महिला दिवस पर मिलिये LNJP हॉस्पिटल की डॉ. मलिका से, सुनिये कैसे बनीं वो कोरोना मरीजों की देवदूत
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सुपर वुमेन से बात, एलएनजेपी हॉस्पिटल की मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर मलिका की कहानी....
जनज्वार। कोरोना महामारी के दौरान जब सब लोग एक दूसरे के संपर्क में तक नहीं आ रहे थे, लोग परिवार के साथ रह रहे थे और यह खतरा बना हुआ था कि कोई संक्रमित न हो जाये, एक ऐसी भी महिला थी जो 10 महीनों तक परिवार से नहीं मिली और लगातार मरीजों की मसीहा बनी हुयी थी।
जी हां, हम बात कर रहे हैं एलएनजेपी की मेडिकल अधिकारी डॉ. मलिका, जो कोरोना महामारी में अपने परिवार से 10 महीने तक बात भी नहीं कर पायी। उनका अपने परिवार से 10 महीने तक कोई संपर्क नहीं था।
हैदराबाद की रहने वाली 36 वर्षीय डॉ. मलिका अपने अनुभवों को साझा करते हुए जनज्वार को बताती हैं, बहुत डरावना था साल 2020, मगर मुझे अपने परिवार से काफी सपोर्ट मिला।
कहती हैं, पीएम मोदी ने हमें योद्धा कहा जो सुनने में काफी अच्छा लगता है। देश की जनता ने प्यार से हमें सराहा, यही वह प्रेरणा थी जिसकी वजह से हमें बेहतर काम किया।
वह उत्साहित होकर अंग्रेजी मिक्स अपनी हिंदी में बताती हैं, कोरोना से भारत को फ्री करना है जिसके लिए मैं निरंतर काम कर रही हूं।