Sri Lanka political Crisis : गोटाबाया के इस्तीफे के बाद संकट से उबरने के लिए श्रीलंका के पास हैं 3 विकल्प

Sri Lanka political Crisis : आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अराजकता की स्थिति है। गोटाबाया राजपक्षे सिंगापुर पहुंचने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। अब सियासी संकट से बाहर आने के लिए अलग—अलग विकल्पों पर विचार जारी है।

Update: 2022-07-15 10:29 GMT

Sri Lanka political Crisis : गोटाबाया के इस्तीफे के बाद संकट से उबरने के लिए श्रीलंका के पास हैं 3 विकल्प

Sri Lanka Crisis Update : विगत कुछ महीने से श्रीलंका में आर्थिक संकट बरकरार है। वर्तमान में आर्थिक संकट के साथ श्रीलंका में चारों तरफ अराजकता की भी स्थिति है। सरकार के खिलाफ जनता सड़कों पर है। वहीं सिंगापुर पहुंचने के बाद गोटाबाया राजपक्षे अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद से लोगों में खुशी की लहर है। फिलहाल, श्रीलंका में आपातकाल लागू है और सेना सड़कों पर है।

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लोगों का कहना है कि हमारी मांग बेहतरी के लिए बदलाव की है। ऐसे में अहम सवाल यह है कि श्रीलंका के पास आर्थिक और सियासी संकट से उबरने के लिए बेहतर विकल्प क्या हैं। वहां के जानाकरों की राय में वर्तमान हालात में तीन में से किसी का चयन वहां के लोगों को करना होगा।

1. विक्रमसिंघे कार्यकारी राष्ट्रपति बनें रहें

अस्थिरता के वर्तमान दौर में श्रीलंका में राजपक्षे ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किया है। विक्रमसिंघे कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी इस नियुक्ति को एक विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है लेकिन उनका इस पद पर बने रहना सीमित समय के लिए सही साबित हो सकता है। यदि वो सत्ता में रहने के लिए कोई भी बड़ा आर्थिक कदम नहीं उठाएंगे, वो रीफॉर्म करने से बचेंगे। ऐसा करने पर लोगों की नजरों में कार्यकारी राष्ट्रपति की अहमियत कम हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

2. सर्वदलीय सरकार

दूसरा विकल्प सर्वदलीय सरकार गठित को श्रीलंका को संकट से उबारा जा सकता है। पब्लिक से इसकी मांग भी उठ रही है। रानिल विक्रमसिंघे ने हाल ही में कहा भी था कि सभी नागरिकों की सुरक्षा सहित सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए मैं पार्टी नेताओं की सर्वदलीय सरकार के लिए रास्ता बनाने की सबसे अच्छी सिफारिश को स्वीकार करता हूं। श्रीलंका को इस संकट से निकालने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को पुराने गिले शिकवे भुलाकर साथ में आना पड़ेगा। ये कदम देश के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। 

3. सैन्य शासन

दोनों विकल्पों पर सहमति न बनने की स्थिति में सैन्य शासन अंतिम विकल्प है। लोकतंत्र के लिहाज से इस विकल्प को सही नहीं माना जा सकता है, लेकिन वहां पर जो हालात हैं उसको देखते हुए एक विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, ऐसा होने की उम्मीद कम है। श्रीलंका की राजनीतिक पार्टियां इसके बारे में विचार करती नहीं दिख रहीं हैं।

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