Waseem Rizvi : हिंदू बने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी, बोले जब इस्लाम से निकाल दिया तो मेरी मर्जी

Waseem Rizvi : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने डासना देवी मंदिर में हिंदू धर्म को ग्रहण किया...

Update: 2021-12-06 08:07 GMT

Waseem Rizvi News : जितेंद्र त्यागी बने वसीम रिजवी ने की खुदखुशी की बात, सनातन धर्म में नहीं मिला प्यार 

Waseem Rizvi : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने आज इस्लाम (Islam) छोड़कर हिंदू धर्म (Hindu Religion) ग्रहण किया। रिजवी ने गाजियाबाद के डासना मंदिर (Dasna Devi Temple) में हिंदू धर्म को स्वीकार किया। इस मौके पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि यह धर्मपरिवर्तन नहीं है। जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया है तो मेरी मर्जी मैं कौन सा धर्म चुनता हूं।

रिजवी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म सनातन धर्म ही है। इस्लाम कोई धर्म नहीं है। इससे पहले आज सुबह रिजवी ने डासना देवी मंदिर में शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक कर हिंदू सनातन धर्म मे आस्था जताई। रिजवी रविवार की रात को ही डासना देवी मंदिर पहुंच गए थे। 

डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinhanand Saraswati) की मौजूदगी में सुबह साढ़े दस बजे मंदिर के पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठानों के जरिए उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया। धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी अब त्यागी बिरादरी से जुड़ गए। सैय्यद वसीम रिजवी का नया नाम अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा। अब उनका गोत्र वत्स है। धर्म परिवर्तन से पहले रिजवी ने कहा था कि नरसिंहानंद गिरी महाराज ही उनका नया नाम तय करेंगे।

हिंदू धर्म ग्रहण करने के बाद रिजवी ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पवित्र धर्म है। इसमें बहुत सारी खूबियां हैं। रिजवी ने आगे कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए उन्होंने 6 दिसंबर का पवित्र दिन चुना है। आज के ही दिन 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया था।

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है। मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करते हैं।

आपको बता दें कि वसीम रिजवी अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में बने रहते हैं। बीते कुछ दिन पहले उन्हें अपनी वसीयत लिखी थी जिसमें उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि उनके मरने के बाद उन्हें दफनाया नहीं जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने यह भी इच्छा जताई थी कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें।

रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनकी हत्या और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। वीडियो संदेश में उन्होंने कहा था, मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। रिजवी ने कहा था कि मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और ऐलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे। इसलिए मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए।

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