लॉकडाउन में देर तक दुकान खोलने पर पुलिसवालों ने बाप-बेटे को थाने में मार डाला, विरोध में हजारों सड़क पर

मृतकों के रिश्तेदार ने कहा कि उनके मलाशय और अन्य हिस्सों पर अत्याचार के अन्य लक्षण बताए गए थे, जैसे छाती से खींचे हुए बालों के गुच्छे। उन्होंने दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है....

Update: 2020-06-27 14:04 GMT

जनज्वार ब्यूरो। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस की यातना से एक पिता और बेटे की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पी जयराज (58 वर्षीय) और उनके बेटे बेनिक्स (38 वर्षीय) को पिछले शुक्रवार 19 जून को तूतीकोरिन में अपने मोबाइल फोन की दुकान लॉकडाउन की समयावधि से अधिक समय तक खोले रखने के लिए गिरफ्तार किया गया। चार दिन बाद एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें सितांकुलम पुलिस स्टेशन में बुरी तरह पीटा गया था। 

इसको लेकर अब सोशल मीडिया पर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा है। फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने एक ट्वीट में लिखा कि जो मैं सुन रही हूं उससे बिल्कुल स्तब्ध, उदास और गुस्से में हूं। को भी इंसान ऐसी बर्बरता का हकदार नहीं है, चाहे उनका अपराध कुछ भी हो। दोषियों को बिना अनुमति के जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। हमें तथ्यों की जरूरत है। मैं कल्पना भी नहीं कर सकती कि उनके परिवार को क्या करना चाहिए। हमें जयराज और बेनिक्स के न्याय के लिए अपनी सामूहिक आवाजों का उपयोग करने की आवश्यकता है। 

मृतकों के रिश्तेदार ने कहा कि उनके मलाशय और अन्य हिस्सों पर अत्याचार के अन्य लक्षण बताए गए थे, छाती से खींचे हुए बालों के गुच्छे जैसे। उन्होंने इसमें शामिल पुलिसर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। दोनो व्यक्तियों पर पुलिस को आपराधिक धमकी और मौखिक रूप से गाली देने के आरोप लगाए गए थे। 

एफआईआर में बेटे का नाम पेन्निस बताया गया है जबकि उनके परिवार का कहना है कि उसका नाम बेनिक्स है। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी इस घटना की तुलना अमेरिका के जॉर्ज फ्लॉयड की घटना से करते हैं। मेवानी ने ट्वीट में लिखा, प्रिय बॉलीवुड हस्तियों, क्या आपने सुना है कि तमिलनाडु में क्या हुआ या आपकी इंस्टाग्राम की सक्रियता केवल अन्य देशों के लिए है? भारत में जॉर्ज फ्लॉयड बहुत अधिक हैं। ऐसी पुलिस हिंसा और यौन शोषण की कहानी दिल दहलाने वाली हैं।

क्रिकेटर शिखर धवन ने ट्वीट किया, 'तमिलनाडु में जयराज एंड फेनिक्स पर हुई बर्बरता के बारे में सुनकर घबरा गए। हमें अपनी आवाज उठानी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि परिवार को न्याय मिले।' 

तमिल अभिनेता जयम रवि ने ट्विटर पर लिखा, 'कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, इस अमानवीय कृत्य के लिए न्याय होना चाहिए।'

इस घटना के बाद से तमिलनाडु के प्रशासन में अफरातफरी मच गई, दो उपनिरीक्षकों समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा एक निरीक्षक की नियुक्ति की गई है। इस घटना के खिलाफ शुक्रवार को तूतीकोरिन में बड़ें पैमान पर विरोध हुआ और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में दुकानें बंद रहीं। 

पुलिस विभाग को नियंत्रित करने वाले मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने मौतों पर शोख व्यक्त किया लेकिन कथित यातना पर चुप रहे। उन्होंने मुआवजे के रूप में कुल 20 लाख रूपये और परिवार के लिए नौकरी की घोषणा की है। यह मामला मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के द्वारा उठाया गया है। 

तमिलनाडु के विपक्षी द्रमुक ने अन्नाद्रमुक सरकार पर निशाना साधा, उसने पुलिसकर्मियों को 'कानून को अपने हाथों में लेने' की अनुमति देने का आरोप लगाया। द्रमुक ने घोषणा की कि वह उनके परिवार को 25 लाख रुपये देगा।

उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि यह एक त्रासदी है जब रक्षक उत्पीड़नकर्ताओं में बदल जाते हैं। उन्होंने कहा, 'पुलिस की बर्बरता एक भयानक अपराध है। यह एक त्रासदी है जब हमारे रक्षक उत्पीड़कों में बदल जाते हैं। मैं पीड़ितों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और सरकार से अपील करता हूं कि इसे ठीक करें।'

अधिकारियों के द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद रिश्तेदारों ने उनके शवों को स्वीकार किया और उम्मीद जताई कि उन्हें न्याय मिलेगा। 

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