मायावती और ओवैसी ने की भाजपा की जीत में मदद, दोनों को मिलना चाहिए भारत रत्न और पद्म भूषण : Sanjay Raut

शिवसेना सांसद संजय राउत ने चार राज्यों में भाजपा को मिली जीत पर बसपा सुप्रीमो मायावती और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर तंज कसा है।

Update: 2022-03-11 08:12 GMT

नई दिल्ली। यूपी सहित पांच राज्यों में संपन्न चुनावों में से चार राज्यों में भाजपा को मिली जीत पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बसपा सुप्रीमो मायावती और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर तंज कसा है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा की जीत से सीखने की जरूरत है। यह भाजपा का राज्य था। अब भी है, लेकिन अखिलेश की सीटें तीन गुना बढ़ी हैं।

समाजवादी पार्टी की सीटें 47 से 125 पर पहुंची है। मायावती व ओवैसी ने भाजपा की जीत में योगदान दिया, इसलिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' व 'भारत रत्न' दिया जाना चाहिए।

शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद नेता ने कहा कि 5 राज्यों के चुनाव में से भाजपा ने चार में जीत दर्ज की है। गुजरात चुनाव से पहले इस तरह की जीत से भाजपा का मनोबल बढ़ा है। इसका असर अब गुजरात चुनावों पर भी होगा। इससे हमें दुखी होने की जरूरत नहीं है। हम उनकी खुशी में शामिल हैं।

दूसरी तरफ संजय राउत ने सवाल खड़ा किया कि उत्तराखंड के सीएम क्यों हारे? गोवा में दो डिप्टी सीएम क्यों हारे? सबसे ज्यादा चिंता की बात पंजाब है। भाजपा जैसी राष्ट्रवादी पार्टी पंजाब में पूरी तरह ठुकरा दी गई।

पंजाब के लोगों ने पूरी तरह से नकारा

शिवसेना नेता ने कहा कि यूपी, उत्तराखंड व गोवा पहले से भाजपा के थे, यह सही है, लेकिन भाजपा यूपी में कांग्रेस व शिवसेना की हार की तुलना में पंजाब में भाजपा की हार ज्यादा बड़ी है। संजय राउत ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री व अन्य बड़े नेताओं का पंजाब में जबर्दस्त प्रचार बावजूद भाजपा की हार यूपी की जीत से बड़ी है। भाजपा वाले आखिर पंजाब में क्यों हारे?

नोट कम थे इसलिए वोट नहीं मिले

मीडिया की ओर से यह पूछे जाने कि गोवा, उत्तर प्रदेश व मणिपुर चुनाव में शिवसेना का सबसे खराब प्रदर्शन क्यों रहा, इसका जवाब देते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी को 'नोटा' से भी कम वोट इसलिए मिले क्योंकि उसके पास 'नोट' कम थे। भाजपा को अपनी सफलता को पचाना सीखना चाहिए। कुछ ही लोग सफलता को पचा पाते हैं। विफलता को तो पचाना आसान है, लेकिन सफलता को पचाना मुश्किल है। भाजपा की जीत अच्छे चुनाव प्रबंधन के कारण हुई है।

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