UP चुनाव 2022 : योगी ने मुजफ्फरनगर दंगों में बताया अखिलेश का हाथ, सपा मुखिया बोले अबकी बार BJP खत्म

लखनऊ में एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि, 'मुजफ्फरनगर दंगा सत्ता द्वारा प्रायोजित था। अपने निकम्मेपन और नाकामयाबियों को छुपाने के लिए पिछली सरकार ने निर्दोष लोगों पर जो मुकदमे दर्ज किए गए थे...

Update: 2021-09-16 03:53 GMT

(योगी ने अखिलेश को ठहराया मुजफ्फरनगर दंगों का जिम्मेदार)

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे नेताओं का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो रहा है। इन सबमें सबसे शीर्ष पर मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने हुए हैं। योगी चुनाव को लेकर अतिउत्साहित भी नजर आ रहे हैं।

नए विवाद को हवा देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगे (Muzaffarnagar Riots) को लेकर पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है। सीएम योगी ने दंगे को सत्ता प्रायोजित करार देते हुए कहा कि निर्दोष लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए, जिन्हें बहुत पहले ही वापस ले लेना चाहिए था।

वहीं अखिलेश यादव ने भी जवाब देते हुए ट्वीट किया है, 'भाजपा सरकार के राज में नारी पर अत्याचार व उत्पीड़न की प्रतीक 'हाथरस की बेटी' के साथ हुए अन्याय का आज एक वर्ष पूरा हुआ पर न्याय अभी भी नहीं मिला। उप्र की एक भी बेटी, बहन, माँ, बहू भाजपा सरकार को कभी माफ़ नहीं करेगी। अब जनता ही इंसाफ़ करेगी, भाजपा को साफ़ करेगी।' 

सीएम योगी ने राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि, 'मुजफ्फरनगर दंगा सत्ता द्वारा प्रायोजित था। अपने निकम्मेपन और नाकामयाबियों को छुपाने के लिए पिछली सरकार ने निर्दोष लोगों पर जो मुकदमे दर्ज किए गए थे, उन्हें वापस होना ही था। यह तो बहुत पहले ही वापस हो जाना चाहिए था।'

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मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुजफ्फरनगर में मासूमों की प्रताड़ना की गई। झूठे मुकदमे लादे गए। ऐसे सभी मुकदमों को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, जिसे पिछली सरकारों ने राजनीतिक कारणों से निर्दोष लोगों पर लगाए थे।' गौरतलब है कि योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर के दंगो से संबंधित 77 आपराधिक केस वापस ले लिए थे। इनमें आजीवन कारावास जैसी धाराओं में भी केस दर्ज थे।

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए दंगों में 62 लोगों की मौत हुई थी। पश्चिमी यूपी के पांच जिलों में 6869 लोगों के खिलाफ 510 मुकदमे दर्ज किए गए थे। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, यूपी सरकार में मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम, कपिल अग्रवाल, उमेश मलिक, साध्वी प्राची के खिलाफ भी धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने और भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज हुआ था।

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