पत्नी की नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालने वाले शख्स की जमानत याचिका हिमाचल हाईकोर्ट ने की खारिज

पिता से स्कूटर मांगने की बात जब पत्नी ने नहीं मानी तो पति ने पहले उसकी पिटाई कर दी और उसके नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया और फेसबुक पर अपलोड कर दीं...

Update: 2020-10-29 05:05 GMT

यूपी के 15 जिलों की 370 महिलाओं को न्यूड वीडियो कॉल से ब्लैकमेल कर रहा था आरोपी शिवकुमार वर्मा (प्रतीकात्मक फोटो)

शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता और उसके शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक प्रभाव को देखते हुए सोशल मीडिया पर अपनी पत्नी की अश्लील तस्वीरें और वीडियो अपलोड करने के आरोपी व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने यह आदेश मंगलवार 27 अक्टूबर को अभिषेक मंगला की अग्रिम जमानत देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

मंगला की पत्नी ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी कि उसके पति ने मोबाइल पर उसकी नग्न तस्वीरें क्लिक की हैं और उसे धमकी दी कि वह उसके पिता को उसे स्कूटर मुहैया कराने के लिए कहे, अन्यथा वह उसकी नग्न तस्वीरें इंटरनेट पर पोस्ट कर देगा।

जब पत्नी ने पति की बात नहीं मानी तो उसने उसकी पिटाई कर दी और उसके नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर तस्वीरें सोशल मीडिया और फेसबुक पर अपलोड कर दीं। उसने फेसबुक पर की गई पोस्ट से संबंधित स्क्रीनशॉट भी अपनी पत्नी को भेजे।

अदालत ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पति और पत्नी का संबंध एक विशेषाधिकार प्राप्त है और यह विवाह के संबंध में एक विश्वास प्रेरित बात है, जो पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण के लिए प्रतिबद्धता को जाहिर करती है।

अदालत ने माना कि पति एवं पत्नी के बीच आपसी विश्वास ऐसी सुरक्षा की भावना पैदा करता है, जो कि कभी-कभी तो माता-पिता और बच्चों से भी अधिक हो सकती है। अदालत ने पाया कि पत्नी की नग्न तस्वीरों को पोस्ट करना पारस्परिक विश्वास को तोड़ने और धोखा देने वाला कृत्य है, जो कि वैवाहिक संबंधों को प्रभावित करता है।

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