कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी ने पूछा मेरी मां की क्या गलती, जो भाजपा ने उम्मीदवारी कर दी रद्द

नाबालिग से बलात्कार के जुर्म में सजायाफ्ता पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की बेटी ने वीडियो के माध्यम से अपनी मां का पक्ष रखते हुए सवाल पूछा, "आपसे सिर्फ अपनी मां की गलती पूछना चाहती हूं। वो दागी कैसे हुईं। क्या मुझे और मेरी मां को सम्मान से जीने का अब हक नहीं है...

Update: 2021-04-15 13:32 GMT

जनज्वार। नाबालिग से बलात्कार और हत्या के जुर्म में सजायाफ्ता के आरोप में जेल की सींखचों के पीछे बंद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर का नाम मीडिया में एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा की वजह है सेंगर की बेटी, जिसनेअपनी मां संगीता सेंगर की पंचायत चुनावों में उम्मीदवारी रद्द किये जाने को अन्यायपूर्ण बताते हुए एक वीडियो बयान जारी किया है। 

गौरतलब है कि कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को पहले उन्नाव में पंचायत चुनाव के लिए भाजपा द्वारा टिकट दिया गया था, लेकिन बाद में मीडिया द्वारा इस पर सवाल उठाए जाने के बाद उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई।

सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर वीडियो में कहती सुनी जा सकती है, "किसी भी मामले में, नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता - क्या फर्क पड़ता है अगर मेरा उपनाम सेंगर है। सोशल मीडिया पर कुलदीप सेंगर की बेटी ने भावुक वीडियो पोस्ट करते हुए हिंदी में अपनी बात रखी और मां की उम्मीदवार रद्द किए जाने के फैसले पर कई सवाल दागते हुए पूछा है कि आखिर उसकी मां और उसके परिवार की क्या गलती है, जो उनका टिकट ग्राम पंचायत चुनाव में काट दिया गया।

सेंगर की बेटी ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या उसके परिवार को हमेशा अन्याय सहना पड़ेगा। वीडियो में पूर्व विधायक की बेटी ने कहा, "मेरा नाम क्या है इससे शायद अब फर्क ही नहीं पड़ता, लेकिन मेरा सरनेम सेंगर है। पिछले तीन साल से मेरे परिवार पर अन्याय पर अन्याय किया जा रहा है। मेरी मां संगीता सेंगर पिछले 15 वर्षों से उन्नाव में जिला पंचायत सदस्य हैं। सक्रिय राजनीति का हिस्सा रही हैं। ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपना हर दायित्व निभाती आ रही हैं। इसी कारण सभी सदस्यों द्वारा उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष भी चुना गया। आज एक महिला नेता की योग्यता, उनका अनुभव, उनकी मेहनत को ताक पर रख दिया गया।"

वह आगे कह रही है, इस देश में महिलाओं के लिए आरक्षण तो तय कर दिया गया है, लेकिन जब वो चुनाव के लिए आगे आती हैं तो उनके पिता और पति कौन हैं, ये क्यों महत्वपूर्ण हो जाता है? क्या एक औरत की योग्यता किसी की बीवी या बहन होने से कम हो जाती है? उसकी खुद की कोई पहचान नहीं?

पूर्व विधायक की बेटी ने वीडियो के माध्यम से अपनी मां का पक्ष रखते हुए सवाल पूछा, "आपसे सिर्फ अपनी मां की गलती पूछना चाहती हूं। वो दागी कैसे हुईं। क्या मुझे और मेरी मां को सम्मान से जीने का अब हक नहीं है। आज बोल रही हूं, क्योंकि एक बार अन्याय को फिर से चुपचाप सुन लिया तो शायद जमीर जिंदा रहना न गंवारा करे।"

गौरतलब है कि नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुलदीप सेंगर तिहाड़ जेल में है। उसके परिवार का उन्नाव में काफी प्रभाव है और इसे अपने समुदाय की सहानुभूति भी प्राप्त है, जो मानता है कि पूर्व विधायक को मामले में झूठा फंसाया गया है।

जेल में उम्रकैद की सजा पाए कुलदीप सेंगर को पिछले साल फरवरी में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था।

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