UP Election 2022: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी समझाकर अखिलेश ने योगी को कहा 'पैदलजीवी' पूछा ये सवाल!

अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की नींव सपा सरकार ने रखी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर जरूरी होगा तो वह इससे संबंधित दस्तावेज भी पेश कर सकते हैं...;

Update: 2021-12-13 07:50 GMT
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(सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ)

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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में आज पीएम नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का उद्घाटन करेंगे। इस कॉरिडोर को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी को समझाते हुए योगी आदित्यनाथ को 'पैदलजीवी' कहकर कई सवाल पूछे हैं।

सपा प्रमुख ने लिखा, 'काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी...सपा सरकार में करोड़ों का आवंटन हुआ, सपा सरकार में कॉरिडोर हेतु भवनों का अधिग्रहण शुरू हुआ। मंदिर कर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया। 'पैदलजीवी' बताएं कि सपा सरकार के वरुणा नदी के स्वच्छता अभियान को क्यों रोका और मेट्रो का क्या हुआ।' 

बीजेपी नेता सुरेश नाखुवा ने लिखा कि अखिलेश जी, आपने अपने कार्यकाल में न कोई राशि का आवंटन किया न कोई कार्य किया। आपने सिर्फ झूठ बोल के जनता को गुमराह किया है और कुछ नहीं, जनता की नज़र में ईमानदार दमदार सरकार और इफ्तार वाली पार्टी का फर्क साफ है 2022 में जवाब आपको जनता देगी। इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि ग्राहम बेल को कौन नहीं जानता? लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनको प्रेरणा देने वाला कौन था।

विजय पटेल नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, सर, वो स्टेच्यू ऑफ यूनिटी वाला भी बता दीजिए। कैसे आपने छुपके से गुजरात आकर पूरा प्लान बनाया था और आपने करोड़ो का आवंटन भी कैसे किया था। अनुराग सिंह नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि अगर विश्व काशी विश्वनाथ कॉरीडोर आपका सपना था तो यह घोषणा कीजिए कि मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि को भी मुक्त कराएंगे। मथुरा मुक्त आंदोलन के अगुआ बनिए… संपूर्ण हिंदू समाज आपके साथ खड़ा होगा।

अखिलेश ने किया यह दावा

गौरतलब है कि रविवार 12 दिसंबर को अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की नींव सपा सरकार ने रखी थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अगर जरूरी होगा तो वह इससे संबंधित दस्तावेज भी पेश कर सकते हैं। उनके इस बयान पर यूपी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर अखिलेश यादव ने पहले ऐसा किया होता तो उनको वोटों के लाले पड़ जाते।

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