Uttarakhand Election 2022 : हरदा की 'न' ने बनाया हरक का पेंडुलम, हरीश की चौखट से लानी होगी एंट्री एप्रूवल

Uttarakhand Election 2022 : हरक की कांग्रेस में एंट्री अब केवल हरदा की हाँ से ही होगी और हरदा की हाँ के लिए हरक को चुनाव बाद उनका नेतृत्व स्वीकार कर बिना उत्पात-अनुशासन के साथ रहना होगा....

Update: 2022-01-17 11:02 GMT

(हरीश रावत की ना से विकल्पविहीन हुए हरक सिंह रावत)

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand Election 2022 : जीवनभर प्रेशर पॉलिटिक्स के सहारे प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शामिल हुए डॉ. हरक सिंह रावत (Dr. Harak Singh Rawat) को उम्मीदों के खिलाफ भाजपा (BJP) द्वारा उन्हें निष्कासित किये जाने का दिया झटका लम्बे समय तक कटोचता रहेगा। परसों तक अपनी चिर-परिचित शैली में भारतीय जनता पार्टी से आंख-मिचौली खेल रहे हरक को भाजपा ने एक झटके में दोराहे पर ला दिया। बदली परिस्थितियां देखकर अब कांग्रेस (Congress) ने भी हरक के स्वागत के लिए बिछे रेड कार्पेट को समेट लिया है।

हरक की कांग्रेस में एंट्री अब केवल हरदा की हाँ से ही होगी और हरदा की हाँ के लिए हरक (Harak Singh Rawat) को चुनाव बाद उनका नेतृत्व स्वीकार कर बिना उत्पात-अनुशासन के साथ रहना होगा। कुल मिलाकर अब तक अपनी शर्तों पर दूसरों को कत्थक कराने वाले हरक को पैरों के नीचे से भगवा ज़मीन सरकने के बाद हरदा की डुगडुगी पर नाचने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

भाजपा के धोबीपाट शॉट के कारण अचानक पैदल होकर लो-प्रोफ़ाइल हुए हरक की सोमवार को कांग्रेस में शामिल होने की प्लानिंग पर इसीलिए बट्टा लग गया है। हरक सिंह रावत की कांग्रेस में जॉइनिंग सोमवार को नहीं हो रही है, हरक सिंह रावत ने खुद इसकी पुष्टि की है। हरक सिंह रावत ने अब साफ तौर पर कहा कि आज में कांग्रेस मैं बात करूंगा और कांग्रेस में जाऊंगा।

वैसे हरक के इस बयान से इतर देखा जाए तो हरक सिंह रावत की जॉइनिंग को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने पेंच अड़ा दिया है। अभी तक हरक को लेकर अपने तेवर नरम रखने वाले हरीश रावत भाजपा से निष्कासित होने के बाद विकल्पविहीन हुए हरक पर इस बहाने कांग्रेस में शामिल होने से पहले उनपर भविष्य में वह उनके लिए कोई बखेड़ा खड़ा न करें, इसके लिए उनकी नकेल ठीक से कस लेना चाहते हैं।

हालांकि अब बदले माहौल में अपनी कमजोरी भांपकर हरक ने खुद ही बिना स्वार्थ के कांग्रेस के लिए काम करने का बयान दिया है। इसके लिए डॉ. रावत अपने तमाम कार्यकर्ताओं और समर्थक विधायकों को इकट्ठा करने में जुटे हुए हैं और एक बड़े जनसमर्थन के साथ कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। लेकिन अपर हैंड की स्थिति में कांग्रेस अब बिना वजह बिना हरीश रावत को भरोसे लिए हरक पर फैसला नहीं करने का मन बना चुकी है। पार्टी म लिए हरक से अधिक विश्वसनीय हरीश हैं।

हरक भी अब यह बात समझ रहे हैं कि भाजपा ने उन्हें आरती से निष्कासित कर इतना कमजोर कर दिया है कि कांग्रेस बिना हरीश रावत को कॉन्फिडेंस में लिए उन्हें पार्टी जॉइनिंग नहीं कराएगी। यही वजह है कि हरक अब पहले हरीश रावत के दरबार में पेश होकर उन्हें भविष्य के लिए आश्वासन देंगे। उसके बाद हरदा की एप्रूवल के बाद हरक पेंडुलमनुमा स्थिति से बाहर निकलकर विधिवत कांग्रेस की मुख्यधारा में शामिल होंगे। कांग्रेस के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर जिस हलचल की उम्मीद सोमवार को की जा रही थी, वह अब मंगलवार को ही होगी। कल ही हरक को कांग्रेस ज्वाइन कराई जाएगी।

कुल मिलाकर अब तक दूसरों को अपनी उंगली पर नचाने वाले हरक को भाजपा ने एक ही झटके के मास्टरस्ट्रोक में दूसरों के इशारे पर नाचने को मजबूर कर दिया, वह प्रकरण हरक के लिए किसी असहनीय झटके से कम नहीं है।

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