America: डॉ. राहुल गुप्ता ने भारत का परचम लहराया, सीनेट की मंजूरी के बाद बने राष्ट्रीय औषधि नियंत्रण नीति के पहले डायरेक्टर

America: डॉ. राहुल गुप्ता व्हाइट हाउस में नेशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसी के कार्यालय का नेतृत्व करने वाले पहले मेडिकल डॉक्टर हैं। इससे पहले वह अमेरिका में मार्च ऑफ डाइम्स में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, अंतरिम मुख्य विज्ञान अधिकारी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में काम कर चुक हैं।

Update: 2021-10-30 02:55 GMT

अमेरिकी सीनेट की मंजूरी के बाद डॉ. राहुल गुप्ता राष्ट्रीय ड्रग कंट्रोल पॉलिसी के डायरेक्टर बने।



America:  डॉ. राहुल गुप्ता ( Dr Rahul Gupta ) ने अमेरिका में भारत परचम लहराने वाला काम किया है। वह भारतीय-अमेरिकी मूल ( Indian-American Origin ) के अनुभवी डॉक्टर हैं। उन्हें अमेरिकी सीनेट ( US Senate ) की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय औषधि नियंत्रण नीति के निदेशक (  Director of National Drug Control Policy ) के रूप में चुना गया है। डॉ. राहुल गुप्ता व्हाइट हाउस में नेशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसी के कार्यालय का नेतृत्व करने वाले पहले मेडिकल डॉक्टर हैं। इससे पहले राहुल गुप्ता अमेरिका ( America ) में मार्च ऑफ डाइम्स में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, अंतरिम मुख्य विज्ञान अधिकारी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं।

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बाइडेन की नीतियों को बढ़ाएंगे आगे 

इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद डॉ राहुल गुप्ता ने बताया है कि मैंने मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में लोगों की सेवा की है। हमने नशे और ओवर डोज मेडिसन लेने के दिल दहला देने मामलों को बड़े पैमाने पर सामना किया है। हमारे लिए सबसे पीड़ित व्यक्ति के जीवन हर हाल में बचाना अहम होता है। उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी लोगों को ज्यादा स्वस्थ बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली रणनीतियों को आगे बढ़ाने का पूरी तन्मयता के साथ काम करेंगे। इस मामले में राष्ट्रपति बाइडेन की नशा और महामारी को रोकने वाली नीतियों को आगे बढ़ाने का काम करूंगा।

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उन्होंने हाल ही में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, अंतरिम मुख्य विज्ञान अधिकारी और मार्च ऑफ डाइम्स में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है, जो एक अमेरिकी गैर-लाभकारी संगठन है। यह संगठन माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम करता है। उन्होंने हाल ही में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, अंतरिम मुख्य विज्ञान अधिकारी और मार्च ऑफ डाइम्स में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है, जो एक अमेरिकी गैर-लाभकारी संगठन है। यह संगठन माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम करता है।

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निजी प्रैक्टिशनर के रूप में की थी करियर की शुरुआत

डॉ. राहुल गुप्ता ने अमेरिका में 2,000 से आबादी वाले समूहों के बीच निजी प्रैक्टिस के साथ अपना करियर शुरू किया था। तब से उन्होंने वेस्ट वर्जीनिया के स्वास्थ्य आयुक्त के रूप में दो राज्यपालों के अधीन कार्य किया है। राज्य के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में उन्होंने ओपिओइड संकट प्रतिक्रिया प्रयासों का नेतृत्व किया और उच्च जोखिम वाले शिशुओं की पहचान करने के लिए नियोनेटल एबस्टिनेंस सिंड्रोम बर्थस्कोर कार्यक्रम सहित कई अग्रणी सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल शुरू करने का श्रेय उनके नाम है। डॉ गुप्ता ने अमेरिका में जीका कार्य योजना के विकास और इबोला वायरस रोग के प्रकोप से निपटने की तैयारियों का का भी नेतृत्व कर चुके हैं।

एक भारतीय राजनयिक के बेटे राहुल का जन्म भारत में हुआ था। वे वाशिंगटन के उपनगरीय इलाके में पले-बढ़े। व्हाइट हाउस ने कहा कि 21 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में मेडिकल का कोर्स पूरा किया था। उन्होंने अलबामा-बर्मिंघम विश्वविद्यालय से सार्वजनिक स्वास्थ्य में मास्टर डिग्री और लंदन स्कूल ऑफ बिजनेस एंड फाइनेंस से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की वैश्विक मास्टर डिग्री का कोर्स किया था। वेटरंस एडमिनिस्ट्रेशन में चिकित्सक डॉ. सीमा गुप्ता उनकी पत्नी है। वह जुड़वां बेटों अर्का और ड्रू के माता-पिता हैं।

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