UNNAO में थप्पड़ और मिठाई खाकर सैटल हुए पत्रकार के पक्ष में उतरे अखिलेश, लिखा सपा के लैपटॉप वाला यह सच्चा पत्रकार है

अखिलेश के मुताबिक यह लड़का तिवारी पत्रकार उनके दिए गये लैपटॉप के बाद ही इतना होनहार हो पाया है। जो अब वह किसी तानाशाह से नहीं डरता और बिना डरे मिठाई खा पाता है...

Update: 2021-07-25 06:55 GMT

(सीडीओ द्वारा कनपटी लाल किए जाने के बाद काजू कतली खाता पत्रकार कृष्ण तिवारी)

जनज्वार, लखनऊ। उन्नाव में सीडीओ से थप्पड़ खाये पत्रकार ने काजू कतली और दो मोबाइल लेकर सुलह कर ली थी। और तो उसके उत्पीड़न पर जब देशभर से आवाजे उठ रहीं थी तब कनपटियाया गया पत्रकार मिठाई और मोबाइल पाकर दांत चियारकर कह रहा था कि, उसे इस बात का कोई खेद नहीं है साथ ही वह कार्रवाई नहीं चाहता है। बाद में पत्रकार ने जितनी संवेदनाएं हासिल की थीं, उससे अधिक गरियाया भी गया था।

लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना को दिल पर ले लिया है। सपा प्रमुख लिखते हैं कि, 'सपा सरकार ने जिस युवा प्रतिभा का सम्मान लैपटॉप देकर किया था, वो आज एक सच्चा पत्रकार बनकर उभरा है लेकिन आज की भाजपा सरकार के शासन-प्रशासन से उसे अपमान मिला और शारीरिक प्रहार भी, लेकिन सच का राही किसी तानाशाह से नहीं डरता है। हम उप्र की हर प्रतिभा के साथ हैं। #नहीं_चाहिए_भाजपा

इस प्रकरण में अखिलेश यादव ने मिठाई और मोबाइल में सेट-बिक गये पत्रकार को सच्चा बताते हुए, उसे अपनी सरकार में दिए गये लैपटॉप का भी जिक्र किया है। हो ना हो अखिलेश के मुताबिक यह लड़का तिवारी पत्रकार उनके दिए गये लैपटॉप के बाद ही इतना होनहार हो पाया है। जो अब वह किसी तानाशाह से नहीं डरता और बिना डरे मिठाई खा पाता है। 

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इस विषय में वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह लिखते हैं 'अखिलेश यादव जी, आप सच का राही किसे कह रहे हो। आपकी समझ की डिक्शनरी में सच का राही क्या ऐसा ही होता है। यदि आप हक़ पर और सच्चाई के रास्ते पर हैं, तब आप किसी बड़ी से बड़ी ताकत से सच, हक़ और मान-सम्मान की लड़ाई लड़ने के बजाय मैदान छोड़ कर नहीं जाएंगे।

आपने लिखा है कि पत्रकार कृष्णा तिवारी अपमान और शारिरिक प्रहार का शिकार हुए। या तो आपकी ये बात झूठी है या कृष्णा तिवारी का वो बयान झूठा है जिसमें उन्होंने सीडीओ साहब की मिठाई खाई और उन्हें मिठाई खिलाते हुए मामले के सेटेलमेंट की तस्वीर जारी की थी। और अपने बयान मे ये साफ किया था कि उनका अपमान नहीं हुआ, उनके साथ मारपीट जैसे कुछ नहीं हुआ। तो फिर अखिलेश जी आप ये कैसे कह रहे हो कि, कृष्णा तिवारी जी का अपमान हुआ, और उनके साथ मारपीट हुई।

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