Face Mask masks you more attractive | सर्जिकल फेस मास्क पहनकर आप स्मार्ट हो जाते हैं

Wearing a Face Mask makes you more attractive to the opposite sex: कोविड 19 के लम्बे दौर में इससे जुडी कोई अच्छी खबर खोजना कठिन है क्योंकि पूरी दुनिया इससे प्रभावित है, अर्थव्यवस्था डूबती जा रही है, बेरोजगारी और भूखमरी के साथ असमानता बढ़ती जा रही है और जनता के लिए पाबंदियां बढ़ती जा रही हैं|

Update: 2022-01-16 16:06 GMT

Face Mask masks you more attractive | सर्जिकल फेस मास्क पहनकर आप स्मार्ट हो जाते हैं

महेंद्र पाण्डेय की टिपण्णी

Wearing a facemask makes you more attractive to the opposite sex: कोविड 19 के लम्बे दौर में इससे जुडी कोई अच्छी खबर खोजना कठिन है क्योंकि पूरी दुनिया इससे प्रभावित है, अर्थव्यवस्था डूबती जा रही है, बेरोजगारी और भूखमरी के साथ असमानता बढ़ती जा रही है और जनता के लिए पाबंदियां बढ़ती जा रही हैं| इस बीच में एक खबर कुछ राहत दे सकती है और संभव है कुछ लोगों को बाहर निकलने पर मास्क लगातार लगाकर रखने को प्रेरित भी करे| यूनाइटेड किंगडम की कार्डिफ यूनिवर्सिटी (Cardiff University) के मनोविज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों के एक दल ने अपने अनुसंधान से यह साबित किया है कि सबसे साधारण हलके नीले रंग के सर्जिकल मास्क (ordinary surgical mask) को लगाने के बाद आप अधिक स्मार्ट और खूबसूरत दिखते हैं| यह तथ्य पुरुष और महिलाओं के लिए एक जैसा है|

कार्डिफ यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग में रीडर डॉ माइकल लेविस (Dr Michael Lewis) मानव चेहरे के विशेषज्ञ हैं और इन्हीं की अगुवाई में यह अध्ययन किया गया है| दरअसल इस दल ने कोविड 19 के दौर से पहले इसी तरह का एक अध्ययन किया था, जब मास्क कोई सामान्य व्यक्ति नहीं लगाता था| उस दौर में केवल चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग या फिर बहुत बीमार व्यक्ति ही मास्क में नजर आते थे| उस अध्ययन में इस दल ने पाया था कि सामान्य व्यक्ति फेस मास्क को अच्छा नहीं मानते और इसे बीमारी से जोड़ते हैं|

कोविड 19 के बाद से फेस मास्क पूरी दुनिया लगाने लगी, और मास्क कोई अजूबा नहीं रहा| पिछले वर्ष इस दल ने बदले माहौल में अपने अध्ययन को फिर से नए सिरे से करने का निर्णय लिया| इस बार विभिन्न व्यक्तियों के, जिसमें पुरुष और महिलायें दोनों शामिल थे, चार चित्र तैयार कराये गए| एक चित्र में चहरे पर मास्क नहीं था, दूसरे में चहरे पर कपडे का मास्क था, तीसरे में चहरे पर हलके नीले रंग का सामान्य सर्जिकल मास्क था, और चौथे चित्र में मास्क से जितना चेहरा ढकता है उतना हिस्सा एक खुली किताब से ढका था| इसके बाद इन चित्रों को अलग-अलग लोगों को दिखाकर यह जानने का प्रयास किया गया कि उन चार चित्रों में से व्यक्ति किस चित्र में सबसे स्मार्ट और सुन्दर नजर आ रहा है| पुरुषों के चित्र महिलाओं को दिखाए गए और महिलाओं के ऐसे ही चित्र पुरुषों को दिखाए गए| इस अध्ययन का निष्कर्ष यही निकला कि पुरुष हो या महिला, अधिक आकर्षक सामान्य से हलके नीले रंग के सर्जिकल मास्क में नजर आता है| यह मास्क पिछले 2 वर्षों से पूरी दुनिया में लोगों के चेहरे को ढक रहा है|


डॉ माइकल लेविस के अनुसार इसके अनेक कारण हो सकते हैं, पर यह तय है कि मास्क को लेकर हमारा मनोविज्ञान पूरी तरह बदल चुका है| मास्क को हम पहले बीमारों से जोड़ते थे, पर अब यह एक स्वस्थ्य और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बन गया है| पहले सामान्य स्वास्थ्यकर्मी, जो सर्जिकल मास्क लगाता था, उसे महज एक कर्मचारी के तौर पर देखा जाता था, पर अब उसे अधिकतर व्यक्ति जान बचा सकने वाले व्यक्ति के तौर पर देखने लगे हैं| किसी को आकर्षक मानने के पहले मस्तिष्क केवल चहरे की सुन्दरता का ही नहीं बल्कि सामाजिक सरोकारों का भी विश्लेषण करता है – शायद इसी का परिणाम हो कि सर्जिकल मास्क से ढका चेहरा आकर्षक दिखने लगा हो| डॉ माइकल लेविस के अनुसार मास्क के प्रति लोगों की बदलती सोच मनोविज्ञान में विकासवाद (evolutionary psychology) का एक आदर्श उदाहरण हो सकता है|

दूसरा कारण मास्क लगाने के बाद चहरे पर आँखों का प्रमुखता से दिखना हो सकता है| जब हम मास्क लगा लेते हैं, तब आँखों से ही बोलना और सुनना भी शुरू कर देते हैं| उस समय हम बोलते कम हैं, और आँखों के इशारे से अधिक काम करते हैं| जाहिर है मास्क लगाने के बाद आँखें अधिक सक्रिय और चंचल हो जाती हैं, यह भी एक कारण हो सकता है|

डॉ माइकल लेविस के अनुसार जब हमारे चहरे का एक बड़ा हिस्सा ढका होता है तब हमारा मस्तिष्क सामने वाले की चहरे की पूरी तस्वीर केवल खुले हिस्से के आधार पर बना डालता है, और यह तस्वीर एकदम परफेक्ट होती है| इस दल ने पहले यह अध्ययन भी किया था कि चेहरे के दाहिने या बाएं हिस्से को ढकने के बाद दूसरों की नजर में चेहरे के आकर्षण के स्तर में क्या अंतर आता है| उस अध्ययन में देखा गया था कि चहरे के कुछ हिस्से ढके होने वाली तस्वीरों को बिलकुल खुले चहरे वाली तस्वीरों से अधिक आकर्षक माना गया था| यह अध्ययन तो बाद में किया गया पर इस सन्दर्भ में आप राजकपूर की फिल्म "सत्यम शिवम् सुन्दरम" को याद कर सकते हैं|

डॉ माइकल लेविस के फेस मास्क वाले अध्ययन को कोग्निटीव रिसर्च नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है| उम्मीद तो यही है कि बहुत सारे लोग जिन्हें मास्क पहनना एक बोझ जैसा लगता है, इस अध्ययन के बाद बाहर निकलते ही मास्क को लगातार लगा कर रखेंगें|  

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