सुप्रीम कोर्ट ने आनंद गिरी की जमानत मामले में UP सरकार और CBI को नेटिस भेजकर मांगा जवाब

Narendra Giri Death Case: याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने CBI और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी और सरकार से मामले में दो हफ्ते में जवाब मांगा है...

Update: 2022-12-09 11:32 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने आनंद गिरी की जमानत मामले में UP सरकार और CBI को नेटिस भेजकर मांगा जवाब

Narendra Giri Death Case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में आरोपी आनंद गिरी ने जमानत की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने CBI और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी और सरकार से मामले में दो हफ्ते में जवाब मांगा है। 

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट हत्या के आरोपी आनंद गिरी को जमानत देने से इनकार कर चुका है। आनंद गिरी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनंद गिरी की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया है। 

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर 2021 को अपने मठ के एक कमरे में मृत पाए गये थे। उनके शव के पास एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी और दो अन्य लोगों पर शुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। 

CBI ने दाखिल की थी चार्जशीट

सीबीआई ने 20 नवंबर 2021 को इस मामले में एक स्थानीय अदालत में आनंद गिरी व दो अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। एक स्थानीय अदालत ने 11 नवंबर 2021 को आनंद गिरी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पिछले 11 महीने से नैनी सेंट्रल जेल में बंद आनंद गिरी को चित्रकूट जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने इसकी पुष्टी की थी। 

 जेल प्रशासन पर लगे थे ये आरोप

आनंद गिरी के वकील विजय कुमार द्विवेदी ने नैनी जेल प्रशासन पर आनंद गिरी का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग, महानिदेशक जेल और प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा था। वकील का आरोप था कि वह 16 अगस्त 2022 को अपने अधिवक्ता साथी बृज बिहारी के साथ अपने मुवक्किल आनंद गिरी से कानूनी बातचीत के लिए नैनी जेल गये थे तो उनके सामने ही जेलर आर के सिंह ने आनंद गिरी के साथ गाली-गलौच की थी। आरोप है कि आनंद गिरी की जेल में हत्या कराने की धमकी दी थी। अधिवक्ता ने कहा कि जब उन्होंने बीच-बचाव कराने का प्रयास किया तो जेलर ने उन्हें भी गालियां दी थीं। 

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