PM मोदी क्या सदन में आकर कहेंगे कि मणिपुर हिंसा के लिए वह हैं जिम्मेदार और उनकी वजह से हुआ कत्लेआम

Manipur violence : मणिपुर में अब तक 140 से ज्यादा लोग मर चुके हैं और 60 हजार से ज्यादा लोग ऑफिशियल जानकारी के मुताबिक बेघर हो चुके हैं। भाजपाई मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह खुद कहते हैं कि जो आपने वीडियो देखा है, मणिपुर की महिलाओं के निर्वस्त्र परेड का ऐसे 100 से ज्यादा वीडियो वहां हैं...

Update: 2023-07-27 05:44 GMT

Manipur Violence : प्रधानमंत्री मोदी गृहयुद्ध जैसे हालातों से जूझते मणिपुर पर एकदम मौन हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकार वाले मणिपुर पर उनकी जुबान खोलने के लिए अब विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है, जिस पर उन्हें किसी भी हालत में अपना मौन तोड़ना होगा और सदन में भाजपा के चाणक्य अमित शाह ने इसके संकेत भी दे दिये हैं। वहीं दूसरी तरफ मणिपुर पर मोदी को जुबान खोलने के लिए मजबूर करने वाले विपक्ष का प्रमुख चेहरा राहुल गांधी पर उनकी मंत्री स्मृति ईरानी हमलावर हुयी हैं। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बुधवार 26 जुलाई को संसद में बोलते हुए कहा कि मणिपुर में राहुल गांधी ने आग लगाई है।

मणिपुर में अब तक 140 से ज्यादा लोग मर चुके हैं और 60 हजार से ज्यादा लोग ऑफिशियल जानकारी के मुताबिक बेघर हो चुके हैं। भाजपाई मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह खुद कहते हैं कि जो आपने वीडियो देखा है, मणिपुर की महिलाओं के निर्वस्त्र परेड का ऐसे 100 से ज्यादा वीडियो वहां हैं। ऐसे में सवाल है कि मणिपुर पर आखिर मोदी विपक्ष के सवालों पर मौन कैसे साध सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के इंडिया नाम से प्रधानमंत्री मोदी इतना चिढ़ गये कि उसकी तुलना आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से कर डाली। भाजपा के संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष के नए नाम INDIA पर तंज कसते हुए कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी में भी इंडिया था और इंडियन मुजाहिदीन में भी इंडियन है, लेकिन सिर्फ इंडिया नाम रखने से इंडिया नहीं हो जाता।

कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये बताया कि आखिर अविश्वास प्रस्ताव सरकार के खिलाफ लाने की विपक्ष को जरूरत क्यों पड़ी। मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ कांग्रेस नहीं लाई है, बल्कि पूरा इंडिया गठबंधन लेकर आया है, जिसमें तमाम विपक्षी दल शामिल हैं। विपक्ष ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी को दोनों के समक्ष आकर विस्तृत ब्यूरो देना चाहिए कि मणिपुर में जो स्थिति है, वो हिंसा के इस मुकाम तक कैसे पहुंचा।

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खड़गे ने सदन में बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी पिछले 5-6 दिन से सदन में नहीं आ रहे, वह बतायें कि आखिर वह कहां व्यस्त हैं। हमारी मांग है कि मणिपुर पर महाराज जुबान खोलें, अपना मौनव्रत तो तोड़ें और देश को बतायें कि आखिर मणिपुर में कुकी-मैती संघर्ष के बीच आखिर गृहयुद्ध छिड़ा कैसे, जगकि वहां भाजपा की डबल इंजन सरकार है।

जहां एक तरफ विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है, वहीं हमारे प्रधानमंत्री महोदय पूजा कार्यक्रम में व्यस्त रहे। हालांकि नॉर्थ ईस्ट कभी भी उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं रहा, अगर होता तो अब तक वहां हालात सुधर चुके होते।

चुनाव जीतने के बाद और चुनाव जीतने से पहले की मोदी की जुबान में जमीन आसमान का फर्क है। जब नेतागण चुनावी मैदान में होते हैं तेा जनता के लिए पलक पावड़े बिछा देते हैं और जब जीत दर्ज कर लेते हैं तो जनता उनके किसी काम की नहीं रहती। ऐसा ही कुछ मणिपुरी जनता के साथ हो रही है, जो खौफ के साये में जी रही है और प्रधानमंत्री हैं कि उनकी जुबान तक नहीं खुल पाती।

मणिपुर पर मुंह खोलने का प्रधानमंत्री मोदी पर इतना दबाव है कि वह तरह-तरह के सवालों के बाद भी सदन में उपस्थित नहीं होना चाहते। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि उनहें जवाब देना कतई पसंद नहीं हैं, हां वह घंटों तक भाषण जरूर दे सकते हैं। अपने 9 साल के शासन में उन्होंने साबित किया है कि एक प्रधानमंत्री के बतौर सवाल पूछा जाना उन्हें गंवारा नहीं। अगर उनसे यह सवाल पूछ लिया जाए कि आपके होते हुए या डबल इंजन की सरकार में मणिपुर जो गृहयुद्ध झेल रहा है, जो दो जातियां कुकी और मैती आदिवासी एक दूसरे के खून के प्यासे हो चुके हैं, पूरा नॉर्थ ईस्ट ज्वालामुखी का नया गोला बन गया है, जिसमें अब असम, मिजोरम और नागालैंड भी शामिल होते दिखे रहे हैं, उसका जिम्मेदार कौन है। जो हालात हैं उन्हें देखकर लगता है थोड़े दोनों में हिंसा में पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा भी शामिल हो जायेंगे। सवाल है कि आखिर कौन है इसका जिम्मेदार।

मोदी जी, इस पर जुबान खोलिए। देश आपसे पूछ रहा है, मणिपुर के सवालों से बचने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी सदन में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। अब जबकि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ले आया है तो सवाल ये है कि क्या विश्वास दिलाने के लिए भी मोदीजी सदन में उपस्थित होकर स्मृति ईरानी की मांगों के हिसाब से देश के सामने सबको संबोधित करेंगे। देश के सामने माफी मांगेंगे और कहेंगे की हां मैं जिम्मेदार हूं मणिपुर की हिंसा के लिए और मेरी वजह से ये कत्लेआम हुआ है।

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