हलफनामा रिपोर्ट: 280 प्रत्याशी करोड़पति, पहले चरण में एक चौथाई प्रत्याशी दागी, मंत्रीजी भी निकले छुपे रूस्तम
615 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया है। उन्होने बताया कि सभी प्रत्याशियों में एक चौथाई यानी 156 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 156 में 121 ऐसे भी हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं...
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त करने के बड़े-बड़े दावों के बीच आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को लेकर राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है। पहले चरण में सबसे अधिक दागी उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी है। कांग्रेस भी दूसरे ही स्थान पर है। बहुजन समाज पार्टी तीसरे व लोकदल चौथे नंबर पर है।
इसके बाद करोड़पति उम्मीदवारों की अगर बात करें तो पहले पायदान पर भाजपा ही है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स इलेक्शन वॉच () द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में सामने आया है। एडीआर ने यह रिपोर्ट उम्मीदवारों के हलफनामों पर किए गये विश्लेषण के बाद जारी की है।
एडीआर के समन्वयक अनिल शर्मा का कहना है कि, पहले चरण की 58 सीटों पर 623 प्रत्याशी हैं। जिनमें 615 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया है। उन्होने बताया कि सभी प्रत्याशियों में एक चौथाई यानी 156 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 156 में 121 ऐसे भी हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
हलफनामों के मुताबिक भाजपा के 57 प्रत्याशियों में से 29 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। सपा के 28 में 21 दागी हैं। रालोद के 29 में 17 प्रत्याशी आपराधिक छवि के हैं। कांग्रेस के 58 में 21 प्रत्याशी, बसपा के 56 में 19 और आम आदमी पार्टी 52 में 8 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
मंत्री भी नहीं पीछे
प्रत्याशी तक तो ठीक उत्तर प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री भी आपराधिक छवि के हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गन्ना मंत्री और थानाभवन शामली से भाजपा प्रत्याशी सुरेश राणा पर तीन केस दर्ज हैं। सपा सरकार में मंत्री रहे मेरठ की किठोर सीट से प्रत्याशी शाहिद मंजूर पर दो केस दर्ज हैं।
मेरठ की सरधना सीट से भाजपा विधायक संगीत सोम पर सात आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के खिलाफ सात मामले दर्ज हैं। कपिलदेव मुजफ्फरनगर से किस्मत आजमा रहे हैं।