Jharkhand : मॉब लिंचिंग विधेयक 2021 का विहिप ने किया विरोध, कहा - मतांतरण कराने वालों के लिए 'रक्षा कवच'

लिंचिंग की घटना में मौत होने पर दोषी को मृत्यु दंड तक की सजा का प्रावधान किया गया, ताकि राज्य में हिंसक भीड़ द्वारा गैर कानूनी ढंग से तोड़-फोड़, मारपीट की घटना में किसी को क्षति पहुंचाने या मौत की नींद सुलाने का कोई दुस्साहस न करे।

Update: 2021-12-24 12:53 GMT

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झारखंड मॉब लिंचिंग विधेयक 2021 पर विशद कुमार की रिपोर्ट

झारखंड विधानसभा ( Jharkhand Vidhansabha ) से पारित माॅब लिंचिंग विधेयक ( Jharkhand Mob Lynching Bill 2021 ) का विरोध करते हुए विहिप ( VHP ) के प्रांत प्रचार-प्रसार प्रमुख संजय कुमार ने इसे गो तस्करी को बढ़ावा देने वाला बताया है। उन्होंने कहा है कि इस विधेयक के कानून बन जाने से आदिवासियों का मतांतरण कराने में तेजी आएगी। इसका विरोध करने वालों को डर बना रहेगा कि इस कानून का सहारा लेकर उसे झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा। उन्होंने इसे मतांतरण कराने वालों के लिए रक्षा कवच करार दिया है।

विहिप के प्रांत प्रचार-प्रसार प्रमुख संजय कुमार ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस कानून का पूरजोर विरोध करेगी। इस विषय को लेकर जल्द ही राज्यपाल से मिलकर विरोध दर्ज कराएगी। विधानसभा से पारित विधेयक का संगठन का विधि प्रकोष्ठ अध्ययन कर रहा है। आवश्यकता पड़ी तो कोर्ट में इसे लेकर याचिका भी दायर की जाएगी।

मतांतरण और गो-तस्करी को मिलेगा बढ़ावा

उन्होंने कहा कि झारखंड के कई जिलों में मतांतरण तेजी से बढ़ रहा है। पाकुड़ कभी आदिवासी बहुल जिला हुआ करता था, पर आज उसका स्वरूप बदल चुका है। आदिवासी ही वहां अल्पसंख्यक हो गए हैं। वैसे ही खूंटी ईसाई बहुल जिला हो गया है। अब खतरा इस बात का है कि इस कानून का सहारा लेकर मतांतरण या गो तस्करी के काम को खुलेआम किया जाएगा। ऐसे कार्यों में संलग्न रहनेवालों को किसी कानून का डर ही नहीं रहेगा। पश्चिम बंगाल की तरह झारखंड में भी इस तरह के कानून का दुरुपयोग होगा। पश्चिम बंगाल में यदि कोई मतांतरण, गो तस्करी या गो मांस तस्करी का विरोध करता है तो उसपर माब लिंचिंग कानून लगा कर जेल में डाल दिया जाता है।

मॉब लिचिंग के लिए सुर्खियों में रहा है झारखंड

दरअसल, झारखंड में पिछले दिनों में मानवाधिकार हनन के मामलों मे आदिवासियों और मुसलमानों पर गोमांस बेचने व खाने के आरोप लगा कर हिन्दुत्ववादी गुंडों द्वारा माॅब लिंचिंग की घटनाएं भी चर्चे में रही हैं। अभी तक सरकार और पुलिस इन पर चुप रही है। पिछले रघुवर सरकार के शासन के दौरान 24 से भी ज्यादा लोगों की लिंचिंग गोमांस खाने व बेचने के नाम पर हुई हत्याएं राष्ट्रीय स्तर पर चर्चे में रही हैं। जुलाई, 2020 में दुमका व जमशेदपुर में गोमांस खाने व बेचने के आरोप में आदिवासियों की हिन्दुत्ववादी भीड़ द्वारा पिटाई की गई थी।

सितंबर 2020 में सिमडेगा के सात आदिवासियों को बेरहमी से पीटा गया। उनका मुंडन किया गया और उनसे जबरन जय श्री राम का नारा लगवाया गया। ज्यादातर मामलों में पीड़ितों को सहायता नहीं मिली और पुलिस दोषियों को बचाने में जुटी रही।

लिंचिंग कानून के दोषियों को मृत्यु दंड भी संभव

लिंचिंग के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के काफी दिनों बाद 7 दिसंबर को मॉब लिंचिंग की घटना रोकने के लिए राज्य सरकार ने द झारखंड (प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग) बिल 2021 का ड्राफ्ट तैयार किया। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार झारखंड के लोगों की संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए यह बिल ला रही है। इसमें दोषियों के विरुद्ध तीन तरह की सजा का प्रावधान किए गए। लिंचिंग की घटना में मौत होने पर दोषी को मृत्यु दंड तक की सजा का प्रावधान किया गया, ताकि राज्य में हिंसक भीड़ द्वारा गैर कानूनी ढंग से तोड़-फोड़, मारपीट की घटना में किसी को क्षति पहुंचाने या मौत की नींद सुलाने का कोई दुस्साहस न करे। अब उस ड्राफ्ट को गृह विभाग द्वारा स्वीकृति दिए जाने के बाद उस पर कैबिनेट की भी स्वीकृति मिल गई और यह कानून का रूप ले लिया। जिसमें स्पीडी ट्रायल, 30 दिनों में अंतरिम मुआवज़ा, SP द्वारा केस का अनुश्रवण आदि शामिल है।

नए कानून के मुताबिक मॉब लिंचिंग क्या है?

झारखंड मॉब लिंचिंग विधेयक 2021 के अनुसार दो या दो से अधिक लोगों के समूह के द्वारा किसी व्यक्ति के साथ की गई घटना मॉब लिंचिंग होगी। साथ ही, किसी के व्यवसाय या कारोबार का बहिष्कार करना या उनकी आजीविका अर्जन को बाधित करना, कोई व्यक्ति जहां वह स्थायी रूप से रहता है, उसे बाहर करना मॉब लिंचिंग में आएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल या परिवहन सहित लोक सेवाओं से सार्वजनिक रूप से अपमानित करना, ऐसे व्यक्ति को उनके मूल अधिकारों से वंचित करना या फिर वंचित करने की धमकी देना, ऐसे व्यक्ति को उनकी सहमति के बिना उनके अपने घर या मामूली तौर से निवास या आजीविका के स्थान को छोड़ने के लिए विवश करना भी भीड़ हिंसा में शामिल होगा।

मॉब लिंचिंग कानून बनाने वाला झारखंड तीसरा राज्य

झारखंड (भीड़ हिंसा व माॅब लिंचिंग निवारण) विधेयक 2021 में दंड के कई प्रावधान किए गए हैं। झारखंड विधानसभा से 21 दिसंबर को इस विधेयक को मंजूरी मिल गई। विपक्ष की आपत्तियों, विरोध और उनके सदन से बहिष्कार के बीच यह विधेयक मंजूर हो गया। पश्चिम बंगाल और राजस्थान के बाद मॉब लिंचिंग पर विधेयक पारित करने वाला झारखंड देश में तीसरा राज्य बन गया है। धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान, भाषा, लैंगिक असमानता, राजनीतिक संबद्धता, नस्ल या फिर किसी अन्य आधार पर हिंसा का कोई कृत्य या हिंसा में मृत्यु, या फिर योजनाबद्ध तरीके से की गई हो यह भी लिंचिंग में आएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए किसी व्यक्ति को लिंच करने के लिए मॉब को उकसाने का प्रयास भी भीड़ हिंसा में आएगा। मॉब लिंचिंग की घटना के बारे में जो जानकारी रखता है वह साक्षी के रूप में होगा। मॉब लिंचिंग में घटना के आधार पर सजा तय की गई है। अगर भीड़ हिंसा में पीड़ित घायल होता है तो दोषी को एक निश्चित समय तक के लिए सजा दी जाएगी। इसे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा। वहीं, भीड़ हिंसा में पीड़ित घायल या भी अपंग होता है तो दोषी को आजीवन कारावास हो सकती है।

भाजपा ने किया बिल का विरोध

दरअसल, 21 दिसंबर मंगलवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन था, जहां संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने मॉब लिंचिंग रोकने के लिए विधेयक को सदन में प्रस्ताव रखा। जिस पर स्पीकर ने मतदान कराया और सभी ने अपना मत भी रखा। इस तरह से झारखंड में अब मॉब लिंचिंग पर कानून बन गया। विपक्षी पार्टी बीजेपी ( BJP ) ने चर्चा के दौरान जमकर हंगामा किया। बीजेपी के विधायक वेल तक पहुंच गए। उन्होंने इस कानून को लेकर सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप भी लगाया। पार्टी के तीन विधायकों अमर बाउरी, अमित मंडल और रामचंद्र चंद्रवंशी ने संशोधन प्रस्ताव भी लाया, लेकिन उनके सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए गए।

सीएम सोने बोले - अब लोग निडर होकर रहें

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (  CM Hemant Soren ) ने झारखंड (भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण) विधेयक 2021 विधानसभा से पारित होने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अब राज्य के सभी लोग अपने-अपने क्षेत्रों में अपना काम निर्भीक और निडर हो कर कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि समय-समय पर बहुत सारे घटनाक्रम हम सब के सामने घटते रहते हैं। कई चीजों को बहुत साधारण रूप में देखा जा सकता है। कई घटनाएं असाधारण तरीके से हम सब के सामने आ जाती है। घटना अच्छी या बुरी कई प्रकार की हो सकती हैं। कई घटनाएं संगीन होती हैं, अपराधी भी होते हैं। राज में सभी समाज, सभी वर्ग के लोग सौहार्दपूर्ण शांति और खुशहाली से रहे यह हम सब का दायित्व बनता है और यही सभी चाहते हैं। लेकिन कभी-कभी कुछ असामाजिक तत्व, जिसका न नाम है न पहचान होता है, वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आते और आम नागरिकों को काफी तकलीफ देने का काम करते हैं।

मॉब लिंचिंग रोकने की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की

पुलिस अधिकारियों की मॉब लिंचिंग रोकने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। थाना प्रभारी अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसी किसी भीड हिंसा की आशंका को रोकने या काबू पाने के लिए कानूनी अधिकार का उपयोग कर सकेंगे। वहीं, आईजी स्तर के एक अधिकारी को कोर्डिनेटर नियुक्त किया जाएगा, जिसे नोडल ऑफिसर कहा जाएगा। वे लिंचिंग रोकने के लिए मॉनिटरिंग और को-ऑर्डिनेट करेंगे।

सोरेन सरकार पर लगा तुष्टिकरण का आरोप

भाजपा ने इस विधेयक के माध्यम से सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा विधायकों ने इस पर कई संशोधनों का प्रस्ताव दिया, लेकिन वह स्वीकार नहीं हो सका। भाजपा विधायकों ने सरकार के इस कदम को एक वर्ग को खुश करने के लिए कदम बताया और कहा कि यह आदिवासी व मूलवासी के खिलाफ षडयंत्र है। भाजपा विधायक अमित मंडल ने कहा कि राजनीतिक फायदा के लिए यह बिल लाया गया है। मॉब लिंचिंग के शिकार को दुर्बल बताना सही नहीं है, सामान्य नागरिक होना चाहिए।

2021 में झारखंड में मॉब लीचिंग की घटनाएं :

19 मार्च 2021

गुमला : हत्या के आरोपी रामचंद्र उरांव को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।

13 मार्च 2021

रांची : मोबारक खान को बाइक चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला।

10 मार्च 2021

रांची : सचिन कुमार वर्मा को ट्रक चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार दिया।

16 सितंबर 2020

सिमडेगा : राज सिंह, दीपक कुल्लू, इमानुएल टेटे, सुगाद डाग, सुलीन बारला, रोशन डांग, सेम किड़ो को गौकशी के आरोप में पीटा, उनका सर मुंडवाया और जय श्री राम के नारे लगवाए।

2 जुलाई 2020

दुमका : गाय मांस बेचने के आरोप में छोटेलाल टुडू और मंडल मुर्मू को पीटा गया।

2 जुलाई 2020

पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) : गाय का मांस खाने के आरोप में रमेश बेसरा की पिटाई की गई।

23 जून 2020

गोड्डा : बकरी चोरी के आरोप में बबलू शाह और उचित्त कुमार यादव को भीड़ ने जमकर पीटा था, जिसमें बबलू शाह की मौत हो गई थी।

11 मई 2020

दुमका : शुभान अंसारी को बकरी चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार दिया। दुलाल मियां जख्मी हो गए थे।

18 अप्रैल 2020

रामगढ़ : पेशाब कर रहे जाबिर अंसारी उर्फ राजू का नाम पूछकर पीटा गया।

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