UP Election 2022 : क्या हुआ था जब CM रहते राजनाथ सिंह ने अपने ही दो मंत्रियों को बर्खास्त कर एक को करवा दिया था गिरफ्तार?
पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के कैंट स्थित आवास से अपह्रत राहुल मधेसिया को बरामद कर लिया था। एक राज्यमंत्री के घर से अपह्रत राहुल की बरामदगी के बाद सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया था...
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश में 1996 से 2000 के दौरान प्रदेश की राजनीति में बेहद निर्णायक मोड़ आ गए थे। साल 2000 में राजनाथ सिंह चीफ मिनिस्टर बने। उस समय उन्हें अपनी ही सरकार में शामिल दो मंत्रियों को बर्खास्त कर देना पड़ा था। ये दो मंत्री थे नरेश अग्रवाल और अमरमणि त्रिपाठी। राजनाथ ने अमरमणि त्रिपाठी को तो गिरफ्तार तक करा दिया था।
बात साल 2000 की है, जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। उनकी सरकार में नरेश अग्रवाल ऊर्जा मंत्री थे। नरेश अग्रवाल कल्याण सिंह सरकार के समय से ही सरकार से समर्थन वापिस लेने की धमकी देकर दबाव डाल रहे थे। लेकिन राजनाथ सिंह अलग तरह के थे। नरेश अग्रवाल बिजली को लेकर इधर-उधर तब ऐसे बयान दे देते जो सरकार के लिए मुसीबत बन जाते थे। बीजेपी नेताओं ने उनसे कई मर्तबा बात की लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे।
इसी दौरान नरेश अग्रवाल ने हरिद्वार में लोकतांत्रिक कांग्रेस का सम्मेलन बुलवाया। इस सम्मेलन में उनने मौजूदा राजनाथ सरकार को बिजली की आपूर्ति में बाधा के लिए जिम्मेदार ठहराया। और तो और अग्रवाल ने सरकार के खिलाफ सड़क तक पर उतरने की चेतावनी दे डाली। जिससे नाराज राजनाथ ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। बाद में राजनाथ ने खुद फ़ोन कर नरेश अग्रवाल को इसकी सूचना भी दी थी।
इसी तरह राजनाथ सरकार में राज्यमंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी की बर्खास्तगी का कारण व्यापारी के बेटे का अपहरणकांड बना था। दरअसल, पूर्वांचल के एक नामचीन व्यापारी के 16 वर्षीय पुत्र राहुल मधेसिया का अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ता उसे नेपाल ले जाने की फिराक में थे।
बताया जाता है कि इसी बीच पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के कैंट स्थित आवास से अपह्रत राहुल मधेसिया को बरामद कर लिया था। एक राज्यमंत्री के घर से अपह्रत राहुल की बरामदगी के बाद सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया था। फिर क्या था, सीएम राजनाथ ने अमरमणि त्रिपाठी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। बाद में इसी मामले को लेकर अमरमणि को हिरासत में ले लिया गया था।