BJP की बी टीम निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने भरे मंच से गाली देकर पूरा किया एतिहासिक भाषण
भो***वालों। वो हमारे जेहन में बैठ गया है। 10 मार्च के बाद जब सरकार बनेगी तो इनको अपने हाथों से सजा दूंगा। संजय निषाद यहां किसी पुलिस वाले पर भड़क रहे थे...
UP Election 2022: निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। निषाद ने इस बार सारी मर्यादाएं तोड़ते हुए भरे मंच से गाली बक डाली। संजय निषाद ने हजारों महिलाओं पुरूषों के सामने भविष्य के नेताओं का वो प्रमाण दिया है जो अब तक पर्दे के पीछे तक सीमित था, लेकिन आज संजय निषाद ने खुद के निषादराज (Nishadraj) होने की परिभाषा को जीवंत कर डाला है।
दरअसल, संतकबीर नगर के मेंहदावल विधानसभा से अपने उम्मीदवार अनिल त्रिपाठी (Anil Tripathi) के लिए जनसभा को संबोधित करने पहुँचे निषादराज डॉ. संजय निषाद ने भरे मंच से गाली देना शुरू कर दिया। उन्होने कहा कि, वो निषादों को कहता था..भो***वालों। वो हमारे जेहन में बैठ गया है। 10 मार्च के बाद जब सरकार बनेगी तो इनको अपने हाथों से सजा दूंगा। संजय निषाद यहां किसी पुलिस वाले पर भड़क रहे थे।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार संजय शर्मा ने निषादराज का यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'यह संजय निषाद है ! अमित शाह जी और मोदी जी इनको अपने घर पर चाय पिलाते है और मंच पर इनका हाथ पकड़ कर खड़ा कर देते है ! जहॉ यह इतनी अच्छी गाली दे रहे हैं उस सभा में महिलायें भी मौजूद है ! आभार मोदी जी और योगी जी आपका इतने शानदार नेता के साथ सरकार बनाने का दावा करने के लिये।'
यह कोई पहला मौका नहीं है जब भाजपा सहयोगी संजय निषाद ने इस तरह का बयान दिया हो। इससे पहले 24 फरवरी को सुल्तानपुर की सदर सीट से प्रत्याशी राज प्रसाद उपाध्याय के समर्थन में जनसभा करने पहुँचे संजय निषाद क्षेत्र के पांडे बाबा में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, 'यह दिमाग बहुत खराब है। 6 महीने में भूल जाते हैं। फिर उन्होंने आगे कहा कि पौव्वा पिलाकर सुला दिया जाता है और वोट लेकर पांच साल बर्बाद किया जाता है।'
इससे पहले संजय निषाद ने भाजपा के अराध्य प्रभु श्रीराम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि, भगवान राम अयोध्या (Ayodhya) के राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे, बल्कि वो पुत्रेष्टि यज्ञ कराने वाले श्रृंगी ऋषि (Shringi Rishi) के बेटे थे। संजय निषाद का कहना है कि 'भगवान राम को राजा दशरथ का तथाकथित पुत्र कहा जा सकता है, लेकिन वो वास्तविक बेटे नहीं थे।'
संजय निषाद (Sanjay Nishad) के मुताबिक 'राजा दशरथ को जब कोई संतान नहीं हो रही थी तो उन्होंने श्रृंगी ऋषि से यज्ञ कराया था। ये यज्ञ सिर्फ कहने के लिए ही था। कहा जाता है कि श्रृंगी ऋषि (Shringi Rishi) द्वारा खीर दिए जाने से राजा दशरथ (King Dashrath) की तीनों रानियों के पुत्र पैदा हुए थे, जबकि हकीकत ये है कि खीर खाने से कोई भी महिला गर्भवती नहीं हो सकती।'