UP Election 2022 : कानपुर कमिश्नर असीम अरुण का बड़ा ऐलान, BJP के टिकट पर कन्नौज से लड़ेंगे विधायकी
UP Election 2022 : कानपुर में कमिश्नरी लागू होने के बाद असीम अरुण पहले आईपीएस थे जो शहर के पहले सीपी बने थे, कन्नौज उनका पैतृक गांव है....
Kanpur News : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक एलान बाद आईपीएस असीम अरुण (Asim Arun) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। असीम अरूण (Aseem Arun) ने वीआरएस (VRS) लेने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी (Yogi Adityanath) से मुलाकात के बाद असीम अरुण ने ये फैसला लिया है। बताया यह भी जा रहा कि वह BJP के टिकट पर कन्नौज सदर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
बता दें की कानपुर में कमिश्नरी लागू होने के बाद असीम अरुण पहले आईपीएस थे जो शहर के पहले सीपी बने थे। कन्नौज उनका पैतृक गांव है। इसके अलावा सबसे पहले स्वॉट गठित करने का श्रेय भी असीम अरूण को जाता है। बताया जा रहा है कि उन्होंने शनिवार 08 जनवरी की दोपहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
प्रोफाइल असीम अरुण
एडीसी ऑफिसर रैंक के असीम अरुण 1994 बैच के IPS अधिकारी हैं। तीन अक्टूबर 1970 को इनका जन्म बदायूं में हुआ था। इनके पिता श्री राम अरुण की गिनती भी प्रदेश के तेजतर्रार आइपीएस में होती थी। वह प्रदेश के DGP का पद भी संभाल चुके हैं। असीम अरुण की मां शशि अरुण जानी-मानी लेखिका हैं। उनने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीएससी किया है।
आईपीएस असीम अरुण (IPS Aseem Arun) ने सिविल सर्विसेज में हाथ आजमाया। इसका कारण था कि पिता इन्हें अपनी तरह आइपीएस अफसर ही बनते हुए देखना चाहते थे। आइपीएस अफसर बनने के बाद असीम अरुण धीरे-धीरे यूपी पुलिस की रीढ़ बनते गए।
10 फरवरी को चुनाव का पहला चरण
कोरोना कि तीसरी लहर की आशंका के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव कराने को लेकर अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसी के चलते चुनाव आयोग ने आज Press-Confrence कर चुनाव संबंधित महात्वपूर्ण जानकारी दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि, 'चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा। गैरकानूनी पैसे-शराब इत्यादि पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। पैसे के दुरूपयोग पर ज़ीरो टॉलरेंस, गैर कानूनी पैसे और शराब पर नज़र रहेगी। यूपी में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होगा, 10 फरवरी से 7 मार्च तक यूपी मे सात चरणों मे चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। वही 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा।
ये सब करने की नहीं मिलेगी अनुमति
डिजिटल, वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार करें चुनाव पार्टियां। 15 जनवरी तक किसी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा नहीं होगी। 40 लाख ही उम्मीदवार चुनाव खर्च कर पाएंगे। चुनाव आयुक्त ने कहा कि जीत के बाद जश्न या विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी। डोर टू डोर कैंपने के लिए पांच लोगों की ही इजाजत रहेगी। कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग की तरफ से सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही गई है।