उन्नाव रेप पीड़िता की मां के खिलाफ सपा नहीं उतारेगी प्रत्याशी, BJP-MLA का वो कांड जिसने भाजपा की सत्ता हिला दी थी
UP Election 2022: उन्नाव रेप पीड़िता ने कहा कि, 'हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और प्रियंका गांधी ने हमें उम्मीदवार बनाया है। मेरी मां शिक्षित नहीं हैं, इसलिए वे ज़्यादा बात नहीं कर पाएंगी...
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर एक अच्छी खबर आ रही। पहली खबर कल मिली थी जिसमें कांग्रेस (Congress) ने उन्नाव रेप पीड़िता की मां को टिकट दिया था। दूसरी अच्छी खबर आज कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने रेप पीड़िता की मां के खिलाफ अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। इस बीच रेप पीड़िता की मां ने भी कुछ बातें शेयर की हैं।
आशा सिंह ने बीबीसी से बातचीत में उन्नाव सदर विधानसभा सीट कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की पुष्टि की है। कांग्रेस की तरफ से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की जानकारी कब मिली? इस सवाल पर आशा सिंह ने बताया कि, 'प्रियंका गांधी हमारी मदद कर रही हैं। उनके पीए ने हमें फोन करके पूछा कि आप चुनाव लड़ोगी तो हमने उन्हें जवाब में हां कह दिया।'
बाद में उन्होंने ट्विटर पर बताया, 'मेरे संघर्ष में और मेरी लड़ाई में मेरा साथ देने के लिये कांग्रेस पार्टी की आभारी हूँ। मुझे उन्नाव सदर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने के लिये कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी का धन्यवाद।' उनकी बेटी और उन्नाव रेप पीड़िता ने कहा कि, 'हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और प्रियंका गांधी ने हमें उम्मीदवार बनाया है। मेरी मां शिक्षित नहीं हैं, इसलिए वे ज़्यादा बात नहीं कर पाएंगी।'
आशा सिंह की दूसरी बेटी ने बताया कि आप कांग्रेस पार्टी के संपर्क में कैसे आईंतो उनका कहना था कि हम पार्टी के सदस्य हैं। हम कांग्रेस कार्यालय में आते-जाते रहते हैं। उन्होंने कहा, 'प्रियंका गांधी ने हमें चुनाव लड़ने के लिए कहा। वे हमेशा से हमारी मदद करती रही हैं।' चुनाव प्रचार की रणनीति के सवाल पर उन्होंने बताया, 'जैसे चुनाव लड़ते हैं, हम लड़ेंगे। हमारे उन्नाव विधानसभा के लोग हमें वोट करेंगे।'
हालांकि, यह जोे ट्वीट था वो बहुत अदिक विश्वसनीय नहीं कहा जा सकता। क्योंकि उन्नाव प्रभारी ने हमें कुछ भी इस बारे में साफ जानकारी नहीं दी। इसके अलावा सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भी इस विषय पर कुछ नहीं कहा। इस मामले को लेकर अब तक जो ट्वीट किए गये थे वह डिलीट किये जा चुके हैं। लेकिन एक बात यह जरूर देखने समझने वाली रहेगी की समाजवादी पार्टी जो कहती है अमल भी करती है कि यूं ही ट्वीट डिलीट करने और करवाने का काम करती है या इससे अलग भी कुछ कर सकती है।अथवा वही काम होगा जिसे भाजपा मुद्दा बनाकर मैदान में है।
उन्नाव रेप केस में कब कब क्या हुआ?
4 जून 2017- पीड़िता ने बताया कि वह विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के यहां नौकरी दिलाने में मदद मांगने के लिए उनसे मिलने गई और विधायक के घर पर उसका रेप किया गया।
11 जून 2017- इसके बाद 11 जून को लड़की ग़ायब हो गई, जिसके बाद लड़की के परिवार वालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
20 जून, 2017- पीड़िता लड़की औरया के एक गांव से मिली और उसे अगले दिन उन्नाव लाया गया.
22 जून, 2017- पीड़िता की कोर्ट में पेशी हुई और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज हुआ। पीड़िता का आरोप था कि पुलिस ने बयान में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम नहीं लेने दिया।
3 जुलाई 2017- बयान दर्ज करवाने के 10 दिन बाद पीड़िता को पुलिस ने परिजनों को सौंपा और पीड़िता दिल्ली आ गई। पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने उसका शोषण किया। पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर का नाम एफ़आईआर में शामिल किया जाए।
24 फरवरी, 2018- पीड़िता की मां सामने आईं और उन्नाव के चीफ़ ज्यूडिशिल मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख़ किया और सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की।
3 अप्रैल, 2018- लड़की के पिता के साथ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर ने मारपीट की।
4 अप्रैल, 2018- इसके बाद उन्नाव पुलिस ने लड़की के पिता को आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ़्तार कर लिया।
8 अप्रैल, 2017- पीड़िता ने विधायक पर एफ़आईआर दर्ज कराने को लेकर सीएम आदित्यनाथ के आवास सामने आत्मदाह करने की कोशिश की। इस मामले में पुलिस पर उदासीनता का आरोप लगाया और परिवार ने आरोप लगाया कि एफ़आईआर दर्ज कराने के बाद उन्हें परेशान किया जा रहा है।
9 अप्रैल, 2018- लड़की के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई।
10 अप्रैल, 2018- पिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें 14 जगह चोटें लगने की बात सामने आई। इस मामले में छह पुलिस वालों को सस्पेंड भी किया गया और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए।
11 अप्रैल, 2018- राज्य की योगी सरकार ने ये केस सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए।
12 अप्रैल, 2018- नाबालिग से रेप के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अभियुक्त बनाया गया। लेकिन गिरफ्तारी नहीं की गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से पूछा कि सरकार विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी करेगी या नहीं।
13 अप्रैल, 2018- सीबीआई ने विधायक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया, उसके बाद गिरफ्तारी की और मामले में नई एफ़आईआर दर्ज की गई।
11 जुलाई, 2018- सीबीआई ने इस केस में पहली चार्जशीट दायर की जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम रखा गया।
13 जुलाई, 2018- इस इस मामले में दूसरी चार्जशीट दायर की गई और पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, भाई अतुल सेंगर और कुछ पुलिस वालों को अभियुक्त बनाया गया। इस मामले में कुलदीप सेंगर, अतुल सेंगर सहित सात लोग अभियुक्त बनाए गए।
28 जुलाई 2019- पीड़िता अपने अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ रायबरेली जा रही थी, जहां कार को ट्रक ने टक्कर मारी। ये एक्सीडेंट इतना भयानक था कि हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई।
लड़की को सुरक्षा के लिए कुल नौ सुरक्षाकर्मी दिए गए थे लेकिन घटना के वक़्त उसके साथ एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि विधायक के लोग उन्हें केस वापस लेने की लगातार धमकी दे रहे थे और ये एक्सीडेंट प्रयोजित कराया गया।
16 दिसंबर, 2019- कुलदीप सिंह सेंगर को रेप के लिए कसूरवार ठहराया गया।
20 दिसंबर, 2019 - कुलदीप सिंह सेंगर को इस मामले में उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई।
4 मार्च, 2020- कुलदीप सिंह सेंगर को न्यायिक हिरासत में हुई पीड़िता के पिता की मौत के लिए भी कसूरवार ठहराया गया। कुलदीप सिंह सेंगर तब से जेल में है।