युवा पत्रकार तरुण सिसौदिया की कथित आत्महत्या और बहुतायत पत्रकारों की दीन-हीन हालत
असल सवाल यह है कि देश का यह चौथा स्तंभ क्यों है इतनी बुरी हालत में, सबकी आवाज उठाने वाले की ही आवाज क्यों रह जाती है दबकर...
जनज्वार। दैनिक भास्कर के पत्रकार तरुण सिसौदिया की आत्महत्या सवालों के घेरे में है। उनके परिजनों-दोस्त-मित्रों ने कहा है कि तरुण को मारा गया है क्योंकि वह गलत के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे।
सोशल मीडिया पर उनकी पोस्टों को देखकर भी लगता है यही, जिसमें वह अपनी हत्या की आशंका भी जता रहे थे, मगर असल सवाल यह है कि देश का यह चौथा स्तंभ क्यों है इतनी बुरी हालत में, सबकी आवाज उठाने वाले की ही आवाज क्यों रह जाती है दबकर, आइये जानते हैं 'सवाल 80 करोड़ लोगों का' के माध्यम से।