गोरखपुर में 62109 से अधिक मतदाताओं ने बुलडोजर को किया नापसंद, हाथी-पंजा धड़ाम तो अपना दल की चांदी

बसपा व कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच गईं। सीधी लड़ाई में जहां भाजपा गठबंधन को 45% से अधिक वोट मिले, वहीं, दूसरे नंबर पर रहा सपा गठबंधन 36% वोट हासिल कर सका...

Update: 2022-03-12 04:59 GMT

(गोरखपुर के 62109 से अधिक मतदाताओं ने योगी को किया नापसंद) 

UP Win BJP: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भले ही अपनी सीट एक लाख से ज्यादा मतों से जीत गए हों लेकिन गोरखपुर की 24.8 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने योगी और उनके बुलडोजर को नापसंद किया है। योगी को कुल 165499 वोट यानी 66 फीसद वोट मिले हैं। दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी की सुभावती शुक्ला को 62109 वोट यानी 24.8 फीसद वोट प्राप्त हुए हैं।

विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों में भाजपा (BJP) गठबंधन को दो-तिहाई से ज्‍यादा सीटें मिली हैं। बता दें कि 37 साल बाद यूपी में किसी सीएम की अगुआई में दोबारा सरकार लौटी है। भाजपा गठबंधन ने 274 सीटें जीती हैं। सपा 100 का आंकड़े से कुछ ही आगे पहुंच पाई, जबकि बसपा व कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच गईं। सीधी लड़ाई में जहां भाजपा गठबंधन को 45% से अधिक वोट मिले, वहीं, दूसरे नंबर पर रहा सपा गठबंधन 36% वोट हासिल कर सका।

बीजेपी के 10 नेताओं ने एक लाख से ज्‍यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। साहिबाबाद सीट से सुनील कुमार शर्मा ने तो सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। वह 2,14,835 वोटों के अंतर से विजयी हुए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सदर सीट से 1.04 लाख से अधिक सीट दर्ज की। 2003 के बाद योगी आदित्यनाथ पहले सीएम होंगे जो विधानसभा के सदस्य होंगे।  

पूर्वांचल से लेकर वेस्ट यूपी तक भाजपा को शानदार जीत मिली। पहले चरण के चुनाव उन जिलों में हुए थे, जहां किसान आंदोलन का सर्वाधिक असर था। उस चरण की 58 सीटों में भाजपा को 46 सीटें मिली। तिकुनिया कांड के कारण चर्चा में आए लखीमपुर में विपक्ष का खाता तक नहीं खुला। दूसरा व सातवां चरण ही ऐसा रहा जहां सपा भाजपा को टक्कर देती दिखी।

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी व सीएम के गृह जिले गोरखपुर में क्लीन स्वीप करने के साथ ही भाजपा ने नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, हरदोई, गोंडा, कन्नौज, कुशीनगर्, मीरजापुर सहित कई जिलों में सारी सीटें अपने झोली में डाल लीं।

सपा-भाजपा के बाद अपना दल (एस) की चांदी

भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी गठबंधन के तहत मिली 17 में से 12 सीटों पर चुनाव जीत रही है। निर्वाचन आयोग की साइट पर इस दल के 11 प्रत्याशियों के जीत की घोषणा की जा चुकी है, एक सीट पर बढ़त है। 2017 विधानसभा चुनाव में अद (एस) ने 11 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जिनमें से 9 पर जीत हासिल हुई थी। अब तक की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा और सपा के बाद अद (एस) प्रदेश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

सपा गठबंधन में सुभासपा का प्रदर्शन बेहतर

सपा गठबंधन में शामिल रालोद को 33 सीटें मिली थीं। रालोद 8 सीटें जीती है। रालोद को ये सभी सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिली हैं। वहीं सपा की दूसरी सहयोगी पार्टी सुभासपा जिसका जनाधार पूर्वांचल में है उसने 17 प्रत्याशी खड़े किए थे। जिसमें से 4 पर जीत की घोषणा हो चुकी है, 02 पर पार्टी प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं। पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक सुभासपा सात सीतों पर जीत हासिल कर रही है। सात में एक सीट मेहनगर में पार्टी ने अपने प्रत्याशी को सपा के सिंबल पर मैदान में उतारा था।

रालोद की अपेक्षा सुभासपा के जीत का ग्राफ काफी बेहतर है। 2017 में भाजपा गठबंधन में रहते हुए सुभासपा को 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। सपा गठबंधन में शामिल अद (कमेरावादी) को किसी भी सीट पर सफलता नहीं मिली है। वहीं इस चुनाव में किसी गठबंधन में शामिल नहीं होने के बावजूद रघुराज प्रताप सिंह राजा भईया की जनसत्ता पार्टी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई है।

Tags:    

Similar News