चीन के विरोध में सड़कों पर उतरे नेपाल के युवा, कई जगह प्रदर्शन

नेपाल के हुम्ला नाम्खा गाउंपालिका वार्ड नंबर-6 के लिमी गांव में चीन द्वारा भूमि कब्जा कर पक्के घरों का निर्माण कर लिया है, नेपाली अधिकारी को भी उस स्थान पर चीनी सेना नहीं आने दे रही है, जिसके विरोध में नेपाल के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.....

Update: 2020-09-27 17:22 GMT

चीन के विरुद्ध प्रदर्शन करते नेपाली युवा (Photo:social media)

जनज्वार। नेपाल में चीन की ओर से कब्जाई गई जमीन का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। बिना किसी देश का नाम लिए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने संयुक्त राष्ट्र में जमीन कब्जे का मुद्दा उठाया है। वहीं, इसके विरोध में नेपाल में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल के हुम्ला नाम्खा गाउंपालिका वार्ड नंबर-6 के लिमी गांव में चीन द्वारा भूमि कब्जा कर पक्के घरों का निर्माण कर लिया है। नेपाली अधिकारी को भी उस स्थान पर चीनी सेना नहीं आने दे रही है, जिसके विरोध में नेपाल के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।  

चीनी कब्जे के खिलाफ कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लेकिन नेपाली पुलिस प्रशासन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमनकारी नीति अपना रही है। विरोध करने वालों पर पानी का बौछार के साथ बल प्रयोग किया जा रहा है।

बिहार-नेपाल सीमा के रक्सौल से सटे बीरगंज में शनिवार की देर शाम घंटा घर चौक पर नेपाली कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेपाल विद्यार्थी संघ (नेविसंघ) ने विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने 'गो बैक चाइना, चीनी अतिक्रमण बंद करो, अतिक्रमित भूमि जल्द वापस करो' जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारी बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर हाथों में लेकर बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे।

इस प्रदर्शन में युवा वर्ग ज्यादा दिखा। यह विरोध प्रदर्शन नेविसंघ और नेपाल उपाध्यक्ष विकेश पटेल के नेतृत्व में आयोजित किया गया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक नेपाली भू भाग को चीन के द्वारा मुक्त नहीं किया जाता, युवा वर्ग शांत नहीं रहेगा।  प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चीन ने हमारी दोस्ती का गलत लाभ लेकर उल्टा हमें आंख दिखाई है। प्रदर्शन का हक भी नेपाली पुलिस हमसे छीन रही है। हमारे साथ दमनकारी नीति अपना रही है। उसके बाद भी अपने अधिकार के लिए हम लड़ते रहेंगे।

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