खबर पर मुहर : सड़क पर आई पति पत्नी की लड़ाई, स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह एक ही विधानसभा से भरेंगे विधायकी पर्चा
स्वाति सिंह को अगर यूपी की राजनीति में एक्सीडेंटल विधायक और एक्सीडेंटल मंत्री कहें तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। लेकिन अब दयाशंकर सिंह ने उनके खिलाफ ही मैदान में उतरने का मन बना लिया है...
UP Election 2022: वही हुआ जो जनज्वार ने आपको 24 दिसंबर को ही बता दिया था। हो भी क्यों ना, राजनीति ऐसी बला है जो खून से खून को अलग करवा दे तो फिर सांसारिक संबंध क्या हैं। बताते यह भी हैं कि किसी की जिंदगी में पत्नी का महत्व बहुत बड़ा होता है, लेकिन लखनभ के राजनीतिक गलियारों से जो बात निकलकर सामने आ रही वह हम सभी को कम चौंकाने वाली भी नहीं है। क्योंकि, यूपी की राज्यमंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह आमने सामने हैं।
बताया जाता है कि पूर्व छात्र नेता रहे व अब बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष बनें दयाशंकर सिंह व उनकी मंत्री पत्नी स्वाति सिंह के बीच अधिकतर सालों से संबंध खराब ही चले आ रहे। खुद स्वाति की भाभी ने उनपर एक मुकदमा करवा रखा है। स्वाति सिंह को अगर यूपी की राजनीति में एक्सीडेंटल विधायक और एक्सीडेंटल मंत्री कहें तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। लेकिन अब दयाशंकर सिंह ने उनके खिलाफ ही मैदान में उतरने का मन बना लिया है।
क्या है दोनों में विवाद?
स्वाति और दयाशंकर सिंह के आपसी संबंध भी काफी खराब रहे हैं। साल 2008 में स्वाति ने पति के खिलाफ मारपीट की शिकायत की थी। उस वक्त नौबत तलाक तक पहुंच गई थी, लेकिन फिलहाल दोनों ओर से पिछले कुछ समय से सुलह की कोशिशें हुईं और मामला शांत हो सका था। कहा जाता है कि स्वाति सिंह अपने मायके में रहती हैं जबकि दयाशंकर सिंह अपनी मां के साथ। इस मामले में दोनों परिवार फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन स्वाति को इस मामले में काफी सफाई देनी पड़ी थी।
स्वाति पर भाभी ने दर्ज कराई थी FIR
दरअसल, स्वाति सिंह पर भाभी के साथ मारपीट करने, बिना तलाक लिए भाई की दूसरी शादी कराने और भाभी को घर से निकालने का आरोप लगा था। लखनऊ के आशियाना थाने में स्वाति के खिलाफ अपनी ही भाभी के के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज हुआ था। स्वाति के खिलाफ मुकदमा उनके अपने सगे भाई की पत्नी आशा सिंह ने दर्ज कराया था। ये मामला करीब 11 साल पुराना है। 2008 में आशा सिंह ने लखनऊ के आशियाना थाने में अपनी ननद स्वाति के खिलाफ पति की दूसरी शादी कराने का मामला दर्ज कराया था।
जनज्वार को पहले ही थी जानकारी
बीती 24 दिसंबर 2021 को जनज्वार ने इसी सिलसिले में एक खबर छापी थी। भाजपा संगठन से ही जुड़े एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर जनज्वार को बताया था कि, दयाशंकर की ही देन थी जो स्वाती जीतकर विधायक बनीं। इसके बाद मंत्री पद पा गईं। इधर दयाशंकर की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं हैं प्लस पत्नी से उतने मधुर संबंध भी नहीं हैं। पार्टी से आशीर्वाद और जनसमर्थन भी उनको मिल रहा है। अब दयाशंकर इसी विधानसभा से आगामी 2022 चुनाव के लिए ताल ठोक रहे जहां से स्वाती सिंह जीतकर मंत्री बनीं थीं। इसी कड़ी में दिनांक 25 दिसंबर यानी कल शनिवार को अटल तिरंगा यात्रा का आयोजन होना है। सूत्र ने हमें आगे बताया कि दोनो ही लोगों का राजनीतिक कैरियर भी अलग है। अब हम लोग तो संगठन से जुड़े हैं जिसे पार्टी कहेगी लड़ाएंगे।