सबको लाजवाब करने वाले सिद्धू पंजाब चुनाव का रिजल्ट आने के बाद से गायब कहा हैं, किसी को है उनके बारे में कुछ पता!

पंजाब विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने 12 बजकर 27 मिनट पर ट्विट किया था। अपने ट्विट में उन्होंने सियासी विनम्रता का परिचय देते हुए चुनाव परिणाम को लेकर लिखा था - जनता की आवाज भगवान की आवाज है। पंजाब के लोगों के जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करें।

Update: 2022-03-11 09:53 GMT

पंजाब चुनाव परिणाम आने के बाद से सिद्धू मौन क्यों हैं?

नई दिल्ली। हाजिर जवाबी और अपने ओजपूर्ण बयानों से सबको लाजवाब करने वाले क्रिकेटर, लाफ्टर, राजनेता और मोटिवेशनल स्पीकर नवजोत सिंह सिद्धू  ( Navjot Singh Sidhu ) ,आखिर पिछले 24 घंटे से ज्यादा समय से गायब कहा हैं। खासकर पंजाब विधानसभा चुनाव परिणाम ( Punjab Election Result 2022 ) आने के बाद से उनका कोई पता नहीं है। क्या आपको पता है, सियासी दुनिया से लेकर मनोरंजन व मीडिया जगत के लोग उन्हें ढूंढ रहे हैं, लेकिन किसी को उनके बारे में कोई पता नहीं हैं।

ऐसा होना भी स्वाभाविक है। सिद्धू अभी तक पंजाब ( Punjab ) की धरती का खुद को सबसे लोकप्रिय और जन हितैषी सपूत बताते रहे, पर जब सियासी परीक्षा की घड़ी आई, तो एक आम और खूबसूरत दिखने वाली ज्योति कौर ने चुनावी दंगल में बड़बोले कांग्रेसी पलहवान को पटखनी देकर सबको अवाक कर दिया। तभी से वो अज्ञात रूप से भूमिगत हैं। कुछ बोल नहीं रहे हैं। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है।

कल चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने 12 बजकर 27 मिनट पर ट्विट किया था। अपने ट्विट में उन्होंने सियासी विनम्रता का परिचय देते हुए चुनाव परिणाम को लेकर लिखा था - जनता की आवाज, भगवान की आवाज है। पंजाब के लोगों के जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करें। आप को बधाई !!!

लेकिन उनके ट्विट के अंत में एक्सक्लामेशन के साइन होने से साफ है कि उन्होंने इस हार को दिल से स्वीकार नहीं किया है। न ही आप प्रत्याशी ज्योति कौर को जीत की बधाई दी है।

ताजा अपडेट के मुताबिक गोदी से लेकर निष्पक्ष पत्रकार तक उनके पास तक पहुंच नहीं पाए हैं। या यूं कहें कि संपर्क नहीं कर पाएं हैं।

ऐसा लग रहा है पंजाब चुनाव में कांग्रेस की हार से ज्यादा खुद की पराजय ने उन्हें व्यथित कर दिया है। वो एकांत में चले गए हैं। उस एकांत स्थिति में, जहां उनसे कोई संपर्क नहीं कर पाये।

हां, उन्होंने नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक दल की गुरुवार शाम पांच बजे बैठक बुलाई थी, लेकिन उसके बारे में भी कहीं कोई चर्चा नहीं है।

अभी तक नहीं ली हार की नैतिक जिम्मेदारी

खास बात यह है कि जब किसी पार्टी का नेतृत्वकर्ता चुनाव हारता है तो वो अपनी नैतिक जिम्मेदारी सार्वजनिक तौर पर संवाददाता सम्मेलन, ट्विट, फेसबुक पोस्ट, ब्लॉक पर लेख साझा कर या पत्र जारी कर करता है। लेकिन सिद्धू ने ऐसा कुछ नहीं किया, क्यों? क्या वो वास्तव में सदमें में हैं या नये सिरे से कोई तरकीब सोच रहे हैं।

हां, याद आया, सिद्धू तो नैतिक जिम्मेदारी भी नहीं ले सकते, पूछिए क्यों, इसका जवाब यह है कि पंजाब की एक रैली जिसमें प्रियंका गांधी शामिल हुई थीं, उनके कहने पर भी उन्होंने भाषण देने से इंकार कर दिया था। अब प्रियंका गांधी कोई आम महिला तो हैं नहीं, वो कांग्रेस के टॉप तीन नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी के बाद उन्हीं का नंबर आता है। फिर, सिद्धू हार की बात भी किससे करेंगे। आखिर आलाकमान से ही एक जिम्मेदार राजनेता से बात साझा करता है, उन्होंने अपने आलाकमान को पहले से ही नाराज कर रखा है।

कौन हैं ज्योति कौर, जिससे मिली हार पचा नहीं पा रहे सिद्धू 


अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम मजीठिया को हराने वाली आप की उम्मीदवार जीवन ज्योत कौर समाज सेविका हैं। वह श्री हेमकुंट एजुकेशन सोसायटी की संस्थापक भी हैं। इस संस्था के तहत वह जरुरतमंद बच्चों को शिक्षा मुहैया करवा रही है। वह पंजाब की 'पैड वुमैन' के नाम से भी लोकप्रिय हैं। वह प्लास्टिक सैनेटरी पैड के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों के बारे में महिलाओं को जागरूक करना और महिलाओं को शिक्षित करने का काम भी करती हैं। जीवन ज्योत कौर ने एक स्विस कंपनी के साथ करार भी कर रखा है। यह कंपनी ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त में सैनेटरी पैड भी देती है।

एजुकेशन सोसायटी के तहत वह जरुरतमंद बच्चों के कल्याण के लिए भी काम करती हैं। संस्था का मुख्य लक्ष्य है साक्षरता और शिक्षा, स्वास्थ्य, स्लम-पुनर्वास, व्यावसायिक शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और कई अन्य सामाजिक कारणों के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम करना है।

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