Video : रोड शो करते PM Modi ने फिर दिया एंबुलेंस को रास्ता, लोग बोले- पहले से प्लांटेड है सब
Video : कल प्रधानमंत्री गुजरात में रोड शो करने पहुँचे थे। यहां उन्होंने एक बार फिर एंबुलेंस को रास्ता दिया। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री द्वारा एंबुलेंस को रास्ता देने के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं...
Video : कल प्रधानमंत्री गुजरात में रोड शो करने पहुँचे थे। यहां उन्होंने एक बार फिर एंबुलेंस को रास्ता दिया। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री द्वारा एंबुलेंस को रास्ता देने के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो वो जिसमें पीएम मोदी एंबुलेंस को रास्ता दिलवाते हैं और दूसरी वीडियो वो वायरल है जो पीएम का काफिला आगे बढ़ने तक इंतजार करती दिख रही है। इन दोनों ही वीडियो को भक्त और विरोधी अपनी अपनी श्रद्धा के हिसाब से भुना रहे हैं।
बहरहाल अपना मत ये कि एक आध बार की चलो ठीक है जो भूले भटके कोई एंबुलेंस रास्ता भटककर पीएम के काफिले को ओवरटेक करने पहुँच गई। लेकिन बार बार एक ही सीन रिपीट करना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता। उन्हें अपने साथ कोई ठीकठाक डायरेक्टर भी रखना चाहिए, जो सीन पूरा होने के बाद कट..कट की आवाज लगा सके। इससे हमारे सुपरएक्टर प्रधानमंत्री को आसानी होगी। जनता लांक्षन भी नहीं लगायेगी जैसे अभी लग रहे हैं.. की पीएम स्क्रिप्टेड ड्रामा करते हैं।
पत्रकार से फिल्मकार बने विनोद कापड़ी लिखते हैं, इस देश में है कोई मीडिया, कोई रिपोर्टर जो इस एंबुलेंस का नंबर पता करके ये जानकारी हासिल कतर सके कि इस एंबुलेंस का ड्राइवर कौन था, एंबुलेंस के अंदर कौन मरीज था और उसे किस अस्पताल ले जाया गया है। पत्रकार अखिलेश तिवारी लिखते हैं, अहमदाबाद में पीएम ने अपना काफिला रोककरएंबुलेंस को रास्ता दिया. जहां पीएम रोड शो करते हैं वहां यह एंबुलेंस वाला पहुँच ही जाता है और वह इसको रास्ता दे देते हैं। मनोज कुमार झा लिखते हैं, सचमुच काबिल ए तारीफ ह।. बिल्कुल पिछली वाली की तरह..कितना देखा दिखाया सा लगता है। देजा व्यू..देजा व्यू.. इधर गोदी मीडिया के कहने ही क्या हैं, प्रधानमंत्री कोअगर छींक भी आ जाए तो ये लोग उसमें भी दैवीय चमत्कार निकाल ही लाते हैं।
इस तर रहता है पीएम का सुरक्षा लेयर
आपको बता दें कि जब प्रधानमंत्री दिल्ली या अन्य किसी राज्य में कहीं जाते हैं, तो सुरक्षा कारणों से उनका रूट करीब 7 घंटे पहले तय होता है। इसके साथ ही वैकल्पिक मार्ग भी तय रहते हैं. जिन पर पहले से ही रिहर्सल होता है। जिस रास्ते से प्रधानमंत्री को गुजरना होता है, उस रास्ते पर 4 से 5 घंटे पहले ही दोनों तरफ हर 50 से 100 मीटर की दूरी पर पुलिस वाले तैनात किए जाते हैं। पीएम के काफिले के गुजरने से ठीक 10 से 15 मिनट पहले उस रूट पर आम आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है। लोकल पुलिस सड़क के दोनों तरफ मुस्तैद रहती है।
पीएम के काफिले के आगे दिल्ली या संबंधित राज्य की पुलिस की गाड़ियां चलती हैं। जो रूट क्लीयर करती हैं। स्थानीय पुलिस ही एसपीजी को रास्ते पर आगे बढ़ने की सूचना देती है। इसके बाद काफिला आगे चलता है। पीएम के काफिले के लिए हमेशा दो वैकल्पिक मार्ग भी तय रहते हैं। मुख्य मार्ग में कोई तकनीकी या अन्य समस्या होने पर एसपीजी वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करती है. अगर पीएम वायुयान से यात्रा कर रहे होते हैं। तो मौसम खराब होने पर भी वे वैकल्पिक सड़क मार्ग से ही यात्रा करते हैं, जो पहले से ही तय रहते हैं।
और तो और पीएम के दौरे से ठीक 3-4 दिन पहले एसपीजी पूरे रास्ते का अवलोकन कर रूट तय करती है। साथ ही दो वैकल्पिक रूट भी तय कर लिए जाते हैं और उन दोनों वैकल्पिक रास्तों पर भी मुख्य मार्ग की तरह सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाते हैं। अगर किसी भी स्थिति में पीएम का रूट बदलता है, तो एसपीजी इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस के साथ साझा करती है. अंतिम समय तक ये तय नहीं होता कि पीएम किस रूट से निकलेंगे। ये सब सुरक्षा के लिहाज से किया जाता है। अब ऐसे में पीएम के काफिले में एंबुलेंस घुस आई जो सोचने काबिल बात है। और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है बल्कि इससे पहले भी पीएम एंबुलेंस को रास्ता देकर अपने अभिनय वाली दरियादिली दिखा चुके हैं।