UP Election 2022: बहुत नाइंसाफी है योगीराज में, एक IPS को जेल से नहीं छूटने दे रहे तो दूसरे को लड़ा रहे विधायकी

योगी आदित्यनाथ भी अपनी अफसरशाही के बीच खुद की तारीफों की दरकार रखते हैं। हालांकि, तारीफें सभी को पसंद होती हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ को कुछ अधिक ही पसंद हैं...

Update: 2022-01-14 03:19 GMT

(अमिताभ ठाकुर को जेल भिजवाकर असीम अरूण को लड़ा रहे चुनाव)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लाख दावे कर ले की उसने किसी के साथ नाइंसाफी नहीं कि तो यह कहना बिल्कुल ऐसा होगा जैसा विश्वनेता द्वारा निर्मल गंगा का किया जा रहा दावा। अब समझिए कि एक तरफ योगी आदित्यनाथ सूबे के आईपीएस अफसरों को बुलाकर टिकट पकड़वा रहे हैं, वहीं एक आईपीएस अफसर को डायरेक्ट योगी का मुल्जिम माना जा रहा है। ऐसे में रामराज्य की परिकल्पना बताइये भला कहां से पूरी हो रही।

आखिर अमिताभ ठाकुर ने कहा क्या था? यही न कि वो वहीं से चुनाव लड़ेंगे जहां से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ चुनाव लड़ेंगे। फिर डर क्या था? सूबे के एक मुख्यमंत्री को कहीं न कहीं अमिताभ के चुनाव लड़ने पर डर क्यों सता गया। तिसपर खुद की सरकार को रामराज्य सरीखा बताने का भरम फिर क्यों दिया जाता है प्रदेश की जनता को? क्या असीम अरूण आईपीएस नहीं हैं? जिन्हें वीआरएस दिलाकर चुनाव लड़ाया जा रहा। 

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सरकारें कोई भी रहीं हों प्रदेश में सब अपनी अपनी जबरिया राजनीति के लिए जाने जाते हैं। भले ही योगी के चरणरज लेते आजतक कोई अफसर कैमरे में कैद ना हो पाया हो लेकिन मायावती की तरह ही योगी आदित्यनाथ भी अपनी अफसरशाही के बीच खुद की तारीफों की दरकार रखते हैं। हालांकि, तारीफें सभी को पसंद होती हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ को कुछ अधिक ही पसंद हैं।

योगी सरकार के एक नौकरशाह ने नाम न छापने की शर्त पर जनज्वार को बताया कि, 'उनकी बात नहीं सुनी जाती। सिर्फ इसलिए क्योंकि उनकी भाषा में तारीफ वाले शब्द नहीं होते। वहीं उनके साथ काम कर रहे लोग महाराज-महाराज कहकर ऐसे कई काम करवा लेते हैं जो अनुचित भी होते हैं। योगी आदित्यनाथ तारीफ पसंद व्यक्तित्व हैं।'

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