Uttarakhand Election 2022 : इस पूर्व मुख्यमंत्री ने लालकुआं को हरीश रावत के लिए बताया मौत का कुआं

Uttarakhand Election 2022 : दस जनपथ से रुसवाई झेलकर मुख्यमंत्री पद से रुखसत हुए विजय बहुगुणा हरीश रावत को इसलिए भी कभी नहीं भाए क्योंकि उन पर आई राजनैतिक आपदा के सूत्रधार हरीश रावत ही थे....

Update: 2022-01-29 13:16 GMT

आरोपों से आहत हरीश ने दी कांग्रेस मुख्यालय पर उपवास की धमकी, करारी हार के बाद भी कम नहीं हो रहे तेवर

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand Election 2022 : विधानसभा चुनाव में पहले रामनगर विधानसभा सीट और उसके बाद वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध की वजह से लालकुआं सीट (Laalkuan Seat) से चुनाव लड़ने वाले हरीश रावत (Harish Rawat) पर कभी उनके सहयोगी रहे एक बड़े नेता ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस (Congress) की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और केदारनाथ आपदा के बाद पद से पदस्थ किये गए विजय बहुगुणा (Vijay Bahuguna) ने लालकुआं को हरीश के लिए राजनैतिक मौत का कुंआ बताया है।

आज भाजपा नेताओं में शुमार विजय बहुगुणा (Vijay Bahuguna) कभी कांग्रेस का ही हिस्सा थे। उनके मुख्यमंत्री रहते उत्तराखण्ड में केदारनाथ आपदा (Kedarnath Disaster) आई थी। इससे पहले बहुगुणा इस आपदा से पार पाते, खुद उन पर एक राजनैतिक आपदा आ पड़ी। दस जनपथ से रुसवाई झेलकर मुख्यमंत्री पद से रुखसत हुए बहुगुणा हरीश रावत को इसलिए भी कभी नहीं भाए क्योंकि उन पर आई राजनैतिक आपदा के सूत्रधार हरीश रावत ही थे। जिसने उनकी कुर्सी खिसकाकर खुद को उस कुर्सी पर काबिज कर लिया।

बाद में विजय बहुगुणा ने भले कांग्रेस छोड़ दी हो लेकिन हरीश रावत से उनकी अदावत कम नहीं हुई। भाजपा में उपेक्षित होने के बाद भले ही विजय बहुगुणा कांग्रेस में वापसी की जुगत लगा रहे हों, लेकिन हरीश के रहते उनकी वापसी किसी सूरत मुमकिन नहीं है। इसी खास वजह से बहुगुणा के हमले का मुख्य निशाना हरीश बने रहते हैं। इस बार भी बहुगुणा के तीखे तीर हरीश रावत को छलनी करने का प्रयास कर रहें हैं। लालकुआं सीट को हरीश के जीवन की अंतिम शरणस्थली बताते हुए अब इसे उनके लिए राजनैतिक रूप से मौत का कुंआ ही बता दिया।

बहुगुणा ने कहा कि तमाम जगहों से हारने के बाद आखिर में रावत ने लालकुआं सीट चुनी है जहां उनका कोई जनाधार नहीं है। हरीश रावत के खिलाफ हमलावर बहुगुणा का कहना है कि हरीश रावत सीएम रहते दो जगहों से विधानसभा चुनाव हारे। इसके बाद भी वह यह तक तय नहीं कर पाये कि आखिर वह कहां से चुनाव लड़ें।

उन्होंने आगे कहा कि लालकुआं में पहले कांग्रेस ने संध्या डालाकोटी को प्रत्याशी भी घोषित भी कर दिया। हरीश रावत ने अब यहीं से चुनाव लड़ने की सोची है जो उनकी राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी हार होगी। लालकुआं उनके लिए लालकुआं नहीं बल्कि राजनैतिक रूप से मौत का कुंआ साबित होने जा रहा है।

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