Rahul Gandhi Uttarakhand Election 2022 : 'देश में प्रधानमंत्री नहीं बल्कि एक राजा है, जो सुनता नहीं सुनाता है,' राहुल गांधी ने मोदी पर बोला हमला

Rahul Gandhi Uttarakhand Election 2022 : राहुल गांधी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का समय भारत का गोल्डन पीरियड था, उस समय सरकार के दरवाजे किसानों के लिए खुले हुए थे, उस समय के हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री था लेकिन आज के समय में हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री नहीं बल्कि तानाशाह राजा बैठा है....

Update: 2022-02-05 15:40 GMT

Rahul Gandhi Uttarakhandi Swabhiman Rally : देश के प्रधानमंत्री पर एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बल्कि ऐसा राजा बताया है जो जनता की नहीं सुनता बल्कि जनता को सिर्फ अपनी ही सुनाता है। उधमसिंहनगर जिले (Udham Singh Nagar) के किच्छा विधानसभा में चुनावी रैली के दौरान अपने तरकश के तीर भाजपा कैम्प पर छोड़ते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सीधे अपने निशाने पर लिया।

बकौल राहुल (Rahul Gandhi) पहले देश में प्रधानमंत्री होता था, जो किसानों, मजदूरों ,जनता के सभी तबकों की बात सुनता था। जनता के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। लेकिन अब देश में प्रधानमंत्री (Prime Minister) नहीं बल्कि तानाशाह राजा है जो केवल सुनाता है सुनता नहीं है।

नैनीताल एवं ऊधमसिंहनगर की विधानसभाओं के कांग्रेसी प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी रैली में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना संबोधन शुरु करते हुए कहा कि केंद्र में किसान विरोधी बैठी सरकार ने तीन काले कृषि कानून बनाए। देश के किसानों ने इनका खुला विरोध करते हुए तीनों कानूनों के खिलाफ जंग लड़ी। किसान सरकार को एक इंच जमीन ना देने पर अड़े रहे। मैं उन सभी किसानों को उनकी जीत की बधाई देता हूं। गांधी ने कहा कि किसान अन्नदाता है। देश के लिए मजबूत स्तंभ है। उसका मजबूत होना देश का मजबूत होना है। उन्होंने कहा कि किसान देश को रास्ता दिखाता है। देश को मजबूत बनाता है। अंग्रेजों से लड़ाई में उद्योगपति आगे नहीं आए बल्कि देश का किसान और मजदूर देश की आजादी की लड़ाई में सबसे आगे रहा।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ पार्टनरशिप कर के देश में हरित क्रान्ति लाने का काम किया किसानों को खुशहाल बनाने का काम किया। जब केंद्र की भाजपा सरकार ने देश में तीन कृषि काले कानूनों को लागू किया तो किसानों ने देश की सरकार को बताया कि हिंदुस्तान की सच्चाई की लड़ाई में हम हटने वाले, बिकने वाले, पीछे हटने वाले नहीं है डरने वाले नहीं हैं। इस सरकार को यह बताना जरूरी हो गया था कि देश में किसान अपनी मांगों को लेकर अपने हक की लड़ाई के लिए एकजुट है और कांग्रेस उसके साथ खड़ी रही है।

मध्यम वर्ग के लगातार गरीब बनते जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि देश में दो हिंदुस्तान हैं। एक अमीरों का दूसरा गरीबों का। अमीरों के हिंदुस्तान में कानून का डर नहीं है। अमीरों के इस हिंदुस्तान में बहुत ज्यादा लोग नहीं हैं। केवल 100 लोग हैं जिनके पास हिंदुस्तान के 40% लोगों से ज्यादा का धन है। इतना आर्थिक असंतुलन पूरे विश्व में केवल इसी देश में है। दूसरी तरफ के गरीब हिंदुस्तान के हिस्से में सिर्फ महंगाई बेरोजगारी है। राहुल ने कहा कि इस हिंदुस्तान में एक साथ दो हिंदुस्तान नहीं चलेंगे।

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का समय भारत का गोल्डन पीरियड था। उस समय सरकार के दरवाजे किसानों के लिए खुले हुए थे। उस समय के हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री था। लेकिन आज के समय में हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री नहीं बल्कि तानाशाह राजा बैठा है। उस समय अपने लोगों से बातचीत होती थी। किसानों मजदूरों से बातचीत होती थी। सबकी राय लेकर नीतियों का निर्माण होता था। लेकिन आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं है। बल्कि एक तानाशाह राजा है। जिसे चंद लोगों की जरूरत है। देश के किसानों की व्यापारियों की जरूरत उन्हें नहीं है।

राहुल गांधी ने उपस्थित भीड़ से सवाल करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के किसान कोरोना वायरस काल में सड़कों पर थे, क्या प्रधानमंत्री ने उनसे बात की ?

क्या उन्होंने किसानों मजदूरों गरीबों से बात करने की कोशिश की ? लोगों ने हाथ उठाकर जवाब नहीं-नहीं में दिया तो राहुल ने कहा कि तानाशाह राजा नरेंद्र मोदी ने न किसानों से बात की ना मजदूरों से बात की ना कोई निर्णय लिया। जनता को डंडे के दम पर चुप कराया जा रहा था। अगर मुखर लोग चुप नहीं हो रहे थे उन्हें ई डी जैसी जांच एजेंसियों से डराने धमकाने की बात की जा रही थी।

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