तानाशाह डरते हैं बच्चों से | Dictators are afraid of infants and children

Dictators are afraid of infants and चिल्ड्रन | परमाणु बम, मिसाइलों, टैंकों, लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों और जंगी जहाजी बेड़ों से खेलने वाले तानाशाह बहुत डरे इंसान होते हैं और वे विरोध की हल्की सी आवाज से भी डरते हैं, सिहर उठते हैं|

Update: 2022-03-05 10:33 GMT

तानाशाह डरते हैं बच्चों से | Dictators are afraid of infants and children

महेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट 

Dictators are afraid of infants and चिल्ड्रन | परमाणु बम, मिसाइलों, टैंकों, लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों और जंगी जहाजी बेड़ों से खेलने वाले तानाशाह बहुत डरे इंसान होते हैं और वे विरोध की हल्की सी आवाज से भी डरते हैं, सिहर उठते हैं| विरोध की आवाजों को तानाशाह पूरी ताकत से दबाते हैं, कुचलते हैं| क्रूरता और झूठ का पर्याय बन चुके व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के देश में अब उन छोटे बच्चों को भी बंदी बनाया जा रहा है, जिनके हाथों में NO TO WAR की तख्तियां देखी जाती हैं| रूस के क़ानून के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी अपराध के बाद तीन घंटे से अधिक पूछताछ के लिए पुलिस द्वारा नहीं रोका जा सकता है, पर ऐसी तख्तियों वाले 7 वर्षीय बच्चे को अब पुलिस रातभर हवालात में डाल देती है|

युद्ध शुरू होने के बाद मास्को (Moscow) में 2 महिलाएं अपने पांच बच्चों के साथ उक्रेन दूतावास भवन के सामने कुछ फूल रखना चाह रहीं थीं| इन बच्चों की उम्र 7 से 11 वर्ष के बीच थी| बच्चों के हाथों में दो प्रकार की तख्तियां थीं – एक पर NO TO WAR लिखा था और दूसरे पर रूस का झंडा, फिर + के चिह्न के बाद यूक्रेन का झंडा और फिर = के चिह्न के बाद एक दिल की आकृति बनी थी| इन महिलाओं और बच्चों के साथ कोई और नहीं था, कोई जुलुस नहीं था, और ना ही कोई नारेबाजी की जा रही थी| फिर भी वहां गश्त करती सशस्त्र पुलिस इनलोगों को पुलिस की गाडी से पुलिस स्टेशन ले गयी और रातभर इनसे पूछताछ करती रही, धमकी देती रही| पुलिस ने महिलाओं को बच्चों से अलग करने की धमकी भी दी| अगली सुबह इन महिलाओं और बच्चों पर कानूनी कार्यवाही और जुर्माने की धमकी के साथ इन्हें पुलिस स्टेशन से बाहर निकालने की इजाजत मिली| इन दोनों महिलाओं के नाम – एकतेरिना ज़विज़ों और ओल्गा आल्टर (Ekterina Zavizion & Olga Alter) हैं|

यह खबर यूक्रेन का कोई प्रोपगंडा नहीं है, बल्कि इस घटना को सबसे पहले मास्को की एक सरकारी वैज्ञानिक संस्थान में काम करने वाली मानव विज्ञानी अलेक्सांद्र अर्खिपोवा (Anthropologist Alexandra Arkhipova) ने उजागर किया था| उन्होंने सोशल मीडिया पर इस घटना के साथ ही बच्चों की तख्तियों वाली फोटो को भी पोस्ट किया था| इस पोस्ट के बाद उक्रेन के बहुत सारे नागरिकों ने इसपर कमेन्ट किया है| उक्रेन के विदेश मंत्री दम्यत्रो कुलेबा (Dmytro Kuleba) ने कमेन्ट में लिखा था – "यह पुतिन का एक नया युद्ध है| अब पुतिन बच्चों से युद्ध कर रहे हैं| उक्रेन में बच्चों के स्कूल और अनाथालयों पर मिसाइलें बरसा रहे हैं और अपने देश रूस में NO TO WAR की तख्ती उठाये बच्चों को रातभर के लिए हवालात में बंद कर रहे हैं| इससे इतना तो पता चलता ही है कि वह आदमी कितना डरपोंक है|"

इससे पहले सेंट पीटर्सबर्ग (St. Petersburg) में 77 वर्षीया कलाकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता येलेना ओसिपोरा (Yelena Osipora) को पुलिस ने जेल में बंद कर दिया है| वे सड़क के किनारे युद्ध के विरुद्ध कुछ तख्तिया लेकर अकेले प्रदर्शन कर रहीं थी| उक्रेन में युद्ध की शुरुआत से अबतक रूस में 33 शहरों में कुल 320 व्यक्तियों को युद्ध के विरोध के कारण जेल में बंद किया गया है और लगभग 9000 व्यक्तियों को पूछताछ के नाम पर पुलिस ने हवालात में बंद किया है|

एक तानाशाह पूरा एक देश ध्वस्त करने की राह पर है, पर बच्चों से डर रहा है, युद्ध का शांतिपूर्ण विरोध करते निहत्थे लोगों का दमन कर रहा है – यह डर नहीं तो और क्या है? अफ़सोस यह है कि हमारे देश में भी ऐसा ही किया जा रहा है|

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