चीन से बढ़ते खतरों को देख 33 लाख ताइवानियों को दुश्मन से लोहा लेने के लिए ट्रेनिंग, ताइवान के उद्योगपति Robert Tsao की नागरिक सुरक्षा पहल

जिन 33 लाख लोगों को युद्ध के दौरान सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उस प्रशिक्षण में गुरिल्ला युद्ध कला, आत्म-रक्षा और प्राथमिक उपचार जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। नागरिक सुरक्षा और नागरिकों को युद्ध कला में प्रशिक्षण रूस-उक्रेन युद्ध के बाद से बहुत सारे देशों में गंभीर चर्चा का विषय बन गया है....

Update: 2022-09-16 03:44 GMT

चीन से बढ़ते खतरों को देख 33 लाख ताइवानियों को दुश्मन से लोहा लेने के लिए ट्रेनिंग, ताइवान के उद्योगपति की नागरिक सुरक्षा पहल

महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

An industrialist, Robert Tsao, announced plan and fund for civil defense training for 3.3 million people in Taiwan. पिछले कुछ महीनों से ताइवान और चीन के बीच तनातनी बढ़ गयी है। चीन लगातार ताइवान के संप्रभुता पर हमला कर रहा है। पहले चीन द्वारा ताइवान पर संभावित हमले के कयास अनमने तरीके से लगाए जाते थे, पर रूस-उक्रेन युद्ध के बाद इसकी संभावना लगातार बढ़ती जा रही है। ताइवान की सेना अपने आप को पहले से अधिक सशक्त कर रही है, पर चीन की असीमिक क्षमता का मुकाबला करना कठिन है।

रूस-उक्रेन युद्ध के बाद यह भी स्पष्ट हो गया है कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय देश केवल कागजी शेर हैं, युद्ध के समय मदद करने कोई नहीं आता। ऐसे में, ताइवान के औद्योगिक अरबपति रोबर्ट त्सो ने ताइवान में नागरिक सुरक्षा के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्येश्य से अपनी कमाई में से 3.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर या 1 अरब ताईवानी डॉलर खर्च करने का ऐलान किया है। इस राशि में 60 प्रतिशत से 30 लाख नागरिकों को युद्ध के समय सुरक्षा के गुर सिखाये जायेंगे, जबकि शेष 40 प्रतिशत से 3 लाख नागरिकों को हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

रोबर्ट त्सो ताइवान में यूनाइटेड माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन नामक माइक्रोचिप बनाने वाली कंपनी के संस्थापक हैं। उन्होंने 2 सितम्बर को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मेनलैंड चाइना से बढ़ते खतरों का जिक्र करते हुए 33 लाख लोगों को अगले तीन वर्षों के भीतर प्रशिक्षित करने का ऐलान किया। नागरिक प्रशिक्षण के लिए नागरिक सुरक्षा संस्था, कुमा अकादमी, की मदद ली जायेगी। कुमा अकादमी की स्थापना वर्ष 2021 में ही की गयी है और यह जनता के चंदे से चलती है। रोबर्ट त्सो ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि यदि चीन हम पर आक्रमण करता कई और हम नागरिकों को प्रशिक्षित कर नुक्सान कम करने में सफल रहते हैं तब यह केवल ताइवान के लिए ही अच्छा नहीं होगा, बल्कि दुनिया के लिए और मानव सभ्यता के लिए भी अच्छा होगा।

रोबर्ट त्सो का यह कदम इस क्षेत्र के जानकारों के लिए कुतूहल का विषय हो सकता है क्योंकि ये मेनलैंड चाइना में ताइवान के विलय के सबसे बड़े समर्थकों में से एक रह चुके हैं और इसलिए ताइवान सरकार के विरोधी के तौर पर जाने जाते हैं। कुछ वर्ष पहले, जब सरकार ने उनके कारोबार की जांच के लिए एक जांच कमेटी का गठन कर दिया तब इसके विरोध में उन्होंने ताइवान की नागरिकता छोड़ दी थी और सिंगापुर की नागरिकता ले ली थी। पर, अब वे वापस ताइवान आकर नागरिकता ले चुके हैं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने उनके विचार-परिवर्तन के बारे में सवाल किया तब उन्होंने बताया कि मेनलैंड चाइना से उनका मोहभंग हांगकांग में लोकतंत्र को कुचलने के बाद हुआ। उन्होंने कहा कि अब वे वापस ताइवान आ चुके हैं, ताइवान की जनता के साथ खड़े हैं और अंतिम सांस तक ताइवान में ही रहेंगें।

जिन तीस लाख लोगों को युद्ध के दौरान सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उस प्रशिक्षण में गुरिल्ला युद्ध कला, आत्म-रक्षा और प्राथमिक उपचार जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। नागरिक सुरक्षा और नागरिकों को युद्ध कला में प्रशिक्षण रूस-उक्रेन युद्ध के बाद से बहुत सारे देशों में गंभीर चर्चा का विषय बन गया है। यह सभी जानते हैं कि चीन-ताइवान युद्ध अगर होता है तब ताइवान केवल अपनी सेना के भरोसे चीन का मुकाबला करने में अक्षम है क्योंकि ताइवान में सैनिकों की संख्या महज 90,000 ही है। हालां कि ताइवान ने इस वर्ष बजट में रक्षा के क्षेत्र में 12.9 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की है और अब कुल जीडीपी का 2.4 प्रतिशत इस क्षेत्र में खर्च किया जाएगा।

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