Uttarakhand Election 2022 : कांग्रेस से किशोर की विदाई का रास्ता साफ, पार्टी ने हटाया सभी पदों से
Uttarakhand Election 2022 : उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद वह विधायक बनकर राजनीति में हरीश रावत के निकटतम सहयोगी के रूप में सक्रिय रहे। अपनी ही कांग्रेस की तिवारी सरकार के प्रति हरीश रावत के उकसावे पर अक्सर मुखर रहने वाले किशोर उपाध्याय ने राज्यसभा भेजे जाने के मामले में पैरवी न करने पर हरीश रावत से दूरी बना ली थी....
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Uttarakhand Election 2022 : लम्बे समय से कांग्रेस पार्टी (Congress) में हाशिये पर रहकर अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे एक समय के वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyay) की कांग्रेस से सम्मानजनक विदाई की पटकथा लिख दी गई। पार्टी ने उन्हें पार्टी के सभी पदों व दायित्वों से मुक्त कर दिया है। जल्द ही किशोर अपनी नई पारी शुरू दूसरे राजनैतिक मैदान में जाकर खेल सकते हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव (Devendra Yadav) ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिए हैं।
कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार से बेहद नजदीकियां रखने वाले किशोर उपाध्याय दिल्ली में राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के अमेठी संसदीय क्षेत्र के कोऑर्डिनेटर थे।
उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद वह विधायक बनकर राजनीति में हरीश रावत (Harish Rawat) के निकटतम सहयोगी के रूप में सक्रिय रहे। अपनी ही कांग्रेस की तिवारी सरकार के प्रति हरीश रावत के उकसावे पर अक्सर मुखर रहने वाले किशोर उपाध्याय ने राज्यसभा भेजे जाने के मामले में पैरवी न करने पर हरीश रावत से दूरी बना ली थी।
इसके बाद वनाधिकार आदि से जुड़े मुद्दों को उठाकर कभी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके किशोर राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने का प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से आहत किशोर ने कई बार दस जनपथ तक पुराने दिनों का हवाला देकर अपनी भावनाओं से अवगत कराया था।
लेकिन दस जनपथ ने भी जब उनके मामले में कोई रुचि नहीं ली तो किशोर ने कभी किसी के साथ तो कभी किसी और क साथ जाने के संकेत देते हुए पार्टी में दबाव बनाने की कोशिश की। बीते दिनों समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव व हाल में ही भाजपा के एक बड़े नेता से उनकी मुलाकात इन्ही कोशिशों के नतीजा थीं। जिस पर पार्टी ने अब बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी की सभी समितियों व दायित्वों से मुक्त कर दिया।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव द्वारा जारी आदेश में जिक्र किया है कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और भ्रष्ट भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं। कुशासन और भाजपा नेतृत्व से लोगो मे व्यापक गुस्सा है। चुनौती का सामना करना और उत्तराखंड की देवभूमि और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है। लेकिन दुख की बात है कि किशोर इस लड़ाई को कमजोर करने और लोगों के हितों को कमजोर करने के लिए भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलनसार हैं।
पत्र में जिक्र किया गया है कि किशोर उपाध्याय को व्यक्तिगत रूप से कई चेतावनियों के बावजूद, इसमें शामिल होने का उनका, आचरण पार्टी विरोधी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिसके चलते किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से प्रभाव से हटाया जाता है।
हालांकि जारी पत्र के अनुसार किशोर को अभी पार्टी के दायित्वों से ही मुक्त किया गया है, उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया गया है। यह इस बाद का संकेत है कि किशोर यदि पार्टी छोड़कर जाना चाहें तो वह सम्मानपूर्वक जा सकते हैं। पार्टी से बाहर न निकालना ही उन्हें सेफ एग्जिट गलियारा मुहैया करवाना ही है।