धूमधाम से मनाया जा रहा बकरीद का त्योहार, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी देशवासियों को बधाई
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कहा कि त्योहार जरुरतमंदों के साथ साझा करें, सभी कोरोना प्रसार मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें...
उन्होंने कहा कि त्योहार जरुरतमंदों के साथ साझा करें। सभी कोरोना प्रसार मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, 'ईद मुबारक, ईद-उल-जुहा का त्योहार आपसी भाईचारे और त्याग की भावना का प्रतीक है, लोगों को सभी के हितों के लिए काम करने की प्रेरणा देता है। आइए, इस मुबारक मौके पर हम अपनी खुशियों को जरूरतमंद लोगों से साझा करें और कोविड-19 की रोकथाम के लिए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।' उन्होंने उर्दू, अंग्रेजी और हिंदी में ट्वीट किया।
Eid Mubarak! Idu'l Zuha symbolises the spirit of sacrifice and amity which inspires us to work for the well-being of one and all. On this occasion, let us share our happiness with the needy and follow social distancing norms and guidelines to contain COVID-19 spread.
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 1, 2020
عید مبارک۔ عیدالاضحی کا تیوہار آپسی بھائی چارے اور ایثار کی علامت ہے اور لوگوں میں خیرخواہی کے جذبے کو فروغ دیتا ہے۔ آئیے اس مبارک موقعے پر ہم اپنی خوشیوں میں ضرورتمندوں کو شریک کریں اور کووڈ-19 کی روک تھام کے لئے تمام ہدایات کی پابندی کریں۔
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 1, 2020
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'यह दिन हमें एक न्यायपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण और समावेशी समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है। भाईचारे और करुणा की भावना को आगे हमेशा बनी रहे।'
Eid Mubarak!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2020
Greetings on Eid al-Adha. May this day inspire us to create a just, harmonious and inclusive society. May the spirit of brotherhood and compassion be furthered.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी मुसलमानों को बकरीद या ईद अल-अधा की बधाईयां दी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'ईद उल-अधा के शुभ अवसर पर सभी को शुभकामनाएं। आप और आपके प्रियजनों को अल्लाह खुशियां दे।'
इस पर्व पर मुसलमान नए कपड़े पहन कर अपने दोस्तों, परिवार और अपने प्रियजन से मिलते हैं। परंपरा अनुसार इस दिन मुसलमान जानवरों की बलि देते हैं। बलि के बाद इसे तीन हिस्सों में बांटा जाता है, पहला परिवार, दोस्त और पड़ोसियों को, दूसरा हिस्सा जरुरतमंदों को दिया जाता है। तीसरा हिस्सा खुद के लिए रखा जाता है।