पाक PM के बयान 'कम कपड़े पहनने वाली महिलायें देती हैं पुरुषों को प्रलोभन, पर्दा प्रथा से घटेंगे रेप' से बवाल

महिलाओं के पहनावे और रेप की घटनाओं पर बेतुका बयान देकर फंसे पाक पीएम, हर तरफ हो रही आलोचना, कईयों ने सोच पर उठाये सवाल...

Update: 2021-06-26 07:10 GMT

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की बात को सही मानें तो पर्दा करने वाली महिलाओं के साथ रेप वारदातें होनी चाहिए नगण्य

जनज्वार ब्यूरोः "…हमारे क़ानून और हमारे धर्म में ये स्पष्ट है कि महिलाओं का सम्मान करना देखने वाले की ज़िम्मेदारी है, किसी भी पुरुष को ये अधिकार नहीं है कि महिलाओं और उनके पहनावे को उनके ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा, बलात्कार और अपराधों के लिए ज़िम्मेदार ठहराए…"

"नाबालिग़ों, महिलाओं, बच्चियों और लाशों तक का रेप किया जा रहा है, किस तरह के प्रधानमंत्री शिकारियों की वकालत कर सकते हैं?" ये बातें उन महिलाओं की हैं जो पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर पीएम इमरान ख़ान के बयान पर अपना गुस्सा दिखा रही है।

दरअसल, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान एक बार फिर महिला विरोधी बयान देकर सुर्खियों में है। दो महीने पहले यौन हिंसा को लेकर दिये अपने बेतुके बयान के बाद इमरान ने कुछ ऐसा कहा है कि वो महिलाओं के निशाने पर हैं।

पाकस्तान के पीएम के बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है। #RapeApologistSelectedPM #अश्लीलता ख़त्म करें समाज बचाएं, #KhanWonTheHearts जैसे हैशटैग इस्तेमाल करके लोगों ने प्रधानमंत्री के बयान पर अपनी राय दे कर रहे हैं। कुछ यूज़र्स ने उन्हें "रेप अपॉलिजिस्ट (वो शख़्स जो रेप के आरोपी के अपराध की जानकारी रखते हुए उसका बचाव करे) और महिला विरोधी" जैसी भी संज्ञाएं दी हैं।

इमरान खान की कॉमन सेंस पर उठे सवाल!

इमरान खान के इस बयान पर सत्ताधारी पार्टी पीटीआई की महिला नेताओं ने तो चुप्पी साध रखी है, लेकिन पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सांसद शेरी रहमान ने इमरान खान के बयान की कड़ी आलोचना की है। शेरी रहमान ने एक ट्वीट में कहा, "हमारे कानून हों या हमारा धर्म, ये बिल्कुल साफ है कि महिलाओं का सम्मान करना पुरुषों की जिम्मेदारी है। किसी भी पुरुष को ये अधिकार नहीं है कि वो औरतों को उनके पहनावे के लिए दोष दे या बताए कि वो कैसे कपड़े पहनें।"

अपने एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, "क्या इमरान खान नहीं जानते कि महिलाओं को खास तरीके से कपड़े पहनने के लिए कह कर वो दमनकारियों और अपराधियों को महिलाओं के खिलाफ अपने बर्ताव को वाजिब ठहराने के लिए नया नैरेटिव दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के इस तरह बात करने को किसी भी लिहाज से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। बहुत ही गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय।"

वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज शरीफ) की स्पीकर मरियम औरंगजेब ने ट्वीट किया- "दुनिया को एक बीमार, महिलाओं से नफरत करने वाले, विकृत शख्स (इमरान खान) की सोच में झांकने का मौका मिला है। ये महिलाओं का चुनाव नहीं है जिसकी वजह से यौन हमले होते हैं बल्कि ये पुरुष होते है जो ऐसे घृणित और घिनौने अपराधों में शामिल होना चुनते हैं।"

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा- महिलाओं से नफरत की सोच रखने वाला और विकृत ही यौन अपराधियों और हत्यारों का बचाव कर सकता है, क्योंकि उन्होंने बलात्कारियों की यह कह कर वकालत की है कि सभी पुरुषों से अपने पर काबू रखने की अपेक्षा नहीं रखी जा सकती।

सीनेटर पलवाशा ख़ान ने भी बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ये बयान एक बीमार सोच को दर्शाता है। वह कहती हैं, "मुझे बिलकुल भी अंदाजा नहीं है कि पीएम इस तरह के बयान क्यों दे रहे हैं। दुर्भाग्य से वह ये नहीं समझते हैं कि वह इस मुल्क की सबसे ऊंचे ओहदे पर बैठे हैं और वह जो भी कहते हैं, वह पूरी दुनिया में सुना जाता है।"

एक पाकिस्तानी अखबार के अनुसार, पाकिस्तान के सिंध प्रांत की महिला विकास मंत्री शेहला रजा ने भी इमरान के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान को देश के ज्वलंत मुद्दों की ओर ध्यान देना चाहिए, ना कि महिलाओं पर नजर रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ कर इमरान को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था।

इतना ही नहीं महिला अधिकारों के पक्षधरों, वकीलों और पत्रकारों ने भी इमरान के बयान पर अपनी आपत्ति जतायी है।

क्या कहा था इमरान खान ने?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान की जुबान एक बार फिर फिसली है। उन्होंने यौन हिंसा के लिए महिलाओं को जिम्मेदार बताया है और उन्हें पर्दे में रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बढ़ती घटनाओं के पीछे महिलाओं के छोटे कपड़े जिम्मेदार हैं।

एचबीओ एक्सिओस को दिए इंटरव्यू में इमरान खान से पाकिस्तान में रेप पीड़िता पर आरोप मढ़ने के एक मामले में सवाल पूछे जाने पर इमरान ने कहा, 'अगर कोई महिला कम कपड़े पहनती है, तो इसका असर पुरुषों पर पड़ेगा। अगर वह रोबोट नहीं है तो। यह कॉमन सेंस है। वो यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रलोभन बढ़ेगा तो इसका कुछ-ना-कुछ नतीजा तो आयेगा।

वहीं रेप पीड़िता को जिम्मेदार ठहराने के अपने पुराने बयान का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी रेप पीड़िता पर कोई टिप्पणी नहीं की, बल्कि मैंने सिर्फ इतना कहा था कि पर्दे की व्यवस्था समाज में लुभाए जाने से बचने के लिए है।

इमरान खान पहले भी ऐसे विवादित बयान दे चुके हैं। इससे पहले देश में रेप की बढ़ती घटनाओं पर उन्होंने लॉ ऑर्डर दुरुस्त करने की बजाये महिलाओं को पर्दा करने की सलाह दे डाली थी। उन्होंने अश्लीलता के लिए भारत और यूरोप को जिम्मेरदार ठहराया था। इमरान ने कहा था कि हमें पर्दा प्रथा की संस्कृति को बढ़ावा देना होगा, ताकि प्रलोभन से बचा जा सके।

पाकिस्तान में रोजाना 11 रेप की घटनाएं

आधिकारिक आंकड़ों की बात करें, तो पाकिस्तान में रोजाना रेप की 11 घटनाएं रिकॉर्ड की जाती हैं। पिछले 5 सालों में यहां की पुलिस के पास रेप की 22 हजार शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। और ये केवल वैसे मामले हैं, जहां पीड़िता ने हिम्मत दिखाई और पुलिस, समाज के सवालों और तानों का सामना कर अपराधियों को सजा दिलाने की कोशिश की। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। क्योंकि पाकिस्तान के जिओ न्यूज के मुताबिक, 22000 मामलों में से सिर्फ 77 आरोपियों को सजा दी गई है, जो कुल मामलों का महज 0.3% है।

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