Amit Shah in Kairana: कैराना पहुँचे अमित शाह, बिना मास्क पलायन के मुद्दे को दी धार, 2017 में भी हुआ था फायदा
Amit Shah In Kairana: 2017 के विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण की दम पर 104 सीटें भाजपा की झोली में गईं थीं। सपा की 20 सीटें तो बसपा की 03 तथा कांग्रेस की 02 सीटें निकली थीं..
Amit Shah in Kairana: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज कैराना पहुंचे थे। यहां उन्होने मुख्यता पलायन वाले क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों से बातचीत की। उनसे पूछा कि अब उन्हें कोई तकलीफ तो नहीं है? बता दें कि यूपी चुनाव के मद्देनजर गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह (Amit Shah) का यह पहला कैराना दौरा है। यहां पिछली बार भी ध्रुवीकरण की राजनीती से भाजपा (BJP) को बड़ा फायदा मिला था।
कैराना पहुँचे अमित शाह ने संकरी गलियों में घर-घर पहुंचकर लोगों को पर्चे बांटे। उनके साथ सैंकड़ों की तादाद में कार्यकर्ता भी नजर आए। कई कार्यकर्ताओं ने शाह के साथ सेल्फी भी ली। चौंकाने वाली बात यह है कि शाह ने पूरे प्रचार के दौरान (Without Mask) मास्क नहीं पहन रखा था। वह भी तब जब तीसरी लहर का संकट खुद भाजपा वाले ही बता रहे हैं। कोविड नियमों की धज्जियां और प्रोटोकाल की बात कर रहे।
कैराना में क्या बोले अमित शाह?
अमित शाह ने कैराना में मीडिया बात करते हुए कहा कि प्रदेश में विकास की नई लहर दिखाई दे रही है। गरीब के घर में गैस, बिजली, आयुष्मान भारत योजना का कार्ड, हर व्यक्ति को कोरोना का टीका ये सारी योजनाएं अच्छे से लागू की गई हैं। यही कैराना है जहां पहले लोग पलायन करते थे। आज लोग कह रहे हैं कि पलायन करने वाले पलायन कर गए। यानी अब उन्हें कोई भय नहीं है। वे आत्मविश्वास से भरे हैं। शाह ने कहा कि एक जाति के लिए काम करने वाली सरकारों की प्रथा बंद करना है।
मृगांका सिंह हैं प्रत्याशी
शाह के साथ कैराना में भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह भी नजर आईं। वे यहां से कैंडिडेट हैं। मृगांका हुकूम सिंह की बेटी हैं। हुकुम सिंह वही सांसद हैं, जिन्होंने सबसे पहले कैराना से हिन्दुओं के पलायन का मुद्दा उठाया था। बाद में यह देश भर की मीडिया की सुर्खियों में रहा। कैराना भाजपा के लिए कितना अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महीने भर पहले योगी आदित्यनाथ भी वहां गए थे।
योगी ने भी वहां पलायन के बाद लौटकर आए परिवारों से मुलाकात की थी। अक्टूबर 2021 में जब शाह लखनऊ आए थे तो उन्होंने भी कहा था कि पलायन करने वाले पलायन कर गए। शाह ने उसी दौरान ये इशारा कर दिया था कि कैराना चुनाव में भी याद किया जाएगा।
क्या है कैराना का पलायन?
मई 2016 में कैराना से तत्कालीन सांसद हुकुम सिंह ने वहां से कुछ हिंदुओं के पलायन का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि मुस्लिम दबंगों के चलते हिन्दू परिवार कैराना से पलायन कर रहे हैं। इसको लेकर भी खूब राजनीति हुई थी।
ध्रुवीकरण से फायदा
2014 के लोकसभा चुनाव में ध्रुवीकरण की दम पर भाजपा ने पश्चिमी यूपी में 23 सीटें झटकी थीं। समाजवादी पार्टी 03 और बसपा व कांग्रेस शून्य पर रहीं थीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में 104 सीटें भाजपा की झोली में गईं थीं। सपा की 20 सीटें तो बसपा की 03 तथा कांग्रेस की 02 सीटें निकली थीं। इसी तरह 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा की 18 सीटें, सपा की 04, बसपा की 04 सीटें तो कांग्रेस का खाता ही नहीं खुल पाया था।