घर से गिरफ्तारी के बाद 9 सितंबर तक जेल भेजे गये पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर के लिए किसने क्या कहा?
अमिताभ ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ पर अपनी हत्या कराने का संदेह जाहिर किया है। गिरफ्तारी के बाद रात में ही मेडिकल करवाकर अमिताभ ठाकुर को 9 सितंबर तक जेल भेज दिया गया है...
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार ने पूर्व रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को देर शाम घर से उठवा लिया। इस दौरान ठाकुर व उनकी पत्नी नूतन लगातार पुलिस से एफआईआर कॉपी या गिरफ्तारी पत्र मांगते रहे, लेकिन पुलिस साफ तौर पर तानाशाही आदेश की झलकियां दिखाती रही। वहीं, दूसरी तरफ ठाकुर की गिरफ्तारी पर विरोध के स्वर उभरने लगे हैं, लोग इसे योगी सरकार की तानाशाही बता रहे हैं।
सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ठाकुर के समर्थन में लिखा है, 'भूतपूर्व पुलिस के विरुद्ध भाजपा सरकार की पुलिस का अभूतपूर्व कार्य! भाजपाई राजनीति लोगों के बीच दरार पैदा करके ही जिंदा है। अब भाजपा सरकार के दबाव के कारण पुलिस ही पुलिस के ख़िलाफ़ काम करने पर मजबूर है। एक सेनानिवृत आईपीएस के साथ ऐसा व्यवहार अक्षम्य है।'
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर लिखा है, 'पहले एक IPS @Amitabhthakur को जबरन रिटायर किया जाता है, फिर उसे इस तरह बेइज्जत कर गिरफ्तार किया जाता है। ये न केवल नितांत अमानवीय व अलोकतांत्रिक हैं बल्कि इस सरकार का ये रवैया है, तानाशाहीपूर्ण भी है। जनता सब देख रही है, 2022 के चुनाव में जवाब देगी।'
वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान ने ट्वीट किया है, 'वक़्त वक़्त की बात है। जिस आईपीएस अमिताभ ठाकुर को वे सैल्यूट कर दूर खड़े हो जाते थे, उसे बेइज़्ज़त कर गिरफ्तार कर रहे हैं। अमिताभ पर रेप की शिकार एक लड़की ने मरने से पहले अमिताभ पर आरोपी से सांठ गांठ कर उसे फंसाने का इल्जाम लगाया था।'
भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह हैशटैग चलाकर लिखते हैं, 'IPS अमिताभ ठाकुर के साथ कैसा सलूक किया जा रहा है, बिना एफआईआर की कॉपी दिए जबरन घर से उठाकर ले जाना सरासर गुंडई है! #AmitabhThakurKoRihaKaro #YogiSarkarShameShame।' इसके साथ ही यशवंत ने सोमवार 30 अगस्त को देशभर के पत्रकारों से विरोध दर्ज कराने की अपील की है।'
पत्रकार रणविजय सिंह के हवाले से जानकारी मिली है कि अमिताभ ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ पर अपनी हत्या कराने का संदेह जाहिर किया है। गिरफ्तारी के बाद रात में ही मेडिकल करवाकर अमिताभ ठाकुर को 9 सितंबर तक जेल भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाले युवक-युवती द्वारा फेसबुक लाईव के दौरान बसपा सांसद अतुल राय सहित अमिताभ ठाकुर पर भी इल्जाम लगाए थे। बाद में इलाज के दौरान दोनो ने दम तोड़ दिया, जिसके एवज में कल ठाकुर की गिरफ्तारी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ कल ही अमिताभ ठाकुर ने अपनी नवगठित पार्टी 'अधिकार सेना' की रूपरेखा तय करने के लिए लोगों से आव्हान किया था। इससे पहले ठाकुर ने योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही थी। ठाकुर के मुताबिक उन्हें राजनीतिक कारणों से हिरासत में लेकर प्रताणित किया जा रहा है। यह सरकार पूरे तौर पर तानाशाही पर उतर आई है।