'EVM पर उंगली उठाने की शुरुआत करने वाली भाजपा आज क्यों बनी ईवीएम की सबसे बड़ी पैरोकार' भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने उठाया सवाल

EVM SCAM : यदि देश के नागरिकों को बैलेट पेपर से चुनाव करवाने में ज्यादा भरोसा है तो चुनाव आयोग को क्या आपत्ति है? जब नागरिक बैलट पेपर से चुनाव को ज्यादा विश्वसनीय मानते हैं तो चुनाव आयोग बैलट पेपर से चुनाव करवाए....

Update: 2024-01-11 10:24 GMT

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EVM SCAM : चुनावों से ठीक पहले ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक हलकों में छाया हुआ है। मुख्य विपक्षी दलों के अलावा तमाम छोटे—छोटे संगठन और दल भी ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग कर रहे हैं। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने भी ईवीएम का विरोध करते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की वकालत की है।

चंद्रशेखर आजाद कहते हैं, 'जनता का जनता द्वारा जनता के लिए शासन लोकतंत्र है और देश में इन्ही अधिकांश लोगों एवं सभी राष्ट्रीय दलों (सत्तारूढ़ दल बीजेपी को छोड़) को ईवीएम मशीनों द्वारा चुनाव करवाने की व्यवस्था को लेकर संशय है! चुनाव आयोग इस संशय को दूर नहीं कर पाया है। निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव लोकतंत्र का आधार हैं। यदि देश के नागरिकों को बैलेट पेपर से चुनाव करवाने में ज्यादा भरोसा है तो चुनाव आयोग को क्या आपत्ति है? जब नागरिक बैलट पेपर से चुनाव को ज्यादा विश्वसनीय मानते हैं तो चुनाव आयोग बैलट पेपर से चुनाव करवाए।'

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चंद्रशेखर आगे सवाल उठाते हैं, 'भाजपा के द्वारा ही ईवीएम मशीनों पर उंगली उठाने की शुरुआत हुई, लेकिन आज भाजपा ईवीएम की सबसे बड़ी पैरोकार है। इससे ईवीएम पर शक और पुख्ता हो जाता है। सारे विश्व में अधिकांश लोकतांत्रिक और विकसित देशों में भी बैलट पेपर से ही चुनाव होते हैं। वहां कोई उंगली नहीं उठाता। यदि चुनावी व्यवस्था पर ही संशय पैदा हो जाए तो कैसा लोकतंत्र? मेरी चुनाव आयोग से अपील है कि लोगों की आकांक्षाओं और चुनावी व्यवस्था पर विश्वास को पुनर्स्थापित करने के लिए बैलट पेपर से ही चुनाव करवाए जाएं। भाजपा को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

वैज्ञानिक और शायर गौहर रजा भी ईवीएम पर लगातार सवाल उठाते रहते हैं, जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश से हुई बातचीत में वह कई बार बता चुके हैं कि ईवीएम में थोड़ा सा गड़बड़झाला करके बड़ी जीत हासिल की जा सकती है। समय—समय पर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, आप सांसद संजय सिंह समेत तमाम विपक्षी दिग्गज नेता ईवीएम को कटघरे में खड़ा कर इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते आये हैं।

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गौरतलब है कि पिछले साल कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विपक्षी गठबंधन की तरफ से चुनाव आयोग को 9 अगस्त 2023 को ज्ञापन देकर ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे पर चर्चा और सुझाव को लेकर बैठक की मांग की थी। जयराम रमेश का दावा है कि उन्होंने इसके बाद भी कई बार चुनाव आयोग से बैठक को लेकर मांग की गयी, लेकिन बैठक नहीं हुई। जयराम रमेश ने 30 दिसंबर 2023 को चुनाव आयोग को ईवीएम से चुनाव न कराये जाने को लेकर एक पत्र लिखा, जिसे सोशल मीडिया पर भी साझा किया गया। इस पत्र के माध्यम से विपक्षी गठबंधन ने मांग की कि वीवीपैट की पर्चियों की ईवीएम से 100 फीसदी मिलान किया जाए। इस मांग पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि 30 दिसंबर 2023 को कोई नया दावा या कोई वैध चिंताएं नहीं उठाई गई हैं, जिसके लिए किसी स्पष्टीकरण की जरूरत हो।'

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