मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए दर-दर भटक रहे हैं अंतर्जातीय प्रेम विवाह के बाद मारे गये दलित युवक जगदीश के परिजन !

जगदीश की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को रोज़गार देने की बात उठी थी, पर रोज़गार की कौन कहे? आज उनकी विधवा को अपने अबोध बच्चे के लालन-पालन के लिए विधवा पेंशन के फॉर्म भरने के लिए भी मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है...

Update: 2024-09-23 13:01 GMT

जान का खतरा जताने के बावजूद दलित युवा जगदीश की हिफाजत न कर सकी जो भतरौजखान पुलिस, उसने गोद ले रखा है पूरा पनुवाद्योखन गांव

Almora news : उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के दलित नेता जगदीश की अंतर्जातीय विवाह के चलते 1 सितंबर 2022 को भिकियासैंण के पास सुनियोजित रूप से अपहरण कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस प्रशासन की तमाम कार्यवाहियों, पोस्टमार्टम के बावजूद पिछले 2 वर्षों से जगदीश के परिजनों को उसका मृत्यु प्रमाणपत्र ज़ारी नहीं किया जा रहा है।

अपने भाई दिलीप के साथ अल्मोड़ा न्यायालय में गवाही के लिए आई जगदीश की बहन गंगा ने आज बताया कि वे पिछले दो वर्षों से अपने मृतक भाई जगदीश के मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए तहसील, एसडीएम, जिलाधिकारी कार्यालय एवं अस्पताल के चक्कर काट चुकी हैं, लेकिन पूरी सरकारी मशीनरी उन्हें गुमराह कर रही है।

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जगदीश की बहन गंगा कहती है, वे तमाम संबंधित कार्यालयों में दर्जनों बार चक्कर लगाकर प्रार्थनापत्र व शपथपत्र भी पेश कर चुकी हैं। लगातार फोन करते करते भी थक गयी हैं, लेकिन सरकार में कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। मृतक जगदीश के परिजनों का कहना है कि मृत्यु प्रमाणपत्र न मिलने के कारण हर जगह कानूनों अड़चनें आ रही हैं।

जगदीश की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को रोज़गार देने की बात उठी थी, पर रोज़गार की कौन कहे? आज उनकी विधवा को अपने अबोध बच्चे के लालन-पालन के लिए विधवा पेंशन के फॉर्म भरने के लिए भी मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है, जिससे उनका परिवार आहत है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी का कहना है कि यदि इस मामले में तत्काल मृत्यु प्रमाणपत्र ज़ारी नहीं किया गया तो इस मामले को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

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