UP Election 2022: अयोध्या से चुनाव लड़ने जा रहे सीएम योगी को क्यों लेना पड़ा यू-टर्न, जो अब गोरखपुर से लड़ेंगे!

UP Election 2022: इस विधानसभा चुनाव में यह देखना बेहद रूचिकर रहेगा कि प्रदेश की जनता मंदिर, मठ और हिंदुत्व के नाम पर वोट देती है अछवा उसके सामने रोटी, रोजगार इत्यादी का मसला भी उठता है...

Update: 2022-01-15 09:14 GMT

अयोध्या से नहीं गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे सीएम योगी (file photo)

UP Election 2022: 'जो राम को लाए हैं...हम उनको लाएंगे, यूपी में फिर से हम भगवा लहराएंगे।' उत्तर प्रदेश में चुनावी रंग देने के लिए भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बना ये गाना आप सबने कई प्लेटफार्म पर सुना होगा। भगवा माने भाजपा (BJP) और भगवा का दूसरा अर्थ योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बन गये। योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा था, इसी को ध्यान में रख उपर वाला गाना भी बनाया गया था।

इस बीच अभी थोड़ी देर पहले मिले इनपुट के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने यू-टर्न ले लिया है। ताजी सूचना ये है कि अब वह गोरखपुर शहर सीट से विधानसभा- 2022 के उम्मीदवार होंगे। राजनीति में कुछ भी अचानक नहीं होता, सब कुछ एक रणनीति बनाकर किया जाता है। पिछले दिनों पीएम मोदी के एक वायरल वीडियो में खुद वह भी कुछ ऐसा ही कहते सुने गये थे। तो क्या योगी का अयोध्या से न लड़ना हार का डर है?

पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्वीट किया है कि, 'जो मीडिया कल तक योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से लड़ाए जाने को 'मास्टरस्ट्रोक' बता रही थी, वही मीडिया अब उन्हें गोरखपुर से लड़ाए जाने को 'मास्टरस्ट्रोक' बताएगी। रिश्ता वही, सीट नयी।'

इस मामले पर 4 पीएम के संपादक संजय शर्मा बताते हैं कि, 'अयोध्या में ब्राह्मणों की नाराजगी और संतों के असंतोष के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या से चुनाव लड़ने का इरादा धोड़ दिया है। वह अब गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे।'

समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह योगी पर लगातार हावी हैं। बता दें आईपी सिंह ने ही योगी के लिए मार्च में गोरखपुर वापसी की टिकट भी बुक कराई थी। आईपी सिंह लिखते हैं, 'अयोध्या के ब्राह्मणों की नाराज़गी को देखते हुए योगी जी अंत में भाग खड़े हुए। इस बार गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे हैं उनकी ज़मानत जब्त होना तय। अयोध्या में पाँच साल में 50 बार हेलीकॉप्टर से दौड़ लगाई फिर भी अपने किये विकास पर उन्हें खुद से विश्वास नहीं रहा।'

गौरतलब है कि, गोरखपुर में विधानसभा की 9 सीटें हैं। इन सभी सीटों पर छठे चरण में यानी 3 मार्च को मतदान होंगे। नीचे दिए गये आंकड़ों से समझिए गोरखपुर की मौजूदा राजनीतिक तस्वीर क्या है?

कैम्पियरगंज विधानसभा 

2017: कैम्पियरगंज सीट इस चुनाव में बीजेपी के खाते में गई थी। बीजेपी उम्मीदवार फतेह बहादुर ने कांग्रेस प्रत्याशी चिंता यादव को 32854 वोटों से हराया था।

2012: इस चुनाव में यहां एनसीपी उम्मीदवार फतेह बहादुर ने एसपी प्रत्याशी चिंता यादव को 8958 वोटों से हराया था।

पिपराइच विधानसभा

2017: इस चुनाव में यहां बीजेपी उम्मीदवार महेंद्र पाल सिंह ने बीएसपी प्रत्याशी आफताब आलम उर्फ गुड्डू भैया को 12809 वोटों से हराया था।

2012: पिपराइच सीट पर इस चुनाव में एसपी प्रत्याशी राजमती ने बीएसपी उम्मीदवार जितेंद्र को 35635 वोटों से हराया था।

गोरखपुर नगरीय विधानसभा

2017: इस चुनाव में गोरखपुर नगरीय सीट पर बीजेपी उम्मीदवार राधामोहन दास अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी राना राहुल सिंह को 60730 वोटों से हराया था।

2012: गोरखपुर नगरीय सीट इस चुनाव में भी बीजेपी के खाते में गई थी। बीजेपी उम्मीदवार राधामोहन दास अग्रवाल ने एसपी प्रत्याशी राजकुमारी देवी को 47454 वोटों से हराया था।

गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा

2017: गोरखपुर ग्रामीण सीट पर इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बिपिन सिंह की जीत हुई थी। उन्होंने एसपी प्रत्याशी विजय बहादुर यादव को 4410 वोटों से हराया था।

2012: इस चुनाव में यहां बीजेपी उम्मीदवार विजय बहादुर यादव ने एसपी प्रत्याशी जफर अमीन को हराया था। दोनों उम्मीदवारों को मिले वोटों का अंतर 16985 रहा था।

सहजनवा विधानसभा

2017: इस चुनाव में सहजनवा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी शीतल पांडे ने एसपी उम्मीदवार यशपाल सिंह रावत को 15377 वोटों से हराया था।

2012: सहजनवा सीट पर इस चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी राजेंद्र ने बीजेपी उम्मीदवार अश्विनी को 12691 वोटों से हराया था।

चौरी चौरा विधानसभा

2017: इस चुनाव में यहां बीजेपी प्रत्याशी संगीता यादव ने एसपी उम्मीदवार मनुरोजन यादव को 45660 वोटों से हराया था।

2012: चौरी चौरा सीट पर इस चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार जयप्रकाश ने एसपी प्रत्याशी अनूप कुमार पांडे को 20601 वोटों से हराया था।

खजनी (SC) विधानसभा

2017: इस चुनाव में खजनी सीट भी बीजेपी के खाते में गई थी। बीजेपी उम्मीदवार संत प्रसाद ने बीएसपी प्रत्याशी राजकुमार को 20079 वोटों से हराया था।

2012: खजनी सीट पर इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार संत प्रसाद ने बीएसपी प्रत्याशी राम समुझ को 9436 वोटों से हराया था।

बांसगांव (SC) विधानसभा

2017: इस चुनाव में बांसगांव सीट पर बीजेपी उम्मीदवार विमलेश पासवान ने बीएसपी प्रत्याशी धर्मेंद्र कुमार को 22873 वोटों से हराया था।

2012: बांसगांव सीट पर इस चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी विजय कुमार ने एसपी उम्मीदवार शारदा देवी को 8346 वोटों से हराया था।

चिल्लूपार विधानसभा

2017: चिल्लूपार सीट पर इस चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी विनय शंकर तिवारी ने बीजेपी उम्मीदवार राजेश त्रिपाठी को 3359 वोटों से हराया था।

2012: इस चुनाव में भी चिल्लूपार सीट बीएसपी के खाते में गई थी। बीएसपी उम्मीदवार राजेश त्रिपाठी ने एसपी प्रत्याशी सीपी चंद को 11153 वोटों से हराया था।

अब इस दफा यानी 2022 विधानसभा चुनाव में यह देखना बेहद रूचिकर रहेगा कि प्रदेश की जनता मंदिर, मठ और हिंदुत्व के नाम पर वोट देती है अछवा उसके सामने रोटी, रोजगार इत्यादी का मसला भी उठता है। गौरतलब है कि यूपी में 7 चरणों में 7 फरवरी से लेकर 10 मार्च तक मतदान होने हैं। वहीं, चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।

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