70 सालों में ये कैसा भारत बना, जहां कोरोना इलाज का रेट देखकर ही मर जाएं मरीज

अस्पतालों और निजी लैबों के गठजोड़ से नेगेटिव मरीजों को भी जबर्दस्ती पॉजिटिव दिखाकर भारी-भरकम बिल वसूलने के कई मामले देशभर में सामने आ चुके हैं...

Update: 2020-06-14 16:52 GMT

जनज्वार। कोरोना की भयावहता से लोग सहमे हुए हैं, ऐसे में इलाज के नाम पर अस्पतालों की लूट भी जारी है।

जहां कोरोना का टेस्ट ही आम इंसान के लिए बहुत महंगा है वैसे में अगर कोरोना हो जाये और किसी तरह अस्पताल में भर्ती हो भी गये तो प्रतिदिन मरीज को जनरल वार्ड में भर्ती करने के लिए 25 हजार से भी ज्यादा वसूले जा रहे हैं, उसके बाद और खर्च अलग हैं। जो रेटकार्ड अस्पतालों ने कोरोना मरीजों के लिए बनाये हैं, उसे देखकर ही हमारे देश का बहुतायत इलाज से हाथ खड़ा कर देगा, क्योंकि पैसे के अभाव में मरना ही उसकी नियति बन गयी है।

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कोरोना का टेस्ट ही 4500 रुपये में किया जा रहा है। इसे भी इस भयावहता के बावजूद मुनाफे का धंधा बना दिया गया है। अस्पतालों और निजी लैबों के गठजोड़ से नेगेटिव मरीजों को भी जबर्दस्ती पॉजिटिव दिखाकर भारी-भरकम बिल वसूलने के कई मामले देशभर में सामने आ चुके हैं। 

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