UP Election 2022: अब तक किन मंत्रियों-विधायकों ने छोड़ा BJP का दामन, जानिए भगदड़ वाली लिस्ट में और कौन?
UP Election 2022: वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दिखा रही है कि रोजगार दिए गए हैं जबकि यह सब फर्जी है, इसी से क्षुब्ध होकर उन्होंने पार्टी छोड़कर सपा का दामन थामा है...
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफ के बाद तीन और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। कानपुर देहात से भाजपा विधायक भगवती सिंह सागर और बांदा के तिंदवारी से भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। शाहजहांपुर से तिलहर विधायक रोशनलाल वर्मा भी भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए हैं।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की खबर के बाद भगवती सिंह सागर, ब्रजेश प्रजापति समेत कई विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर डेरा जमा रखा है। रोशनलाल वर्मा ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है। उधर अन्य विधायकों के भी समाजवादी पार्टी के साथ जाने की चर्चा चल रही है। इसी बीच यूपी बीजेपी से एक बड़ी खबर यह है कि मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी भाजपा का दामन छोड़ दिया है।
तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति के पीआरओ मनोज कुमार ने मंगलवार को बताया, तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से आज इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि प्रजापति ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को अपना इस्तीफा भेजा है। प्रजापति ने 2012 का चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था, लेकिन हार गए थे। वह 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले मौर्य के साथ ही बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे।
शाहजहांपुर से मिली सूचना के अनुसार, रोशन लाल वर्मा ने भाजपा पर दलितों, पिछड़ों और वंचितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए त्यागपत्र दिया है। वर्मा ने कहा, मैंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मैं स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ रहूंगा। उन्होंने कहा, हम लोगों की शिकायतें उठाते थे तो उन्हें नहीं सुना जाता था, हमें नहीं सुना जाता था। हमने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, मैं सपा में शामिल हो रहा हूं। वर्मा ने कहा, भाजपा नीत सरकार में दलित व पिछड़े अल्पसंख्यक कमजोर लोगों की लगातार उपेक्षा हो रही थी। बेरोजगारी बढ़ी है। वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दिखा रही है कि रोजगार दिए गए हैं जबकि यह सब फर्जी है, इसी से क्षुब्ध होकर उन्होंने पार्टी छोड़कर सपा का दामन थामा है।
कौन हैं भगवती प्रसाद सागर?
बसपा से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले भगवती सागर ने भाजपा की टिकट पर बिल्हौर सीट से विधानसभा चुनाव जीता और अब दोबारा चुनाव का बिगुल फुंकते ही पार्टी का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपते हुए पार्टी से मोहभंग होने और समाज हित के लिए काम न कर पाने की बात कही है। उन्होंने स्वामी प्रसाद माैर्य के साथ लखनऊ आवास पर होने और जल्द ही अगली रणनीति सामने आने की बात कही है।
भगवती का राजनीतिक सफर
मूल रूप से कानपुर देहात के रहने वाले भगवती प्रसाद सागर का जन्म 28 मई 1955 को हुआ था और उन्होंने स्नातक व एलएलबी की डिग्री हासिल की। उन्होंने बसपा से राजनीतिक सफर किया था और तीन बार विधायक व दो बार मंत्री रहे। वर्ष 1996 में बसपा की टिकट पर बिल्हौर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़े और सपा के शिवकुमार बेरिया को हराकर विधायक बने।
वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर झांसी के मऊरानीपुर सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। पूर्ववर्ती बसपा की सरकार में वह दो राज्य मंत्री रहे। वर्ष 2017 में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ उन्होंने भाजपा ज्वाइन की। बिल्हौर सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर बसपा के कमलेश दिवाकर को हराया। विधायक बने लेकिन पार्टी की विचारधारा से हमेशा अलग दिखाई देते रहे।
जानिए रोशनलाल वर्मा के बारे में
निगोही निवासी रोशनलाल वर्मा ने सहकारी समिति और यूपी ग्रामीण बैंक से चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वह निगोही के उप ब्लॉक प्रमुख और ब्लॉक प्रमुख बने। बाद में वह बसपा में शामिल हो गए। 2007 में पहला विधानसभा चुनाव बसपा से निगोही सीट पर लड़ा था। सपा के कोविद सिंह को 22,800 वोटों से हराकर वह जीते थे। 2012 का चुनाव तिलहर विधानसभा सीट से बसपा से लड़ा और सपा के अनवर अली को 10708 वोटों से हराया। 2017 के चुनाव से ठीक पहले रोशनलाल वर्मा बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा ने तिलहर से रोशनलाल वर्मा को कांग्रेस-सपा के संयुक्त प्रत्याशी जितिन प्रसाद के खिलाफ उतारा। कड़ी टक्कर में तब के कद्दावर कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को रोशनलाल वर्मा ने 5,715 वोटों से हरा दिया। तब से रोशनलाल वर्मा का कद पार्टी में बड़ा हो गया था। बाद में भाजपा के एक बड़े नेता से टकराव के कारण भी वह चर्चा में रहे थे। भाजपा के कुछ बड़े नेताओं से उनके मतभेद बार-बार उभरकर सामने आते रहते थे। वर्मा अब आरोप लगा रहे हैं कि वह अपनी उपेक्षा से आहत होने के चलते पार्टी छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। उन्होंने जिले के एक बड़े भाजपा नेता पर भी अड़ंगेबाजी करने का आरोप लगाया है।
बृजेश कुमार प्रजापति
स्वामी प्रसाद मौर्य के कबीना मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांदा में तिंदवारी क्षेत्र के भाजपा विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने भी उनके समर्थन इस्तीफा दे दिया है।उन्होंने अपनी ही सरकार पर भ्रष्ट अफसर और सिंडीकेट के हावी होने का आरोप लगाया था। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजे त्यागपत्र में बृजेश ने भी लगभग वही भाषा का इस्तेमाल किया है जो स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में लिखी है।
गौरतलब है कि बृजेश पूर्व से ही स्वामी प्रसाद मौर्य के ग्रुप में समर्थक माने जाते रहे हैं। उन्हीं के कोटे से उन्हें तिंदवारी से भाजपा ने टिकट दिया था। अपने कार्यकाल में बृजेश कई बार सुर्खियों में रहे। उन्होंने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस सरकार में भ्रष्ट अफसर और सिंडीकेट हावी है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ बृजेश के भी सपा में शामिल होने की चर्चा है। उन्होंने लिखा कि, स्वामी नहीं संत हैं भाजपा का अंत हैं।
दारा सिंह चौहान
वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान को आनन- फानन में स्पेशल चार्टर प्लेन दिल्ली बुलाने की सूचना है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान भी सपा का दामन थामने वाले हैं। ऐसी सूचना आ रही थी। दारा सिंह चौहान वैसे भी 2017 चुनाव से पहले बसपा छोड़कर कर भाजपा का दामन था। अभी तक मऊ के मधुबन विधानसभा सीट से विधायक है।
दारा सिंह चौहान की बदौलत बीजेपी इस सीट को पहली बार जीतने में सफल रही है। हालांकि सपा में आने के बाद वह मऊ की घोसी विधान सभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते है। यह सीट गठबंधन में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा को मिलने वाली है। जहां से मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास चुनाव लड़ते है।
बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के सिंबल पर अब्बास यहां से चुनाव लड़ने वाले है। इसी बीच बीजेपी आला कमान ने उनको दिल्ली बुला लिया है। इसके लिए स्पेशन विमान की व्यवस्था की गई है। दरअसल, दारा सिंह चौहान चौहान समाज के बड़े नेता है। इसका असर मऊ समेत 20 जिलो में है। ऐसे में बीजेपी उनको किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ना चाहती है।
ये 4 विधायक भी छोड़ सकते हैं भाजपा
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शुरू हुए इस्तीफे का दौर अब बढ़ता जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद तीन और विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद कई और विधायकों के नाम चर्चा में आए हैं जो पार्टी छोड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के चार और ऐसे विधायक हैं जो पार्टी छोड़ सकते हैं। इनमें ममतेश शाक्य, विनय शाक्य, धर्मेन्द्र शाक्य ओर नीरज मौर्य का नाम चल रहा है। हालांकि अभी इन नामों पर पूरी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है।
इससे पहले कम से कम 3 और भाजपा विधायक सपा में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ चुके थे। भाजपा के मौजूदा विधायक माधुरी वर्मा (बहरीच), राधा कृष्ण शर्मा (बदायूं), दिग्विजय नारायण चौबे (संत कबीर नगर) पिछले एक महीने में सपा में शामिल हो चुके हैं।