Shaheed Diwas पर याद किये भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु, शोषण मुक्त भारत बनाने की लड़ाई को तेज करने का लिया संकल्प

Shaheed Diwas : लालकुआं में छात्र संगठन 'आइसा' द्वारा भगत सिंह और साथियों के शहादत दिवस 23 मार्च पर विचार गोष्ठी व जुलूस का आयोजन कर अन्याय पर आधारित समाज व्यवस्था में आमूल परिवर्तन के भगत सिंह के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया....

Update: 2022-03-23 15:19 GMT

शहीद दिवस पर याद किये भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु, शोषण मुक्त भारत बनाने की लड़ाई को तेज करने का लिया संकल्प

Shaheed Diwas : शहीद-ए-आज़म भगत सिंह (Bhagat Singh), सुखदेव और राजगुरू के शहादत दिवस के मौके पर विभिन्न संगठनों ने कार्यक्रमों का आयोजन कर स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom Movement Of India)  के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन व प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार की सुबह शहादत दिवस (Martyers Day) के मौके पर प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को लाल सलाम के नारे के साथ लखनपुर चुंगी से प्रभात फेरी शुरु हुई।

नगर की विभिन्न गलियों में मार्च करते हुये शहीद भगत सिंह चौक पर पहुंची और सभा में तब्दील हो गई। यहां "मेरा रंग दे बसंती चोला " गीत के साथ सभा शुरू करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथी न सिर्फ अंग्रेजों को देश से खदेड़ने चाहते थे। बल्कि पूंजीपतियों और जमींदारों के निर्मम शोषण से भी देश की मजदूर-मेहनतकश जनता को आज़ाद कराना चाहते थे। भगत सिंह रूसी क्रांति से प्रभावित होकर भारत में भी साम्राज्यवाद और पूंजीवाद के विरुद्ध क्रांति कर समाजवाद का निर्माण करना चाहते थे। उनके सपने आज भी अधूरे हैं और जिन्हें पूरा करने के लिये उनके विचारों पर आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा।

इस मौके पर सभा को प्रियांशु, उबैदउल हक़, तुलसी छिमवाल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी एवं देवभूमि व्यापार मंडल के मनमोहन अग्रवाल आदि ने संबोधित किया। दूसरी ओर राजकीय इंटर कालेज ढेला में बच्चों ने शहीदों के चित्र बनाये। प्रवक्ता नवेन्दु मठपाल ने बच्चों को भगतसिंह व अन्य शहीदों के जीवन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। सीनियर बच्चों द्वारा भगतसिंह के पत्रों व साहित्य का वाचन किया गया।


इस मौके पर प्रभारी प्रधानचार्य सीपी खाती, नफीस अहमद, सन्तसिंह, उषा पवार, दीपा सती मौजूद रहे। कार्बेट पार्क के नेचर गाइड दीक्षा करगेती, प्रीति रावत, गोपाल करगेती द्वारा जंगल घूमने आए टूरिस्टों को सुधीर विद्यार्थी द्वारा लिखी पुस्तक शहीद भगतसिंह का वितरण किया गया।सावित्रीबाई फुले सायंकालीन स्कूल व ज्योतिबा फुले सांयकालीन स्कूल में भी शहीदों को याद किया गया।

विद्यालय की शिक्षिका अंजलि रावत, आरजू सैफी, अरसी द्वारा बच्चों को सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है व मेरा रंग दे बसंती चोला का सामूहिक गायन करवाया गया। बच्चों ने शहीदों का चित्र बनाने के साथ साथ शिक्षक सुमित कुमार व कशिश के सहयोग से उनके जीवन के बारे में जाना। इस दौरान ग्राम प्रधान मौ. ताहिर, सुभाष गोला, बालकृष्ण चंद, नन्दराम आर्य, गिरीश मैंदोला, दिनेश निखुरपा, नरेश कुमार, आशा आर्या, पदमा मौजूद रहे।

लालकुआं में छात्र संगठन 'आइसा' द्वारा भगत सिंह और साथियों के शहादत दिवस 23 मार्च पर विचार गोष्ठी व जुलूस का आयोजन कर अन्याय पर आधारित समाज व्यवस्था में आमूल परिवर्तन के भगत सिंह के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया। छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) द्वारा शहीदे आज़म भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहादत दिवस 23 मार्च को शहीदों के विचारों को लेकर कार रोड बिन्दुखत्ता में दीपक बोस भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

भगत सिंह और साथियों के साम्राज्यवाद व साम्प्रदायिकता विरोधी संघर्ष को याद करते हुए क्रांतिकारी जोश-खरोश के साथ उनके विचारों के अनुरूप अन्याय पर आधारित मौजूदा समाज व्यवस्था में आमूल परिवर्तन के रास्ते पर चलने और बराबरी पर आधारित एक समतामूलक शोषणमुक्त भारत बनाने की लड़ाई को तेज करने का संकल्प लिया गया। गोष्ठी के बाद कार रोड बाजार में भगत सिंह और साथियों के स्लोगन, नारों व तस्वीरों के साथ जुलूस का आयोजन किया गया।

विचार गोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए भाकपा (माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि, "आज के दौर में हमारा देश जिस स्थिति में पहुँच गया है उसमें भगत सिंह और साथियों के विचार देश के हालात को बदलने के लिए और भी प्रासंगिक हो गए हैं। ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई साम्राज्यवादी कंपनी राज के खिलाफ केंद्रित थी आज के नए फासीवादी कॉरपोरेट कंपनी राज के विरुद्ध दूसरी आज़ादी की लड़ाई की जरूरत है। इसलिए अंग्रेजों के खिलाफ चली आज़ादी की लड़ाई के प्रतीक, उसके विचार, उसके नायक, उनकी विरासत और बलिदान इस दूसरी आज़ादी की लड़ाई के लिए सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं।''

उन्होंने आगे कहा कि भगत सिंह और साथियों की वैचारिक विरासत का भविष्य के भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।" आइसा के संयोजक धीरज कुमार ने कहा कि, "क्रांतिकारी भगत सिंह के विचार युवाओं के सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं। छात्र और राजनीति, साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज, अछूत समस्या जैसे उनके कई लेख आज भी देश की समस्याओं के समाधान के लिए रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं। भगत सिंह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के ऐसे प्रकाश स्तंभ हैं जिनके विचार क्रांतिकारी बदलाव के लिए चलने वाले किसी भी संघर्ष में रास्ता दिखाने का काम करते रहेंगे

कार्यक्रम में भाकपा (माले) राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा, किसान महासभा के अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, डॉ. कैलाश पाण्डेय, आइसा संयोजक धीरज कुमार, शिव सिंह, वीरेंद्र, करन, रितेश प्रजापति, मनोज जोशी, प्रमोद कुमार, सौरभ वर्मा, विकेश यादव, आँचल, अस्मिता, काजल, दिव्या, सविता, विकास सक्सेना, रवि जंगी, नैन सिंह कोरंगा, विमला रौथाण, ललित मटियाली, पुष्कर दुबड़िया, बिशन दत्त जोशी, स्वरूप सिंह दानू, ललित जोशी, हरीश भंडारी, निर्मला शाही, गौरव चिलवाल, अंकित देवली आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

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