थन में आवाज उठाता रहूंगा। तीसरा मायने ये हो सकता है कि मोदी सरकार किसानों को डराने की कोशिश ना करे और इन्हे कमजोर ना समझे। मैं किसानों की इस लड़ाई में इनके साथ हूं।
सभी कयासों का कुल मतलब यही निकाला जा रहा है कि वरुण गांधी किसान आंदोलन के जरिये बीजेपी के खिलाफ बिगुल फूंक चुके हैं। लेकिन अभी अधिकारिक तौर पर उन्होने पार्टी और आलाकमान के बारे में कुछ नहीं बोला है।
बड़ा सवाल ये है कि क्या वरुण पार्टी छोड़ेंगे या फिर पार्टी में रहकर ही खिलाफत करते रहेंगे। जिस पार्टी में नेता सांस नहीं ले पा रहे हैं वहां वरुण गांधी का बोलना मुश्किल ही है। वरुण गांधी पार्टी छोड़ने के बाद किसी तरफ रुख करते है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। साल 2019 में वरुण गांधी ने पत्रकारों से कहा था कि अगर मैं जिस दिन बीजेपी को छोड़ूंगा उसके बाद राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
इस नये ट्वीट के जरिये वरुण गांधी ने साफ संकेत दे दिए हैं कि अब वो चुप बैठने वाले नहीं है। वरुण गांधी के बारे कम लोग ही जानते होंगे कि वह किसानों के हालात पर 'अ रूरल मनेफिस्टों' नाम की किताब भी लिख चुके हैं।