Uttarakhand Election 2022 : 'सिक्सटी प्लस' लक्ष्य ने भाजपा कार्यकर्ताओं को किया हताश, इस्तीफा दे रहे तो हो रहा है मान-मनौव्वल
Uttarakhand Election 2022 : हल्द्वानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से ठीक 1 दिन पहले यानी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी हल्द्वानी पूर्वी ग्रामीण के मंडल अध्यक्ष ललित प्रसाद आर्य ने जिला अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे डाला....
Uttarakhand Election 2022 : उत्तराखण्ड में सत्ता वापसी के लिए अपने कार्यकर्ताओं की 'अबकी बार-साठ पार' जैसा कठिन लक्ष्य दे चुकी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता जनता से समर्थन न मिलने के कारण बेहद हताश व निराश हैं। पार्टी नेताओं ने उन्हें फीडबैक देकर लक्ष्य तो सौंप दिया। लेकिन जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए परिस्थितियां अनुकूल न होने के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं की पेश नहीं चल रही है जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में हताशा बढ़ रही है।
ऐसा ही एक नजारा हल्द्वानी में सामने आया जहां मण्डल अध्यक्ष ने पार्टी की रैली के लिए बसे न जुटाने में असमर्थता व्यक्त करते हुए दबाव में आकर अपने पद से ही इस्तीफा दे दिया। हल्द्वानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की रैली से ठीक 1 दिन पहले यानी आज बुधवार को भारतीय जनता पार्टी हल्द्वानी पूर्वी ग्रामीण के मंडल अध्यक्ष ललित प्रसाद आर्य ने जिला अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे डाला।
लेकिन मोदी की रैली व जनसभा के एक दिन पहले ही पार्टी की साख खराब करने वाला यह मण्डल अध्यक्ष का इस्तीफा मुददा न बने इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता सक्रिय हो गए। आनन-फानन में मण्डल अध्यक्ष को त्याग-पत्र वापसी के लिए मनाने की जोड़-तोड़ शुरू की गई।
उन्हें पीएम मोदी के आने से पूर्व ही पार्टी की खराब होने वाली साख का हवाला देते हुए इस्तीफा वापसी के लिए मनाया गया। जिसके बाद शाम होते होते मंडल अध्यक्ष अपने इस्तीफे से पलट गए। इसके बाद उन्होंने फिर एक पत्र जिलाध्यक्ष के नाम लिखा। जिसमें उसमें कहा कि मैंने आवेश में आकर मंडल अध्यक्ष के कार्यभार से इस्तीफा दिया था, जिसे अब वह वापस ले रहे हैं। उन्होंने पूर्व में दिए गए इस्तीफे के लिए खेद भी जताया है।
प्रधानमंत्री मोदी से ठीक एक दिन पहले मंडल अध्यक्ष ललित प्रसाद आर्य द्वारा इस्तीफा दिए जाने और फिर शाम तक वापस लिए जाने का प्रकरण चर्चाओं में है। लोग कह रहे हैं कि पार्टी नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को कोई भी लक्ष्य देने से पूर्व ज़मीनी स्थिति का आकलन करना चाहिए। भले ही प्रचार माध्यमों की आड़ लेकर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को कुछ भी कहती रहे, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता जब फील्ड में जाते हैं तो उन्हें ज़मीनी सच्चाई का भान होता है, जो कि पार्टी नेताओं द्वारा बताई गई बातों से एकदम उलट होती है।
बहरहाल, मण्डल अध्यक्ष आर्य का पहले इस्तीफा और बाद में इस्तीफा वापस लिए जाने का पत्र, दोनो सोशल मीडिया पर हास्य का पात्र बने हुए हैं। खास बात यह है कि दोनों पत्र आज 29 दिसंबर ही की तारीख के हैं। दोनो पर तारीख भी लिखी है।