UP Election 2022: समाजवादी पार्टी के इस नेता ने 11 मार्च को योगी की गोरखपुर वापसी के लिए बुक कर दी हवाई टिकट?
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीडी यूपी के एक कार्यक्रम में नाम लिए बगैर अखिलेश यादव को कालनेमी बता डाला। अरे वही कालनेमी जो रामायण में बूटी लाते समय हनुमान जी के हाथों शहीद हुआ था...
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव की दुंदुभी बज चुकी है। दिन तारीख भी निर्धारित हो चुका है। इस बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एक प्रखर नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए 11 मार्च के दिन की गोरखपुर वापसी के लिए टिकट भी बुक कर दी है। बता दें कि प्रदेश में 10 मार्च को सीएम कौन होगा पर्दा उठ सकता है।
सपा नेता आईपी सिंह ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि, '10 मार्च जनता का दिन होगा, 10 मार्च प्रदेश में सच्चाई का सूरज निकलेगा और सपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। इसलिए मैंने @myogiadityanath जी के लिए लखनऊ से गोरखपुर का 11 मार्च का रिटर्न टिकट बुक कर दिया है। यह टिकट सम्भाल कर रखिए, क्यूँ कि BJP भी नहीं पूछेगी आपको हार के बाद।'
बताते चलें कि सभी पार्टियों में हर तरफ के लोग एक दूसरे की तरफ शब्दबाण चला रहे हैं। जनता से सबसे ज्यादा कनेक्टिविटी उन्हीं की है ऐसा दावा किया जा रहा है। इधर टीवी मीडिया के भी बाजार लग गए हैं। नेताजी के बाद जनता की सबसे ज्यादा आखिर फिकर भी तो इन्हीं को है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीडी यूपी के एक कार्यक्रम में नाम लिए बगैर अखिलेश यादव को कालनेमी बता डाला। वही कालनेमी जो रामायण में बूटी लाते समय हनुमान जी के हाथों शहीद हुआ था। ऐसा इतिहासों में दर्ज है। बात करें उत्तर प्रदेश की तो 7 चरणों मे चुनाव होना है। साढ़े पंद्रह करोड़ वोटर यूपी के 403 लोगों की किस्मत का पिटारा खोलेगी।
10 मार्च को काउंडडाउन शुरु हो जाएगा, की कौन बनेगा मुख्यमंत्री। भारतीय जनता पार्टी जीतेगी या समाजवादी पार्टी। 10 मार्च को ही पंजे और हाथी की गई बची दमखम भी देखने को मिलेगी। ठीक दस के बाद 11 मार्च आएगा जिस दिन के लिए सपा नेता आईपी सिंह ने योगी के लिए टिकट बुक कर दी है।
देखना यह भी रहेगा कि अब तक जो सत्ताधारी दल धड़ाधड़ शिलान्यास दर शिलान्यास कर रहा था क्या इलेक्शन कमीशन के इन दिशानिर्देशों के बाद कोई फर्क आता है। या फिर रैलियां भी ऐसे ही चलती रहेगी ये चुनाव आयोग देखेगा। आखिर वो सब भी संस्था हैं अपनी मुकम्मल ईमानदारी कर ही रही होंगी।
कई टीवी चैनलों पर अखिलेश यादव जरूर मुद्दों पर चुनाव लड़ते दिख रहे, वे अपने काम गिना रहे हैं, वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री कभी रामायण तो कभी श्रीकृष्ण महाभारत तक घूम आते हैं। कांग्रेस ने महिलाओं को इस बीच थोड़ा अच्छा संदेश दिया है। बहुजन समाज पार्टी से इस बार उनका अपना खुद का वोट बैंक खिसकता दिख रहा। बाकी सब जनता पर निर्भर करेगा।