Amit Shah in Kashmir : अल्पसंख्यक मुहल्लों की ड्रोन से होगी निगरानी, गृहमंत्री ने कहा- POK के हालातों से करें तुलना

Amit Shah in Kashmir : धारा 370 हटने के बाद ये उनका यहां का पहला दौरा है। अमित शाह ने शनिवार, 23 अक्टूबर 2021 को राजभवन में जम्मू कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की।

Update: 2021-10-23 14:28 GMT

(अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ने के बाद गृहमंत्री की तीन दिवसीय कश्मीर यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है )

Amit Shah in Kashmir : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) जम्मू कश्मीर के तीन दिन के दौरे पर हैं। 370 हटने के बाद ये उनका यहां का पहला दौरा है। अमित शाह ने शनिवार, 23 अक्टूबर 2021 को राजभवन में जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इससे पहले शाह ने श्रीनगर (Srinagar) में शहीद इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार के परिजनों से मुलाकात की। हाल के दिनों में हुई आतंकी घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल सिक्यॉरिटी मीटिंग (High level security meeting) में एक बड़ा फैसला हुआ है। निर्णय लिया गया है कि मजदूरों और घाटी के अल्पसंख्यकों के सभी मोहल्लों की ड्रोन के जरिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी।

साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से एरियल सर्विलांस (Serial surveillance) के अलावा, ग्राउंड सिक्यॉरिटी के लिए इलाकों में सीआरपीएफ के साथ सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ियों को भी तैनात किया जाएगा। राजधानी श्रीनगर में अतिरिक्त नाके लगाए जाएंगे। साथ ही श्रीनगर की सड़कों पर सिक्यॉरिटी बंकर के जरिए सर्विलांस किया जाएगा।

इसके बाद अमित शाह ने यूनिफाइड कमांड मीट में हिस्सा लिया। इसमें CRPF, BSF, IB और सीआईएसएफ के चीफ और जम्मू कश्मीर के डीजीपी भी शामिल हुए।

इससे पहले अपने कश्मीर दौरे की शुरुआत करते हुए शाह सबसे पहले नौगाम में शहीद इंस्पेक्टर के घर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। शाह ने इंस्पेक्टर परवेज़ अहमद के घर जाकर परिज़नों से मुलाक़ात की, जिनकी आतंकियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।

उन्होंने अहमद की पत्नी फातिमा अख्तर से मुलाकात की और उन्हें सरकारी नौकरी के लिए आधिकारिक कागजात दिए।बता दें कि इसी साल 22 जून को नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जा रहे इंस्पेक्टर परवेज की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

उन्होंने लोगों को पीओके और जम्मू-कश्मीर के हालात की तुलना करने को भी कहा। गृहमंत्री ने आतंकियों और उनके मददगारों को सख्त संदेश देते हुए कहा, ''जम्मू कश्मीर की शांति में खलल डालना चाहते हैं, उनसे हम सख्ती से निपटेंगे। यह जो विकास की यात्रा शुरू हुई है इसमें कोई अडंगा नहीं डाल सकता है। यह हमारी प्रतिबद्धता है।''

याद दिला दें कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद शाह की यह पहली यात्रा है।

इससे पहले अमित शाह ने दो साल पहले  2019 में गृह मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के ठीक बाद राज्य का दौरा किया था। उन्होंने तब अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की समीक्षा की थी और केंद्रीय योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया था।

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