‘राजनीतिक प्रतिशोध में NSA का दुरुपयोग बंद करे योगी सरकार’, सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता यूसुफ मलिक की तत्काल रिहाई के दिए आदेश
Yusuf Malik NSA : ‘राजनीतिक प्रतिशोध के लिए एनएसए लगाना बंद करो’, सपा नेता युसूफ मलिक मामले में योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार...
Yusuf Malik NSA : सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि राजनीतिक प्रतिशोध लगाने के एनएसए लगाना बंद करो। पर्याप्त सबूतों और आधार के बिना इसका इस्तेमाल बंद किया जाये। यह फटकार कोर्ट ने सपा नेता युसूफ मलिक पर लगी रासुका को हटाते हुए लगायी।
कल 11 अप्रैल को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामपुर जेल में बंद युसूफ मलिक की तत्काल रिहाई का आदेश देते हुए उन पर लगी रासुका को हटा दिया है। दो जजों की पीठ ने योगी सरकार को नगरपालिका कर वसूली मामले में युसूफ मलिक के खिलाफ एनएसए लगाने के लिए कड़ी फटकार लगायी थी।
दो सदस्यीय पीठ ने युसूफ मलिक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘राजस्व बकाया की वसूली के लिए रासुका लगाने से हमें आश्चर्य हो रहा है। हमारा मानना है कि यह स्पष्ट रूप से दिमाग नहीं लगाने का मामला लगता है, इसलिए हम रासुका को रद्द करते हैं और योगी सरकार को निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को तुरंत रिहा किया जाए।’ सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार द्वारा पिछली सुनवाई पर अदालत के सुझाव के बावजूद युसूफ मलिक पर लगायी गयी रासुका नहीं हटाने पर नाराजगी भी व्यक्त की।
दो सदस्यीय पीठ ने फैसले के दौरान कहा, ‘क्या यह एनएसए का मामला है? यही कारण है कि राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप विपक्षी दलों द्वारा सरकारों पर लगाये जाते हैं। पहले तो योगी सरकार को खुद ही रासुका को हटा देना चाहिए था, मगर आगाह करने के बावजूद ऐसा न किया जाना न्यायपालिका पर सवाल उठाना है।
राज्य सरकार के वकील की जिरह के दौरान जजों ने निर्णय सुनाते हुए फटकार लगायी, ‘हमने योगी सरकार को पिछली तारीखों पर आगाह किया था, लेकिन आपने इसे वापस नहीं लिया। हमने केवल रासुका को खारिज किया है और अपने आदेश में और कुछ नहीं कहा है। इस तरह के मामलों के कारण ही सभी तरह के राजनीतिक आरोप लगाए जाते हैं।’
वहीं सुप्रीम कोर्ट में सपा नेता युसूफ मलिक की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील एसडब्ल्यूए कादरी ने पीठ से कोर्ट के आदेश को तुरंत प्रसारित करने का अनुरोध किया, ताकि मलिक को रिहा करवाया जा सके।
गौरतलब है कि राजस्व बकाया की वसूली के लिए योगी सरकार द्वारा रासुका लगाये जाने के खिलाफ सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आजम खान के करीबी सहयोगी युसूफ मलिक ने जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसमें शिकायत की गई थी कि अप्रैल, 2022 में राज्य सरकार द्वारा रासुका लगाने के खिलाफ उनकी याचिका को कई बार आग्रह के बाद भी इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं सुन रहा है। इस मामले में 27 जनवरी को पीठ ने कहा था कि वह आमतौर पर हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई में देरी के खिलाफ रिट याचिका पर विचार नहीं करती है, लेकिन तथ्य काफी ठोस हैं इसलिए हम नोटिस जारी कर रहे हैं।
वहीं येागी सरकार ने फरवरी में सपा नेता युसूफ मलिक पर रासुका लगाये जाने को सही ठराते हुए हलफनामा दायर किया थ्था। इसमें कहा था कि मलिक के खिलाफ एक और आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा 2022 में उनके दामाद से राजस्व बकाया की वसूली को लेकर एक अतिरिक्त नगर आयुक्त को धमकी देने का मामला भी दर्ज है।